पटना: बिहार में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए महागठबंधन के सभी घटक दलों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ईमेल के माध्यम से पत्र भेजा है. इसमें 11 सूत्री मांग की गई है और कहा गया है कि सरकार सभी मांगों को पूरा करे.
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भाकपा माले के राज्य सचिव कुणाल, राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह, बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा, सीपीआई के राज्य सचिव रामनरेश पांडे और सीपीआईएम के राज्य सचिव अवधेश कुमार ने संयुक्त रूप से पत्र भेजा. सभी ने बिहार के मुख्य सचिव द्वारा कोविड अस्पतालों और कम्युनिटी किचन सेंटर के सर्वेक्षण से जनप्रतिनिधियों को रोकने के निर्देश को अलोकतांत्रिक व जनविरोधी बताते हुए कड़ी निंदा की.
पत्र में लगाए आरोप
पत्र में लिखा गया है कि कमजोर स्वास्थ्य तंत्र और 1 साल का समय मिलने के बावजूद सरकार द्वारा आवश्यक नीतिगत निर्णय लेने में समय लगाया गया. इसके कारण आज पूरा राज्य कोरोना संक्रमण की गिरफ्त में आ चुका है. हर तरफ त्राहिमाम मचा हुआ है. दवाइयों से लेकर ऑक्सीजन की कालाबाजारी हो रही है. विपक्षी दलों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ संवाद स्थापित करने के बजाय सरकार ने संवेदनहीन रूख अपनाया है. जब जनप्रतिनिधि अधिकारी को फोन करते हैं तो अधिकारी फोन तक नहीं उठाते.
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पत्र में की गई मांग
- वेंटिलेटर और एम्बुलेंस की स्थिति पर श्वेत पत्र सरकार जारी करे.
- विधायक मद की राशि के प्रति लोकतांत्रिक और पारदर्शी तरीका अपनाएं.
- सर्वव्यापी टीकाकरण की गारंटी करें. पंचायत स्तर तक जांच का विस्तार करें.
- 24 घंटे में आरटी पीसीआर रिपोर्ट की गारंटी हो.
- अस्पतालों के तमाम रिक्त पदों को शीघ्र भरा जाए.
- चिकित्सा सेवा का विस्तार हो और उसकी गुणवत्ता बढ़ाई जाए.
- कोरोना से जिनकी मृत्यु हुई हो उनके आश्रितों को चार लाख की अनुग्रह राशि दी जाए.
- रोज कमाने खाने वाले लोगों के लिए राशन और गुजारा भत्ता दिया जाए.
- आशा कार्यकर्ता और सफाई मजदूरों को विशेष भत्ता व बीमा का लाभ दिया जाए.
- एक्सपर्ट कमेटी का अभिलंब गठन हो.
- महामारी के संभावित तीसरी लहर से मुकाबले की तैयारी अभी से शुरू हो.