पटना: कोरोना संकट के मद्देनजर एक बार फिर से लॉकडाउन को आगे बढ़ा दिया गया है. केंद्र सरकार ने इस बार दो हफ्तों के लिए लॉकडाउन को आगे बढ़ाया है. अब 17 मई तक लॉकडाउन रहेगा.
इस बीच, इस बीच लॉकडाउन में फंसे लोगों को ट्रेनों के जरिए उनके गृह राज्य तक पहुंचाए जाने की अनुमति मोदी सरकार ने दे दी है. जिसके बाद, बिहार से बाहर दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों और छात्रों को निकालने के लिए स्पेशल ट्रेनें चलाए जाने का रास्ता साफ हो गया है.
जयपुर-कोटा से पटना के लिए ट्रेन
सीपीआरओ राजेश कुमार ने बताया कि बिहार के लिए पहली ट्रेन 1 मई की रात 10 बजे जयपुर से खुलेगी और अगले दिन 12 बजकर 45 मिनट पर पटना पहुंचेगी. उन्होंने कहा कि यह ट्रेन बीच में कहीं नहीं रुकेगी. श्रमिक स्पेशल ट्रेन में किसी को भी बीच रास्ते में ना तो चढ़ने की इजाजत होगी और ना ही उतरने की.
अनशन पर तेजस्वी, राबड़ी
वहीं, आरजेडी नेता शुक्रवार को पूरे बिहार में अपने-अपने घर पर अनशन पर बैठे थे. मजदूर दिवस के मौके पर यह सभी नेता प्रवासी बिहारियों की सकुशल घर वापसी की मांग को लेकर अनशन कर रहे थे. वहीं, तेजस्वी यादव और राबड़ी देवी ने भी सांकेतिक उपवास करके बिहार सरकार और केंद्र सरकार से बाहर फंसे प्रवासी बिहारी मजदूरों की जल्द वापसी की मांग की.
डाक विभाग के लिए शुरू हुई सड़क मार्ग सेवा
लॉक डाउन के बीच 3 मई के बाद से पूरे देश में डाक सेवा के लिए सड़क मार्ग शुरू कर दिया गया है. बिहार डाक विभाग के मुख्य महाप्रबंधक अनिल कुमार ने बताया कि अब तक हवाई मार्ग द्वारा डाक विभाग अपने सामानों को भेज रहा था. लेकिन अब देश के किसी भी कोने में बुक किए जा रहे सामानों को सड़क मार्ग से पहुंचाया जाएगा.
पटना में सोशल डिस्टेंसिंग का उड़ा माखौल
राजधानी के कदम कुआं थाना क्षेत्र के लोहानीपुर इलाके में सामाजिक कार्यकर्ता ने खाद्य सामग्री वितरण कार्यक्रम चलाया. इस मौके पर स्लम बस्ती में रहने वाली सैकड़ों महिलाओं की भीड़ उमड़ पड़ी. भीड़ को बढ़ता देख सामाजिक कार्यकर्ता ने सभी लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराते हुए लाइन में लगा दिया. बावजूद लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया. इसको लेकर जब ईटीवी भारत संवाददाता ने लोगों से नियम पालन करने की अपील की तो, महिलाओं ने बताया कि हमें बीमारी से मरना पसंद है. लेकिन हमें भूखे पेट नहीं मरना है.
रेनकोट पहनकर मरीजों का इलाज
कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव को लेकर आम लोग के साथ-साथ चिकित्सक भी सतर्क हैं. गया में हड्डी रोग के चिकित्सक कोरोना से बचाव को लेकर दस फिट की ऊंचाई से व रेन कोट पहनकर मरीज को देख रहे हैं. अस्पताल के सभी कर्मी भी रेनकोट पहनकर ही काम करते हैं. इसके पीछे डॉक्टर का तर्क हैं कि जिले में मिल रहे हैं पिपीई किट से रेन कोट बेहतर हैं.
महिला पुलिस: इस समय सबसे जरूरी ड्यूटी, शादी नहीं
बिहार के भागलपुर जिले के पुलिस लाइन में पिछले दो साल से तैनात प्रीति कुमारी भी अपने फर्ज को बखूबी निभा रही है. प्रीति की सगाई एक मई और शादी 8 मई को होनी थी. लेकिन कोरोना संकट और लॉकडाउन के बीच प्रीति ने सब कुछ छोड़ कर अपनी ड्यूटी को चुना. उसने अपने घर वालों से सगाई और शादी कैंसिल करने के लिए कहा, ताकि उसके फर्ज की राह में व्यक्तिगत खुशियां आड़े न आए.
दरभंगा में हो रही ड्रोन से निगरानी
दरभंगा जिले में कोविड-19 मरीज मिलने के बाद पुलिस ने लॉकडाउन को सफल बनाने में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. इसके लिए पुलिस के जवान के साथ-साथ ड्रोन कैमरे की भी मदद ली जा रही है. एसएसपी बाबूराम की ओर से उपलब्ध कराए गए दो ड्रोन कैमरों से गली-मुहल्लों और भीड़-भाड़ वाले इलाके पर नजर रखी जा रही है.