नई दिल्ली/पटना: जेडीयू में चल रही खींचतान पर रालोसपा के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव माधव आनंद ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर लगातार अपनी पार्टी की लाइन से हटकर बोल रहे हैं और जेडीयू की संविधान की दुहाई दे रहे हैं. वहीं, कई मुद्दे पर खुलकर पार्टी का विरोध कर रहे हैं. अब तो उन्होंने सुशील मोदी के 'कैरेक्टर' पर सवाल उठाया है. रालोसपा नेता ने पीके का समर्थन करते हुए जेडीयू छोड़ महागठबंधन को मदद करने की अपील की है.
ईटीवी भारत से बातचीत में माधव आनंद ने कहा कि प्रशांत किशोर ने सुशील मोदी के बारे में कुछ भी गलत नहीं कहा. एक जमाने में सुमो ने नीतीश कुमार को अवसरवादी नेता की संज्ञा दी थी. उनके डीएनए में गड़बड़ी की बात कहते थे. रालोसपा नेता ने तंज कसते हुए कहा कि नीतीश कुमार और सुशील मोदी एक जैसे हैं. नीतीश कुमार ने 2015 में कहा था 'मिट्टी में मिल जाएंगे पर बीजेपी के साथ नहीं जाएंगे'. आरएसएस मुक्त भारत की बात करने वाले नीतीश ने जो कुछ भी कहा सब उसका उल्टा किया. सत्ता के लिए सुशील मोदी और नीतीश साथ हो गए.
'पीके को पार्टी से नहीं निकालेंगे नीतीश'
माधव आनंद का कहना है कि नीतीश कुमार प्रशांत किशोर और पवन वर्मा को न तो पार्टी से निकालेंगे और न ही दोनों को शहीद होने देंगे. नीतीश कुमार चाहते हैं कि दोनों नेता बयानबाजी करते-करते हल्के हो जाएं. माधव आनंद ने आरोप लगाते हुए कहा कि नीतीश को पता है कि ज्यादा बयानबाजी करने से दोनों नेताओं को मीडिया तवज्जो नहीं देगा. बल्कि दोनों खुद ही समाप्त हो जायेंगे. रालोसपा नेता ने सहानुभूति जताते हुए कहा कि प्रशांत किशोर बड़े चुनावी रणनीतिकार हैं. उन्हें जेडीयू से इस्तीफा देकर बिहार की जनता को नीतीश से मुक्ति दिलाने के लिए महागठबंधन की मदद करनी चाहिए.
पार्टी के नीतियों के खिलाफ पीके और पवन
बता दें कि जेडीयू अंदरूनी कलह से जूझ रही है. प्रशांत किशोर और पवन वर्मा सीएए और एनआरसी के खिलाफ लगातार बयानबाजी कर रहे हैं. वहीं, पवन वर्मा ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी के साथ गठबंधन पर सवाल उठा चुके हैं. दूसरी तरफ प्रशांत किशोर गृह मंत्री अमित शाह को सीएए और एनआरसी लागू करने की चुनौती भी दे चुके हैं. हालांकि नीतीश कुमार दोनों को कड़ी नसीहत भी दे चुके हैं.
पीके का ट्वीट
दरअसल शनिवार को राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने वीडियो साझा करते हुए लिखा, 'लोगों को चरित्र प्रमाण पत्र देने में सुशील कुमार मोदी जी का कोई जोड़ नहीं है. देखिए, इससे पहले बोलकर बता रहे थे और अब डिप्टी सीएम बना दिए गए तो लिख कर दे रहे हैं. इनकी क्रोनोलॉजी भी बिल्कुल क्लीयर है.' पीके ने सुशील मोदी के पुराने बयान को आधार बनाते हुए तंज कसा है. जिस वीडियो को पीके ने साझा किया है. उसमें सुशील मोदी कहते दिख रहे हैं कि नीतीश कुमार अपने आप को बिहार का पर्याय समझने लगे हैं. लेकिन, नीतीश इज नॉट बिहार एंड बिहार इज नॉट नीतीश कुमार जो लोग इंदिरा गांधी की तर्ज पर इंदिरा इज इंडिया, इंडिया इज इंदिरा. वो जमाना चला गया.