पटना: चुनावी रणनीतिकार और जन सुराज के संयोजक प्रशांत किशोर इन दिनों बिहार के विभिन्न जिलों में पदयात्रा कर रहे (Election strategist Prashant Kishor) हैं. आधा दर्जन से अधिक जिलों में पदयात्रा कर चुके हैं. राजनितिक गलियारों में चर्चा है कि इस साल प्रशांत किशोर अपना दल भी बना लेंगे. 2024 लोकसभा चुनाव में कई सीटों पर उम्मीदवार भी उतारेंगे. दल बनाकर मैदान में उतरेंगे तो निश्चित रूप से जो प्रमुख दल हैं, उनके लिए चुनौती पेश करेंगे. इसी लिए आरजेडी, जदयू और बीजेपी के अंदरखाने में बैचेनी बढ़ गई है.
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लोकसभा चुनाव को लेकर वोटिंग भी करवा रहे हैं: हाल ही में बिहार विधान परिषद के 5 सीटों पर हुए चुनाव में से सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से अफाक अहमद ने जीतकर जन सुराज से जुड़े लोगों में उत्साह ला दिया है. ऐसे में प्रशांत किशोर यदि लोकसभा चुनाव में मजबूती से उतरेंगे तो तय है कि बीजेपी और महागठबंधन की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं.
विधान परिषद में जीत से लोगों में उत्साह बढ़ी: जन सुराज से जुड़े हुए लोगों का भी कहना है कि इसी साल दल बनाने की तैयारी है और 2024 चुनाव में भी हम लोग उम्मीदवार उतारेंगे. अभी हाल में विधान परिषद के 5 सीटों पर चुनाव हुआ सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र जो सीपीआई के केदार पांडे का गढ़ था. वहां प्रशांत किशोर ने अफाक अहमद को समर्थन दिया और आफाक अहमद ने वहां से चुनाव जीता है. चुनाव जीतने के बाद प्रशांत किशोर तो यहां तक कहने लगे हैं कि हम लोग ना तो महागठबंधन का वोट काटेंगे ना और ना ही बीजेपी का जनता दोनों को साफ कर देगी.
"प्रशांत किशोर भाजपा का विरोध कर रहे लेकिन वे उन्हीं मुद्दों को उठा रहे हैं जो बीजेपी उठाती रही है. उनसे कोई चुनौती नही हैं. हमे कोई चुनौती नहीं है." -मनोज शर्मा, बीजेपी प्रवक्ता
"प्रशांत किशोर चाहे कोई भी पार्टी बना ले. वैसे लोगों को बिहार की जनता स्वीकार नहीं करती है जो राजनीति को व्यापार के तौर पर इस्तेमाल करते हैं. राजनीति को व्यापारिक हित का माध्यम बनाकर अपना व्यापारिक हित साधते हैं."-एजाज अहमद, आरजेडी प्रवक्ता
"हमलोगों को उनसे कोई खतरा नहीं हैं और न ही कोई चुनौती है. कोई भी दल बना लें. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है". -हेमराज राम जदयू प्रवक्ता
"प्रशांत किशोर ग्रामीण इलाकों का दौरा और लोगों से जुड़े हुए मुद्दे उठा रहे हैं. वह लोगों को पसंद आ रहा है. विधान परिषद की 1 सीट पर उनको जीत भी मिली है और तय है कि अपना दल भी बनाएंगे. 2024 चुनाव में और 2025 विधानसभा चुनाव में अपनी उपस्थिति भी दर्ज कराने की कोशिश करेंगे." -अरुण पांडे, वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विशेषज्ञ