पटना: बिहार में लोकसभा चुनाव को लेकर मैराथन बैठकों का दौर शुरू हो गया है. गठबंधन के कुनबे को भी बढ़ाया जा रहा है. उपचुनाव के नतीजे महागठबंधन नेताओं के लिए संजीवनी की तरह है. तमाम नेता नतीजे को भुनाने में जुटे हैं, वहीं भाजपा ने उपचुनाव के परिणाम के बाद दुष्परिणामों की ओर इशारा किया है. इंडिया के बैनर तले तमाम भाजपा विरोधी दल एकजुट हो रहे हैं.
उपचुनाव में जीत से महागठबंधन में उत्साह: बता दें कि छह राज्यों में उपचुनाव हुए हैं. महागठबंधन अर्थात विपक्षी दलों के खाते में चार सीट गई है तो भाजपा को तीन सीटों पर जीत हासिल हुई है. उपचुनाव में मिली बढ़त को लेकर बिहार में महागठबंधन के नेता उत्साहित हैं और दावों का दौर शुरू हो गया है. राजद के मुख्य प्रवक्ता शक्ति यादव ने कहा है कि उपचुनाव के नतीजे स्पष्ट कर रहे हैं कि महागठबंधन की ताकत बढ़ रही है. हम लोगों ने कहा था कि 2014 वाले 2024 में नहीं आएंगे. महागठबंधन के पास 65 प्रतिशत वोट है.
लोकसभा चुनाव में जीत का दावा: छह राज्यों को उपचुनाव में महागठबंधन को सफलता मिली है. सीपीआईएमएल के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने भी दावा किया है कि बिहार और झारखंड में भी भाजपा को शिकस्त मिली है. लोकसभा चुनाव में भी हम भाजपा को हराने में कामयाब होंगे.
"उपचुनाव के परिणाम का दुष्परिणाम भी जल्द सामने आने वाला है. महागठबंधन के घटक दल के अंदर ही खींचतान सीटों को लेकर होने वाली है. जहां तक भाजपा का सवाल है तो चंद्रयान, सूर्ययन और जी 20 की अपार सफलता से देश की जनता आशा भरी निगाहों से नरेंद्र मोदी की ओर देख रही है. भाजपा को फिर 2024 में जीत हासिल होगी." -डॉ रामसागर सिंह,भाजपा प्रवक्ता