पटना: बिहार में सत्ताधारी पार्टी में जेडीयू में (Poster War In JDU) चल रहे पोस्टर वार को लेकर एलजेपी (LJP) ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish) पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार की जनता बाढ़ से त्राहिमाम कर रही है. दूसरी ओर मुख्यमंत्री की पार्टी के कद्दावर नेताओं में होडिंग,पोस्टर वार छिड़ा हुआ है. बिहार की गरीब जनता के साथ ये मजाक हो रहा रहा है.
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लोजपा के प्रवक्ता चंदन सिंह ने बाढ़ प्रभावित लोगों के पास राहत सामग्री नहीं पहुंच रही है. उनका समुचित इलाज नहीं हो पा रहा है. सत्ताधारी पार्टी के नेता करोड़ों रुपये होर्डिंग और पोस्टर के जरिए बर्बाद कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमें पता है कि इन पोस्टरों में बिहार सरकार का पैसा नहीं लगा हुआ है. फिर भी कहीं ना कहीं जदयू नेताओं का पैसा जरूर लगा हुआ है.
'ललन सिंह और आरसीपी सिंह के दौरे को लेकर एक-दूसरे को पोस्टर के जरिए नीचे दिखाने की कोशिश की जा रही है. पूरा पटना आरसीपी सिंह के स्वागत को लेकर पोस्टर से पटा पड़ा है. अगर यही पैसा बाढ़ पीड़ितों को दी जाती तो बाढ़ पीड़ित जदयू को आशीर्वाद देते.' :- चंदन सिंह, लोजपा प्रवक्ता
लोजपा प्रवक्ता चंदन सिंह ने ने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा अपने नेताओं के माध्यम से पोस्टर प्रतियोगिता करवाई जा रही है. इससे उन्हें बचना चाहिए और बिहार की जनता जो इस बार बाढ़ की समस्या से जूझ रही है. उनके बीच राशन, दवा वितरण करवाना चाहिए.
बता दें कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने के बाद आरसीपी सिंह पहली बार पटना पहुंचे हैं. एयरपोर्ट से लेकर पार्टी कार्यालय तक भव्य स्वागत किया गया. एयरपोर्ट से लेकर पार्टी कार्यालय पोस्टरों से पटा पड़ा है. यही वजह है कि इसे पार्टी के अंदर शक्ति प्रदर्शन के तौर पर भी देखा जा रहा है. आरसीपी सिंह के स्वागत में लगे पोस्टर में पहले ललन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा को गायब कर दिया गया था. इसको लेकर काफी विवाद भी हुआ. इसके बाद उस पोस्टर को हटाकर नया पोस्टर लगाया गया है. इसमें ललन सिंह को तो जगह दी गई है. लेकिन उपेंद्र कुशवाहा पोस्टर से अभी भी गायब हैं.
दरअसल, जब से उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) जेडीयू में शामिल हुए हैं, तब से पार्टी दो गुटों में बंटती दिख रही है. एक गुट जहां कुशवाहा के साथ है, वहीं दूसरा गुट आरसीपी सिंह के साथ है. ललन सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद भी खेमेबाजी खत्म नहीं हुई है. ललन सिंह असल में केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होना चाहते थे, लेकिन एक मंत्री पद मिलने के कारण केवल आरसीपी सिंह ही शामिल हुए और उसको लेकर पार्टी नेताओं की तरफ से बयान भी आया कि नीतीश कुमार का फैसला नहीं है.
उसके बाद राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक भी बुला ली गई और आरसीपी सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा. उनकी जगह ललन सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया. उनकी नाराजगी को कुछ हद तक दूर करने की कोशिश हुई, लेकिन उसके बाद पार्टी में खेमेबाजी और दिखने लगी है.
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