नई दिल्ली: लोजपा के वरिष्ठ नेता रामेश्वर चौरसिया ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश में जदयू के 7 में से 6 विधायक बीजेपी में शामिल हो गए. लेकिन इसमें किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए. क्योंकि इन विधायकों को लगा होगा कि बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू तीसरे नंबर पर चली आयी. सिर्फ 43 सीटें ही जीत पाई, जबकि नीतीश कुमार 15 साल से बिहार के मुख्यमंत्री हैं.
रामेश्वर चौरसिया ने कहा कि अरुणाचल के जदयू विधायकों को लगा होगा कि जदयू में नेतृत्व संकट है और नीतीश कुमार कमजोर हो चुके हैं. इसलिये विधायकों को लगा होगा कि उनका भविष्य बीजेपी में सुरक्षित है. इसलिए बीजेपी में आ गए. चौरसिया ने कहा कि जदयू में नीतीश के बाद कोई नीचे नेतृत्व खड़ा नहीं है. जदयू की हालत वही हो गई है, जो आंध्र प्रदेश में टडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू की हो गयी है. नायडू भी वन मैन शो की तरह पार्टी चला रहे थे. इसलिए उस पार्टी में भी टूट होनी शुरू हो गई.
क्या कहते हैं रामेश्वर चौरसिया
चौरसिया ने कहा कि अगर अरुणाचल कि तरह बिहार में भी जदयू टूट गई तो कोई बड़ी बात नहीं होगी. क्योंकि बीजेपी सशक्त और मजबूत पार्टी है. दुनिया का सबसे बड़ा राजनीतिक दल है. बीजेपी में नेतृत्व का संकट नहीं है. ऊपर से नीचे तक नेतृत्व है.
बता दें रामेश्वर चौरसिया बीजेपी के कद्दावर नेता रहे हैं. चार बार बिहार से बीजेपी के विधायक रहे हैं. बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव भी रहे हैं. यूपी बीजेपी के सह प्रभारी भी थे. 2020 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव से पहले वह BJP छोड़ लोजपा में शामिल हो गये.