पटना: बिहार में बढ़ते अपराध पर काबू पाने के लिए पुलिस मुख्यालय ने बड़ा कदम उठाया है. इस फैसले के तहत प्रदेश के सभी थानों और ओपी को दो-दो वाहन से लैस किया जाएगा. बिहार के सभी थानों और ओपी में अनिवार्य रूप से कम से कम अब दो वाहन उपलब्ध रहेगी. सभी थानों और ओपी को प्रतिदिन दो बदमाशों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है और इसकी मॉनिटरिंग जिले के पुलिस अधीक्षक की जिम्मेदारी दी गई है. वाहनों का इस्तेमाल विधि व्यवस्था, अपराधियों की धरपकड़ व अवैध शराब के विरुद्ध कार्रवाई के लिए बनी एंटी लिकर टास्क फोर्स के द्वारा किया जाएगा.
यह भी पढ़े: बिहार पुलिस मुख्यालय ने 16 पुलिस पदाधिकारियों का किया ट्रांसफर, देखें पूरी लिस्ट
ढाई हजार वाहन पुराने हो चुके हैं: बिहार में कुल 1092 थाना है और तकरीबन 200 ओपी है. पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों के मुताबिक तकरीबन 5000 वाहन इन सभी 1300 थानों और ओपी में है. हालांकि इनमें से 50 प्रतिशत यानी कि ढाई हजार वाहन पुराने हो चुके हैं. नई वाहनों की खरीदारी (Buying New Vehicles) भी की जा रही है जिन्हें आवश्यकतानुसार थानों को मुहैया भी करवाई जा रही है.
यह भी पढ़े: बिहार में आपराधिक वारदातों में वृद्धि, 2021 की तुलना में 40 फीसदी अपराधियों की ज्यादा गिरफ्तारी
"थानों और ओपी में कम से कम 2 फोर व्हीलर वाहन होना अनिवार्य है. जिन जगहों पर वाहन उपलब्ध नहीं है उन्हें किराए पर लेने का निर्देश दिया गया है.अभी हाल ही में डायल 112 की शुरुआत की गई है. जिसके तहत 400 फोर व्हीलर बोलेरो गाड़ी की खरीदारी की गई है. हालांकि दूसरे चरण के लिए कुल लगभग 1300 और वाहनों की खरीदारी की जाएगी. जिसमें फोर व्हीलर और बाइक शामिल हैं." -जितेंद्र सिंह गंगवार, एडीजी, बिहार पुलिस मुख्यालय
ग्रामीण थानों और ओपी में नहीं है खुद का वाहन : बिहार के कई ऐसे थाने हैं जहां पर दो वाहनों से काम नहीं चल सकता है. जिस वजह से वहां पर चार से पांच की संख्या में गाड़ियां भी मौजूद है. ग्रामीण थानों की अगर बात करें तो ज्यादातर थानों और ओपी में अपना वाहन नहीं है. वहां किराए पर वाहन और थानों में पकड़ी गई वाहनों से काम चल रहा है.
यह भी पढ़े: बिहार में 51 हजार वारंटियों की तलाश, अगर गिरफ्तार कर भी लें तो बंद करेंगे कहां?