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RLSP ने pk को दिया ऑफर, कहा- बिहार को नीतीश से मुक्ति दिलाने के लिए महागठबंधन की करें मदद

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Published : Jan 25, 2020, 4:55 PM IST

रालोसपा नेता का कहना है कि नीतीश कुमार प्रशांत किशोर और पवन वर्मा को न तो पार्टी से निकालेंगे और न ही दोनों को शहीद होने देंगे. बल्कि वो चाहते हैं कि दोनों नेता खुद ही बयानबाजी कर समाप्त हो जाएं.

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माधव आनंद

नई दिल्ली/पटना: जेडीयू में चल रही खींचतान पर रालोसपा के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव माधव आनंद ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर लगातार अपनी पार्टी की लाइन से हटकर बोल रहे हैं और जेडीयू की संविधान की दुहाई दे रहे हैं. वहीं, कई मुद्दे पर खुलकर पार्टी का विरोध कर रहे हैं. अब तो उन्होंने सुशील मोदी के 'कैरेक्टर' पर सवाल उठाया है. रालोसपा नेता ने पीके का समर्थन करते हुए जेडीयू छोड़ महागठबंधन को मदद करने की अपील की है.

ईटीवी भारत से बातचीत में माधव आनंद ने कहा कि प्रशांत किशोर ने सुशील मोदी के बारे में कुछ भी गलत नहीं कहा. एक जमाने में सुमो ने नीतीश कुमार को अवसरवादी नेता की संज्ञा दी थी. उनके डीएनए में गड़बड़ी की बात कहते थे. रालोसपा नेता ने तंज कसते हुए कहा कि नीतीश कुमार और सुशील मोदी एक जैसे हैं. नीतीश कुमार ने 2015 में कहा था 'मिट्टी में मिल जाएंगे पर बीजेपी के साथ नहीं जाएंगे'. आरएसएस मुक्त भारत की बात करने वाले नीतीश ने जो कुछ भी कहा सब उसका उल्टा किया. सत्ता के लिए सुशील मोदी और नीतीश साथ हो गए.

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माधव आनंद

'पीके को पार्टी से नहीं निकालेंगे नीतीश'
माधव आनंद का कहना है कि नीतीश कुमार प्रशांत किशोर और पवन वर्मा को न तो पार्टी से निकालेंगे और न ही दोनों को शहीद होने देंगे. नीतीश कुमार चाहते हैं कि दोनों नेता बयानबाजी करते-करते हल्के हो जाएं. माधव आनंद ने आरोप लगाते हुए कहा कि नीतीश को पता है कि ज्यादा बयानबाजी करने से दोनों नेताओं को मीडिया तवज्जो नहीं देगा. बल्कि दोनों खुद ही समाप्त हो जायेंगे. रालोसपा नेता ने सहानुभूति जताते हुए कहा कि प्रशांत किशोर बड़े चुनावी रणनीतिकार हैं. उन्हें जेडीयू से इस्तीफा देकर बिहार की जनता को नीतीश से मुक्ति दिलाने के लिए महागठबंधन की मदद करनी चाहिए.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

पार्टी के नीतियों के खिलाफ पीके और पवन
बता दें कि जेडीयू अंदरूनी कलह से जूझ रही है. प्रशांत किशोर और पवन वर्मा सीएए और एनआरसी के खिलाफ लगातार बयानबाजी कर रहे हैं. वहीं, पवन वर्मा ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी के साथ गठबंधन पर सवाल उठा चुके हैं. दूसरी तरफ प्रशांत किशोर गृह मंत्री अमित शाह को सीएए और एनआरसी लागू करने की चुनौती भी दे चुके हैं. हालांकि नीतीश कुमार दोनों को कड़ी नसीहत भी दे चुके हैं.

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प्रशांत किशोर-सुशील मोदी

पीके का ट्वीट
दरअसल शनिवार को राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने वीडियो साझा करते हुए लिखा, 'लोगों को चरित्र प्रमाण पत्र देने में सुशील कुमार मोदी जी का कोई जोड़ नहीं है. देखिए, इससे पहले बोलकर बता रहे थे और अब डिप्टी सीएम बना दिए गए तो लिख कर दे रहे हैं. इनकी क्रोनोलॉजी भी बिल्कुल क्लीयर है.' पीके ने सुशील मोदी के पुराने बयान को आधार बनाते हुए तंज कसा है. जिस वीडियो को पीके ने साझा किया है. उसमें सुशील मोदी कहते दिख रहे हैं कि नीतीश कुमार अपने आप को बिहार का पर्याय समझने लगे हैं. लेकिन, नीतीश इज नॉट बिहार एंड बिहार इज नॉट नीतीश कुमार जो लोग इंदिरा गांधी की तर्ज पर इंदिरा इज इंडिया, इंडिया इज इंदिरा. वो जमाना चला गया.

नई दिल्ली/पटना: जेडीयू में चल रही खींचतान पर रालोसपा के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव माधव आनंद ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर लगातार अपनी पार्टी की लाइन से हटकर बोल रहे हैं और जेडीयू की संविधान की दुहाई दे रहे हैं. वहीं, कई मुद्दे पर खुलकर पार्टी का विरोध कर रहे हैं. अब तो उन्होंने सुशील मोदी के 'कैरेक्टर' पर सवाल उठाया है. रालोसपा नेता ने पीके का समर्थन करते हुए जेडीयू छोड़ महागठबंधन को मदद करने की अपील की है.

ईटीवी भारत से बातचीत में माधव आनंद ने कहा कि प्रशांत किशोर ने सुशील मोदी के बारे में कुछ भी गलत नहीं कहा. एक जमाने में सुमो ने नीतीश कुमार को अवसरवादी नेता की संज्ञा दी थी. उनके डीएनए में गड़बड़ी की बात कहते थे. रालोसपा नेता ने तंज कसते हुए कहा कि नीतीश कुमार और सुशील मोदी एक जैसे हैं. नीतीश कुमार ने 2015 में कहा था 'मिट्टी में मिल जाएंगे पर बीजेपी के साथ नहीं जाएंगे'. आरएसएस मुक्त भारत की बात करने वाले नीतीश ने जो कुछ भी कहा सब उसका उल्टा किया. सत्ता के लिए सुशील मोदी और नीतीश साथ हो गए.

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माधव आनंद

'पीके को पार्टी से नहीं निकालेंगे नीतीश'
माधव आनंद का कहना है कि नीतीश कुमार प्रशांत किशोर और पवन वर्मा को न तो पार्टी से निकालेंगे और न ही दोनों को शहीद होने देंगे. नीतीश कुमार चाहते हैं कि दोनों नेता बयानबाजी करते-करते हल्के हो जाएं. माधव आनंद ने आरोप लगाते हुए कहा कि नीतीश को पता है कि ज्यादा बयानबाजी करने से दोनों नेताओं को मीडिया तवज्जो नहीं देगा. बल्कि दोनों खुद ही समाप्त हो जायेंगे. रालोसपा नेता ने सहानुभूति जताते हुए कहा कि प्रशांत किशोर बड़े चुनावी रणनीतिकार हैं. उन्हें जेडीयू से इस्तीफा देकर बिहार की जनता को नीतीश से मुक्ति दिलाने के लिए महागठबंधन की मदद करनी चाहिए.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

पार्टी के नीतियों के खिलाफ पीके और पवन
बता दें कि जेडीयू अंदरूनी कलह से जूझ रही है. प्रशांत किशोर और पवन वर्मा सीएए और एनआरसी के खिलाफ लगातार बयानबाजी कर रहे हैं. वहीं, पवन वर्मा ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी के साथ गठबंधन पर सवाल उठा चुके हैं. दूसरी तरफ प्रशांत किशोर गृह मंत्री अमित शाह को सीएए और एनआरसी लागू करने की चुनौती भी दे चुके हैं. हालांकि नीतीश कुमार दोनों को कड़ी नसीहत भी दे चुके हैं.

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प्रशांत किशोर-सुशील मोदी

पीके का ट्वीट
दरअसल शनिवार को राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने वीडियो साझा करते हुए लिखा, 'लोगों को चरित्र प्रमाण पत्र देने में सुशील कुमार मोदी जी का कोई जोड़ नहीं है. देखिए, इससे पहले बोलकर बता रहे थे और अब डिप्टी सीएम बना दिए गए तो लिख कर दे रहे हैं. इनकी क्रोनोलॉजी भी बिल्कुल क्लीयर है.' पीके ने सुशील मोदी के पुराने बयान को आधार बनाते हुए तंज कसा है. जिस वीडियो को पीके ने साझा किया है. उसमें सुशील मोदी कहते दिख रहे हैं कि नीतीश कुमार अपने आप को बिहार का पर्याय समझने लगे हैं. लेकिन, नीतीश इज नॉट बिहार एंड बिहार इज नॉट नीतीश कुमार जो लोग इंदिरा गांधी की तर्ज पर इंदिरा इज इंडिया, इंडिया इज इंदिरा. वो जमाना चला गया.

Intro:बिहार की जनता को नीतीश से मुक्ति दिलाने के लिए PK महागठबंधन की मदद करें- माधव आनंद

नयी दिल्ली- रालोसपा के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव माधव आनंद ने कहा कि जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर लगातार अपने पार्टी के लाइन से हटकर बोल रहे हैं और जेडीयू की संविधान की दुहाई दे रहे हैं, अब जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार को बताना चाहिए की jdu का संविधान क्या है, आज प्रशांत किशोर ने सुशील मोदी पर निशाना साधा है और सुशील मोदी के character पर सवाल उठाया है


Body:माधव आनंद ने कहा कि प्रशांत किशोर ने सही कहा है, सुशील मोदी एक जमाने में नीतीश कुमार को अवसरवादी कहते थे, उनके डीएनए में गड़बड़ी की बात कहते थे, नीतीश कुमार का character भी सुशील मोदी जैसा ही है, नीतीश कुमार 2015 में कहते थे कि मिट्टी में मिल जाएंगे बीजेपी के साथ नहीं जाएंगे, नीतीश rss मुक्त भारत की बात करते थे लेकिन नीतीश ने जो भी कुछ कहा सब उसका उल्टा किया, सत्ता के लिए सुशील मोदी, नीतीश साथ हो गए

माधव आनंद ने कहा कि प्रशांत किशोर की तरह jdu के पवन वर्मा भी लगातार पार्टी लाइन से हटकर बोल रहे हैं लेकिन नीतीश कुमार प्रशांत किशोर और पवन वर्मा को कभी पार्टी से नहीं निकालेंगे न उन दोनों को शहीद होने देंगे, नीतीश कुमार चाहते हैं कि यह दोनों नेता बयानबाजी करते-करते हल्के हो जाएं, नीतीश को पता है कि यह दोनों ज्यादा बयानबाजी करेंगे तो मीडिया भी इनको तवज्जो नहीं देगी और वह दोनों ऐसे में खुद ही समाप्त हो जाएंगे, नीतीश इस चक्कर में हैं

माधव आनंद ने कहा कि प्रशांत किशोर बड़े चुनावी रणनीतिकार हैं, उनको jdu से इस्तीफा दे देना चाहिए और बिहार की जनता को नीतीश से मुक्ति दिलाने के लिए महागठबंधन की मदद करनी चाहिए


Conclusion:बता दें जेडीयू अंदरूनी कलह से जूझ रही है, जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर और राष्ट्रीय महासचिव तथा राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन वर्मा लगातार caa, nrc के खिलाफ में बोल रहे हैं, दिल्ली चुनाव में jdu का bjp से गठबंधन हुआ है उसपर भी पवन वर्मा सवाल उठा चुके हैं, प्रशांत किशोर caa, एनआरसी को लागू करने की चुनौती अमित शाह को दे रहे हैं, नीतीश कुमार ने इन दोनों को कड़ी नसीहत दी है लेकिन उसके बाद भी इन लोगों की बयानबाजी जारी है

अब प्रशांत किशोर ने वरिष्ठ बीजेपी नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी पर हमला बोला है, प्रशांत किशोर ने एक वीडियो ट्वीट कर लिखा है की लोगों को character सर्टिफिकेट देने में सुशील मोदी का कोई जोड़ नहीं है, अपने ट्वीट में प्रशांत किशोर ने सुशील मोदी के ट्वीट को रिट्वीट किया है जिसमें सुशील मोदी ने नीतीश कुमार की तारीफ करते हुए लिखा है कि नीतीश के साथ यह विडंबना अक्सर होती है कि अपनी उदारतावश वे जिनको फर्श से उठाकर अर्श पर बैठाते हैं, वे ही उनके लिए मुसीबत बनने लगते हैं, नीतीश ने किसी को अपनी कुर्सी दी, कितनों को राज्यसभा का सदस्य बनवाया, किसी को गैरराजनीतिक गलियों से उठाकर संगठन में ऊंचा ओहदा दे दिया लेकिन इनमें से कुछ लोगों ने थैंकलेस होने से गुरेज नहीं किया

बता दें सुशील मोदी ने अपने ट्वीट में किसी का नाम नहीं लिया है लेकिन इशारा जेडीयू की पार्टी लाइन से बाहर जाकर बयान देने वाले दोनों बागी नेताओं प्रशांत किशोर और पवन वर्मा के लिए है
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