पटना: लोजपा के 208 बागियों के साथ जदयू का दामन थामने वाले केशव सिंह का खुला पत्र के माध्यम से चिराग पासवान पर सीधा आरोप लगाया है कि पैसा कमाने के लिए सदस्यता रसीद बेची गई. एक-एक लोगों को 25-25 हजार सदस्य बनाने का लक्ष्य दिया गया और सदस्यता रसीद के नाम पर 25 हजार का 10 गुणा यानी ढाई लाख रुपये हर नेता से पहले ही वसूल लिया गया.
यह भी पढ़ें - बिहार में स्वास्थ्य बजट का बढ़ेगा आकार पर विपक्ष को सरकार पर भरोसा नहीं
वहीं, 94 नेताओं से सदस्यता अभियान के नाम पर पैसे लिये गए. लोजपा की तरफ से सदस्यता अभियान चलाने का जो नाटक किया गया. वो पूरी तरह से फर्जी था और पैसा कमाना मकसद था. मेंबरशीप अभियान चलाने का नाटक किया गया था. जदयू में शामिल हो चुके लोजपा के पूर्व महासचिव ने कहा है कि अगर सदस्यता अभियान कागज पर नहीं होता तो फिर लालगंज के लोजपा कैंडिडेट को महज 11 हजार वोट नहीं मिलता. जबकि वहां एक लाख 75 हजार मेंबर बनाये गए थे.
बाराचट्टी गया में चिराग पासवान ने 2 लाख सदस्य बनाया लेकिन लोजपा उम्मीदवार को सिर्फ 11 हजार 244 मत प्राप्त हुए. लोजपा की ओर से जदयू में शामिल होने वाले नेताओं को फर्जी बता देने के बाद यह हमला किया गया है.
यह भी पढ़ें - कुछ महीने में ही रामेश्वर चौरसिया का LJP से मोह हुआ भंग, चिराग को भेजा इस्तीफा
'चिराग पासवान को बताया फर्जी सांसद'
'चिराग पासवान देश का एक ठग और फर्जी सांसद हैं. चिराग पासवान को फर्जी इसलिए कह रहा हूं कि इनके फर्जीवाड़े की सूची इतनी लंबी है कि बिहार की जनता को बताना जरूरी है. लोकसभा पोर्टल में अपनी शिक्षा बीटेक कम्प्यूटर साइंस बताया है. लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में दिए शपथ में स्वयं को बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी झांसी से प्रथम और द्वितीय सेमेस्टर 2005 को देखकर तृतीय सेमेस्टर में खाली छोड़ खुद बता दिया कि मैं बीटेक नहीं हूं.'- केशव सिंह
जनता के नाम लिखे गए पत्र
केशव सिंह एवं अन्य नेताओं द्वारा देश की जनता के नाम लिखे गए पत्र में कहा है कि चिराग 8-8 कंपनियों के निदेशक और कई ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं. लेकिन 2014 के चुनाव के शपथ पत्र में कई कंपनियों को नहीं दर्शाया. जबकि वे चार कंपनियों के मालिक थे. वहीं, आठ कंपनी होने के बाद भी 2019 में मात्र 6 कंपनियों को शपथ पत्र में दर्शाया है. पत्र में सभी आठ कंपनियों का नाम भी उल्लेख किया गया है.
यह भी पढ़ें - BIHAR BUDGET LIVE UPDATE : आज पेश होगा बिहार का बजट, 2.20 लाख करोड़ से अधिक का हो सकता है आकार
महागठबंधन को चुनाव में फायदा पहुंचाने का आरोप
जदयू में शामिल हुए लोजपा के बागी नेताओं ने पत्र के माध्यम से आरोप लगाया है कि चिराग इतने बड़े फर्जी हैं कि अध्यक्ष बनते ही ठगी की नियत से अकेले चुनाव लड़ने का ढिंढोरा पीटा. फरवरी 2020 चुनाव में टिकट देने की शर्त रखकर 25 हजार प्राथमिक सदस्य के नाम पर ढाई- ढाई लाख रुपए ठगे. साथ ही विज्ञापन के नाम पर दो-दो लाख की ठगी की. जदयू में शामिल हो चुके लोजपा नेताओं का साफ आरोप है कि चिराग पासवान महागठबंधन को फायदा पहुंचाने के लिए चुनाव लड़े और एनडीए को नुकसान पहुंचाया. प्रशांत किशोर के साथ सांठगांठ होने का भी आरोप लगाया गया है.