पटना: इन दिनों गाड़ी को भाड़ा के लिए बुक कर लूट और हत्या (Loot and Murder in bihar) के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. गांधी मैदान, पटना जंक्शन (Patna Junction), राजेंद्र नगर और पटना एयरपोर्ट (Patna Airport) पर भाड़े की कई लग्जरी गाड़ी लगी रहती है. इन गाड़ियों के मालिक कहते हैं कि गाड़ी बुक करने वाले के वेश में लुटेरा कब आ जाए, उन्हें क्या पता है.
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स्कॉर्पियो लेकर अपराधी फरार
20 जून को पटना एयरपोर्ट से पूर्णिया के लिए गाड़ी बुक कर निकले गाड़ी मालिक की स्कॉर्पियो लेकर अपराधी फरार हो गए थे. इस घटना के कुछ दिनों के बाद अररिया-पूर्णिया फोरलेन के महलगांव थाना क्षेत्र के सड़क किनारे से पानी के गड्ढे में गाड़ी मालिक अशरफ खान का शव पुलिस ने बरामद किया था.
वाहन मालिकों में डर का माहौल
इस घटना के बाद पटना एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और राजधानी के अन्य स्थानों से अन्य जिलों में किराए पर जाने वाले चार पहिया वाहन को बुक करने वाले मालिकों में काफी डर का माहौल है. लग्जरी गाड़ी बुक करने वाले यह गाड़ी मालिक कहते हैं कि कई तरह के वेरिफिकेशन के बाद वह गाड़ियों की बुकिंग करते हैं. बावजूद इसके किस वेश में अपराधी सामने आ जाए, यह किसी को क्या पता. लेकिन आज के हालात को देखकर हर गाड़ी मालिक को डर लग रहा है.
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लग्जरी गाड़ियां करते हैं बुक
पटना स्टेशन से लग्जरी गाड़ी बुक करने वाले विशाल कुमार कहते हैं कि अब लोगों का आधार कार्ड और वोटर आईडी कार्ड 100 रुपये में डुप्लीकेट बनता है. लोग वही दिखाकर हमारी लग्जरी गाड़ियां बुक करते हैं. उसके बाद गाड़ियां छीन ली जाती है.
"शनिवार की सुबह पटना स्टेशन से कुछ युवकों ने गाड़ी बुक कर उसे छीनने का प्रयास किया. हालांकि मौके पर मौजूद लोगों की तत्परता की वजह से गाड़ी अपराधियों के चंगुल में जाने से बच गई और अपराधी पुलिस की गिरफ्त में आ गए. गाड़ी बुकिंग के समय आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस लिया जाता है. अगर लोग जाली आधार कार्ड या ड्राइविंग लाइसेंस लेकर गाड़ी बुक करें तो इसकी पहचान गाड़ी बुक करने वाली कंपनी या गाड़ी मालिक कैसे करें. आज के हालात में कमाना भी जरूरी है और गाड़ी बुक करने से पहले डर भी लगता है"- विशाल कुमार, वाहन मालिक
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"पटना स्टेशन पर अपनी गाड़ी खुद भाड़े पर चलाने वाले धीरज सिंह कहते हैं कि वह अपनी गाड़ी बुक करने से पहले 3 तरह से लोगों के पहचान पत्र की पहचान करते हैं. वेरिफिकेशन के बाद ही वह अपनी गाड़ी को बुक करते हैं. फिर भी वह डर के साए में ही रहते हैं. एयरपोर्ट से गाड़ी बुक कर गाड़ी मालिक की हत्या की घटना का जिक्र मैंने भी सुना है. इसको लेकर मुझे भी डर है. गाड़ी बुक करने से पहले कस्टमर से आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड और मोबाइल नंबर लेते हैं"- धीरज सिंह, वाहन मालिक
बीमा मिलने में कठिनाई
धीरज सिंह कहते हैं अगर किसी की गाड़ी अपराधी लेकर फरार हो जाते हैं तो उसके बाद सबसे ज्यादा कठिनाई बीमा मिलने में आती है. खास कर बीमा मिलने के दौरान प्रशासनिक अधिकारी और जब वाहन मालिक वेरिफिकेशन करवाने थाने जाते हैं. क्योंकि जब तक स्थानीय थाना वेरिफिकेशन क्लेम लिखकर नहीं देगा, तब तक आपका बीमा क्लेम पास नहीं होगा. इसके बदले में प्रशासनिक अधिकारी वाहन मालिकों से मोटी रकम की मांग करने से भी परहेज नहीं करते हैं.
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पहला केस
22 जुलाई 2020 को पटना जंक्शन से कार बुक कर कुछ लोग खगड़िया के लिए रवाना हुए. इसके बाद बीच रास्ते में सुनसान जगह कार को रुकवाया. इसके बाद अपराधियों ने अपने साथी को बुलाया और ड्राइवर के हाथ-पैर बांधकर सड़क पर फेंक दिया और गाड़ी लेकर फरार हो गए. इस दौरान गाड़ी में मौजूद अपराधियों ने चालक का मोबाइल और पैसा भी लूट लिया था. अगले दिन सुबह जब एक साइकिल सवार स्थानीय व्यक्ति रास्ते से गुजर रहा था, तो उसने पूरे मामले की जानकारी लोगों के साथपुलिस को दी.
दूसरा केस
17 अगस्त 2020 को पटना-बख्तियारपुर फोरलेन पर एक कार चालक को पिस्टल के बल पर रोककर उसकी कार पर कुछ अपराधी सवार हो गए. फिर आगे जाकर उसकी कार को लूटकर फरार हो गए. हालांकि इस घटना के 3 दिन बाद लूटी हुई कार फतुहा इलाके से बरामद की गई. लेकिन इस घटना में अपराधी मोबाइल, एटीएम, पैसा और अन्य सामान लेकर भाग गये थे.
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तीसरा केस
20 जून 2021 को पटना एयरपोर्ट से लग्जरी कार की बुकिंग कुछ अपराधियों ने किया. इसके बाद रास्ते में अपराधियों ने अपने एक अन्य साथी को बैठा लिया. कुछ दिनों बाद कार चालक अपने घर नहीं पहुंचा तो, परिजनों ने इस पूरे मामले की लिखित शिकायत पटना एयरपोर्ट थाने में दी. हालांकि परिजनों की लिखित शिकायत के कुछ दिनों बाद ही उस वाहन मालिक का शव अररिया के गांव से बरामद किया गया.