ETV Bharat / state

बिना सलाह तीनों सीट पर RJD की घोषणा से माले खफा, विधान परिषद में मांगी एक सीट, समझें गणित - Male Demand for a seat in Legislative Council

बिहार विधान परिषद चुनाव को लेकर बिहार की सियासत एक बार फिर से गरमा गई है. राजद ने विधान परिषद चुनाव को लेकर तीन उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. इसके बाद से महागठबंधन में तकरार शुरू हो गया है. माले विधान परिषद चुनाव में एक सीट की मांग (Male Demand for a seat in Legislative Council) कर रही है. पढ़ें पूरी खबर..

माले की विधान परिषद में एक सीट की मांग
माले की विधान परिषद में एक सीट की मांग
author img

By

Published : May 31, 2022, 7:54 PM IST

Updated : May 31, 2022, 9:10 PM IST

पटना: बिहार विधान परिषद चुनाव (Bihar Legislative Council Election) को लेकर आरजेडी ने अपने तीन उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी है. राजद द्वारा नाम की धोषणा किए जाने के बाद उसके सहयोगी वामदलों ने भी सीट की मांग की है. वामदलों का कहना है कि राजद ने उनके साथ वादाखिलाफी की है और विधान परिषद में जो एक सीट देने का आश्वासन दिया गया था, वह आश्वासन पूरा नहीं किया गया है. इसको लेकर वामदलों की ओर से राजद को पत्र भी लिखा गया है.

ये भी पढ़ें-कभी पत्थर तोड़ने वाली भगवती देवी को लालू ने भेजा था संसद, अब कपड़ा धोने वाली को दिया MLC का टिकट

विधान परिषद में एक सीट की मांग: बता दे कि विधानपरिषद में राजद के कोटा से जाने वाले दो उम्मीदवारों के नाम की घोषणा के वक्त यह तय किया गया था कि उन उम्मीदवारों के समर्थन में जरूरी संख्या को वामदलों के विधायकों से पूरा किया जाएगा. लेकिन राजद के तरफ से 3 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की गई है. उसमें वामदलों को कोई स्थान नहीं दिया गया है. इस बात को लेकर वामदलों ने अपनी नाराजगी जताई है. वाम दलों का कहना है कि राजद ने गठबंधन धर्म का पालन नहीं किया है, जबकि उन्हें एक सीट मिलनी चाहिए थी.

तीसरी सीट निकालने के लिए राजद वमदल के वोट पर निर्भर: वामदलों का कहना है कि विधान सभा में वाम दलों के 16 विधायक होने के बावजूद भी राजद ने उनसे उम्मीदवार उतारने से पहले सलाह मशविरा नहीं किया और अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया. गौरतलब है कि विधानसभा में सीपीआई माले के पास 12 और सीपीआईएम के दो और सीपीएम के दो विधायक हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि राजद को विधान परिषद चुनाव में तीसरे उम्मीदवार के लिए वामदलों के वोट पर ही रहना होगा.

माले ने राजद को लिखा पत्र: राजद की ओर से तीन उम्मीदवारों की धोषणा के बाद सीपीआई एमएल ने राजद को पत्र लिखा है. जिसमें कहा गया है कि तीन सीटों के लिए राजद की तरफ से जिन प्रत्याशियों के नाम की घोषणा की गई है, वह गठबंधन की मर्यादा के अनुरूप नहीं है. बातचीत की प्रक्रिया के बीच में ही राजद के द्वारा अपनी तरफ से एक प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी गई. जबकि एक सीट पर उनका लंबे समय से दावा रहा है और राजद भी इस बात को स्वीकार करता रहा है.

वामदलों ने राजद के नेतृत्व से आग्रह किया है कि वह इस फैसले पर पुनर्विचार करें और विधान परिषद सीट पर माले की दावेदारी के प्रति सकारात्मक रुख अपनाएं. मिली जानकारी के बाद वाम दलों के इस पत्र के बाद राजद में सोच विचार का दौर शुरू हो गया है. क्योंकि अगर मार्ले अपनी जिद पर अड़ गया तो राजद के लिए विधान परिषद की तीसरी सीट पर उम्मीदवार का जीतना मुश्किल हो जाएगा.

एक सीट माले की चिर लंबित मांग: भाकपा माले के राज्य सचिव कुणाल ने इस संबंध में कहा है कि "विधान परिषद की एक सीट पर माले की हिस्सेदारी एक चिर लंबित मांग है. इस मसले पर राजद और अन्य पार्टियों का भी समर्थन रहा है, लेकिन इससे भी ज्यादा अहम बात यह है कि एक महागठबंधन चल रहा है. कोई भी फैसला अगर आप लेते हैं तो महागठबंधन की पार्टियों भी उसमें साथ है. राय मशवरा करके होना चाहिए."

उन्होंने कहा कि "राजद ने जिस तरीके से एक तरफा 3 सीटों पर अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है. यह गठबंधन के तौर-तरीकों का उल्लंघन है. इससे आपस के रिश्ते कमजोर होते हैं. यह ठीक नहीं है. इस संबंध में हम लोगों ने अपना ऑब्जेक्शन भी किया है. लेकिन राजद ने ऐसा नहीं किया और हमने इसका विरोध किया है."

इस मसले पर होगी बात: वहीं, इस मसले पर राजद के प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा है कि "वादा का कोई मामला नहीं होता है. राजनीति में विचार से समझौता होता है और विचारों के आधार पर ही समझौता आगे बढ़ता है. वामदलों का और हमारा विचार एक है. इससे कोई अलग नहीं रह सकता. हम लोग चाहते हैं कि वृहद पैमाने पर जो देश के अंदर नफरत की राजनीति चल रही है, उसके खिलाफ एकजुट होकर लड़ें. इसमें वामदल हमारे साथ खड़े हैं और हम वामदल के साथ खड़े हैं. अगर कोई शिकायत है तो हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष इस मसले पर बात करेंगे और शिकायतों का निपटारा हो जाएगा.

ये भी पढ़ें-BJP राज्यसभा प्रत्याशी शंभू शरण पटेल और सतीश चंद्र दुबे ने किया नामांकन, 5 सीटों पर निर्विरोध चुनाव के आसार

विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

पटना: बिहार विधान परिषद चुनाव (Bihar Legislative Council Election) को लेकर आरजेडी ने अपने तीन उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी है. राजद द्वारा नाम की धोषणा किए जाने के बाद उसके सहयोगी वामदलों ने भी सीट की मांग की है. वामदलों का कहना है कि राजद ने उनके साथ वादाखिलाफी की है और विधान परिषद में जो एक सीट देने का आश्वासन दिया गया था, वह आश्वासन पूरा नहीं किया गया है. इसको लेकर वामदलों की ओर से राजद को पत्र भी लिखा गया है.

ये भी पढ़ें-कभी पत्थर तोड़ने वाली भगवती देवी को लालू ने भेजा था संसद, अब कपड़ा धोने वाली को दिया MLC का टिकट

विधान परिषद में एक सीट की मांग: बता दे कि विधानपरिषद में राजद के कोटा से जाने वाले दो उम्मीदवारों के नाम की घोषणा के वक्त यह तय किया गया था कि उन उम्मीदवारों के समर्थन में जरूरी संख्या को वामदलों के विधायकों से पूरा किया जाएगा. लेकिन राजद के तरफ से 3 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की गई है. उसमें वामदलों को कोई स्थान नहीं दिया गया है. इस बात को लेकर वामदलों ने अपनी नाराजगी जताई है. वाम दलों का कहना है कि राजद ने गठबंधन धर्म का पालन नहीं किया है, जबकि उन्हें एक सीट मिलनी चाहिए थी.

तीसरी सीट निकालने के लिए राजद वमदल के वोट पर निर्भर: वामदलों का कहना है कि विधान सभा में वाम दलों के 16 विधायक होने के बावजूद भी राजद ने उनसे उम्मीदवार उतारने से पहले सलाह मशविरा नहीं किया और अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया. गौरतलब है कि विधानसभा में सीपीआई माले के पास 12 और सीपीआईएम के दो और सीपीएम के दो विधायक हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि राजद को विधान परिषद चुनाव में तीसरे उम्मीदवार के लिए वामदलों के वोट पर ही रहना होगा.

माले ने राजद को लिखा पत्र: राजद की ओर से तीन उम्मीदवारों की धोषणा के बाद सीपीआई एमएल ने राजद को पत्र लिखा है. जिसमें कहा गया है कि तीन सीटों के लिए राजद की तरफ से जिन प्रत्याशियों के नाम की घोषणा की गई है, वह गठबंधन की मर्यादा के अनुरूप नहीं है. बातचीत की प्रक्रिया के बीच में ही राजद के द्वारा अपनी तरफ से एक प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी गई. जबकि एक सीट पर उनका लंबे समय से दावा रहा है और राजद भी इस बात को स्वीकार करता रहा है.

वामदलों ने राजद के नेतृत्व से आग्रह किया है कि वह इस फैसले पर पुनर्विचार करें और विधान परिषद सीट पर माले की दावेदारी के प्रति सकारात्मक रुख अपनाएं. मिली जानकारी के बाद वाम दलों के इस पत्र के बाद राजद में सोच विचार का दौर शुरू हो गया है. क्योंकि अगर मार्ले अपनी जिद पर अड़ गया तो राजद के लिए विधान परिषद की तीसरी सीट पर उम्मीदवार का जीतना मुश्किल हो जाएगा.

एक सीट माले की चिर लंबित मांग: भाकपा माले के राज्य सचिव कुणाल ने इस संबंध में कहा है कि "विधान परिषद की एक सीट पर माले की हिस्सेदारी एक चिर लंबित मांग है. इस मसले पर राजद और अन्य पार्टियों का भी समर्थन रहा है, लेकिन इससे भी ज्यादा अहम बात यह है कि एक महागठबंधन चल रहा है. कोई भी फैसला अगर आप लेते हैं तो महागठबंधन की पार्टियों भी उसमें साथ है. राय मशवरा करके होना चाहिए."

उन्होंने कहा कि "राजद ने जिस तरीके से एक तरफा 3 सीटों पर अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है. यह गठबंधन के तौर-तरीकों का उल्लंघन है. इससे आपस के रिश्ते कमजोर होते हैं. यह ठीक नहीं है. इस संबंध में हम लोगों ने अपना ऑब्जेक्शन भी किया है. लेकिन राजद ने ऐसा नहीं किया और हमने इसका विरोध किया है."

इस मसले पर होगी बात: वहीं, इस मसले पर राजद के प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा है कि "वादा का कोई मामला नहीं होता है. राजनीति में विचार से समझौता होता है और विचारों के आधार पर ही समझौता आगे बढ़ता है. वामदलों का और हमारा विचार एक है. इससे कोई अलग नहीं रह सकता. हम लोग चाहते हैं कि वृहद पैमाने पर जो देश के अंदर नफरत की राजनीति चल रही है, उसके खिलाफ एकजुट होकर लड़ें. इसमें वामदल हमारे साथ खड़े हैं और हम वामदल के साथ खड़े हैं. अगर कोई शिकायत है तो हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष इस मसले पर बात करेंगे और शिकायतों का निपटारा हो जाएगा.

ये भी पढ़ें-BJP राज्यसभा प्रत्याशी शंभू शरण पटेल और सतीश चंद्र दुबे ने किया नामांकन, 5 सीटों पर निर्विरोध चुनाव के आसार

विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

Last Updated : May 31, 2022, 9:10 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.