पटनाः रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा की अगुवाई में महागठबंधन के दलों ने एकदिवसीय धरना प्रदर्शन किया. इसमें महागठबंधन से नाराज चल रहे हम प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी भी शामिल हुए. वहीं, राजद ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. इसके अलावा कांग्रेस, वीआईपी, सीपीआई और सीपीएम भी प्रदर्शन में शामिल हुई.
'एकजुट है महांगठबंधन'
कांग्रेस नेता शकील अहमद ने कहा कि जनता के हक की लड़ाई के लिए महागठबंधन एकजुट है. महागठबंधन कहीं से भी कमजोर नहीं है. एनडीए के लोग हमें बदनाम करने की जितनी भी कोशिश कर ले, अब महागठबंधन कमजोर नहीं हो सकता. उन्होंने कहा कि ये प्रदर्शन जनता की मांग है न कि महागठबंधन की.
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'महागठबंधन के सभी दल एकजुट'
रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि जनता की आवाज को बुलंद करने के लिए महागठबंधन एकजुट हुआ है. उनकी अगुवाई में महागठबंधन चलने के सवाल पर उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य की जनविरोधी सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन का निर्णय महागठबंधन का है ना कि मेरा निजी. तेजस्वी के धरना प्रदर्शन में शामिल नहीं होने पर कुशवाहा ने कहा कि आरजेडी के कई नेता शामिल हुए हैं. कोई जरूरी नहीं कि तेजस्वी यादव भी शामिल हो, महागठबंधन के सभी दल एकजुट हैं.
'नाराज नहीं हैं मांझी'
जीतन राम मांझी की नाराजगी पर कुशवाहा ने कहा कि उन्हें कोई गलतफहमी या नाराजगी नहीं है. महागठबंधन के सभी दलों का एक ही मकसद है कि केंद्र और राज्य की सरकार को सत्ता से बाहर किया जाए. इस पर सभी मिल कर काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि देश में भारी बेरोजगारी, आर्थिक मंदी और भ्रष्टाचार व्याप्त है. जनता से जुड़े मुद्दों को उठाने के लिए महागठबंधन प्रतिबद्ध है.