पटना: बिहार में अप्रैल महीने से ही स्कूल कॉलेज और अन्य शिक्षण संस्थान बंद हैं. मई महीने में लॉकडाउन की वजह से स्कूल कॉलेज, संस्थानों के अलावा खेल के मैदान और कई अन्य गतिविधियां पूरी तरह बंद हो गईं. इस दौरान 1 साल से घर में बंद रहकर ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे स्कूली बच्चे अब और बर्दाश्त करने की स्थिति में नहीं हैं.
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ईटीवी भारत ने कई अभिभावकों से की बातचीत
ईटीवी भारत ने कई ऐसे अभिभावकों से बात की जो अपने बच्चों की स्थिति देखकर परेशान हैं. क्योंकि बच्चे घर में अपनी नाराजगी गाहे-बगाहे जता रहे हैं. घर में रह रहे बच्चे अब बाहर घूमना चाहते हैं. अपने दोस्तों से मिलना चाहते हैं. पार्क में घूमना चाहते हैं और खेल के मैदानों में खेल का आनंद लेना चाहते हैं. लेकिन अभिभावकों के सामने यह समस्या है कि बच्चों को किस तरह घर में रखें. उन्हें किस तरह से समझाएं और उन्हें कोविड संक्रमण से बचाएं.
घर में रहकर परेशान हो रहे बच्चे
पटना के कदमकुआं इलाके में रहने वाले अभिभावक संजय राजगीरी ने बताया कि उनके बच्चे लगातार घर में रहकर और ऑनलाइन पढ़ाई करके उब चुके हैं. बच्चे बाहर निकलना चाहते हैं. लंबे समय से घर की चारदीवारी के अंदर रहने से अब उनमें चिड़चिड़ापन भी साफ नजर आ रहा है. वहीं एक अन्य अभिभावक संजीव ने बताया कि बच्चों को संक्रमण से बचाना हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है. लंबे समय तक घर में रहने से वे बेचैनी महसूस कर रहे हैं. उनकी बेचैनी देख कर हम भी परेशान हैं. इसलिए सरकार से अपील करते हैं कि जैसे ही स्थितियां सामान्य हों तो धीरे-धीरे ऐसी छूट मिले कि बच्चे भी घर से बाहर निकल सकें.
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बच्चों की परेशानी को लेकर कई अभिभावक कर रहे फोन
इस बारे में जब मनोचिकित्सक डॉक्टर बिंदा सिंह से बात किया तो उन्होंने बताया कि बच्चों की परेशानी को लेकर कई अभिभावक फोन कर रहे हैं और उनसे सलाह ले रहे हैं. उन्होंने बताया कि बच्चों को प्यार से समझाना और उन्हें बाहर की स्थितियों से अवगत कराना हमारी प्रमुख जिम्मेदारी है. वहीं परविंदर सिंह ने कहा कि बाहर संक्रमण को लेकर इस बात की चिंता ज्यादा है कि बच्चों को कैसे संक्रमण से बचाया जाए. इसलिए भले ही बच्चे लंबे समय तक घर में रहने से परेशान हो चुके हैं, लेकिन उन्हें फिर भी हमें समझाना है और इसी तरह इस बात के लिए तैयार करना है कि कुछ समय तक और घर में रहना पड़ सकता है. उन्होंने बताया कि बच्चों की मनपसंद एक्टिविटीज को घर में करवा कर उन्हें खुश रखा जा सकता है.