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बिहार में शराबबंदी को लेकर बदली रणनीति: शराबियों की जगह अब तस्करों पर नकेल कसेगी नीतीश सरकार

बिहार में शराबबंदी को ठीक तरीके से लागू करने में आ रही दिक्कतों के बीच सरकार लगातार अपनी रणनीति को बदलते आ रही है और इसी कड़ी में अब शराबियों को पकड़ने के बजाय शराब तस्कर, शराब का भंडारण और इसकी बिक्री करने वालों पर नकेल कसने की नई रणनीति बनाई गई है. पढ़ें पूरी खबर

बिहार में शराबबंदी
बिहार में शराबबंदी
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Published : Nov 8, 2022, 11:05 PM IST

पटना: बिहार में शराबबंदी (liquor prohibition in Bihar ) को कड़ाई से पालन करने को लेकर सरकार अब योजना बदलने जा रही है. सरकार शराबबंदी को सख्ती से लागू करने के लिए अब पीने वालों से अधिक शराब के धंधेबाजों की गिरफ्तारी और उनको सजा दिलाने पर अधिक प्राथमिकता देगी. शराब की आपूर्ति और बिक्री करने वालों को पकड़ने को लेकर पहले से चल रहे अभियान को तेज किया जाएगा.

ये भी पढ़ें- बिहार में मद्य निषेध विभाग तस्करों पर करेगा 'सर्जिकल स्ट्राइक'.. अब तक दूसरे स्टेट से 90 सप्लायर गिरफ्तार

बिहार में शराबबंदी पर अब 'सप्लाई चेन' तोड़ना प्राथमिकता : मद्य निषेध विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि बिहार पुलिस शराब की सप्लाइ चेन को तोड़ने का पूरा प्रयास कर रही है. इसके तहत बाहर से शराब मंगाने वाले बिहार के धंधेबाजों से संबंधित कई लोगों की पहचान की गई है. पुलिस ने पिछले एक साल में बिहार के अंदर दूसरे राज्यों से शराब आपूर्ति करने वाले 90 शराब माफियाओं को पकड़ा है. आपूर्ति करने वाले और स्थानीय स्तर पर विक्रेता (रिसीवर) से जुड़े 60 हजार लोग पकड़े गए हैं. उन्होंने कहा कि होम डिलिवरी करने वालों को लेकर भी अभियान चलाया जा रहा है. कई बड़े माफियाओं को सजा दिलाने के लिए स्पीडी ट्रायल चलाया जा रहा है.

सीएम ने मद्य निषेध विभाग की समीक्षा बैठक में दिया था सख्त संदेश: बता दें कि सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बिहार में शराबबंदी को लेकर हुई समीक्षा बैठक (Review meeting of Bihar Excise Department ) हुई थी, जिसमें शराब की आपूर्ति करने वालों की पहचान कर उस पर शिकंजा कसने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने निर्देश दिया है कि नाजायज शराब की आपूर्ति और बिक्री के खिलाफ चल रहे अभियान को और भी सघन बनाया जाए तथा इसकी आपूर्ति करने वाले राज्य के अंदर और बाहर के लोगों को पकड़ने में तेजी लाई जाए. सरकार का मानना है कि दूसरे राज्यों से शराब की हो रही आपूर्ति के कारण ही शराब बिहार में बिक रही है.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि पीने वालों की अपेक्षा ऐसे लोगों को न सिर्फ पकड़ा जाये, बल्कि उनको कोर्ट से सजा दिलाने का काम भी हो. एक अधिकारी ने बताया कि शराबबंदी को बेहतर ढंग से लागू करने के लिए बीते त्योहारी महीने अक्टूब में ही 20 हजार से अधिक लोग गिरफ्तार किए गए हैं. इनमें आम से लेकर खास लोग शामिल रहे.

“अगर हम एक शराब के सप्लायर को पकड़ते हैं तो उससे जुड़े 1000 पीने वाले की सप्लाई बंद हो जाती है. शराब पीने वालों के पीछे दौड़ने से अच्छा है कि शराब की सप्लाई लाइन को ही काट दिया जाए. कोई शराब पिए पकड़ा जाएगा तो कार्रवाई होगी मगर प्राथमिकता है कि शराब की सप्लाई लाइन को ही बंद कर दिया जाए.” - आमिर सुबहानी, मुख्य सचिव

पटना: बिहार में शराबबंदी (liquor prohibition in Bihar ) को कड़ाई से पालन करने को लेकर सरकार अब योजना बदलने जा रही है. सरकार शराबबंदी को सख्ती से लागू करने के लिए अब पीने वालों से अधिक शराब के धंधेबाजों की गिरफ्तारी और उनको सजा दिलाने पर अधिक प्राथमिकता देगी. शराब की आपूर्ति और बिक्री करने वालों को पकड़ने को लेकर पहले से चल रहे अभियान को तेज किया जाएगा.

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बिहार में शराबबंदी पर अब 'सप्लाई चेन' तोड़ना प्राथमिकता : मद्य निषेध विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि बिहार पुलिस शराब की सप्लाइ चेन को तोड़ने का पूरा प्रयास कर रही है. इसके तहत बाहर से शराब मंगाने वाले बिहार के धंधेबाजों से संबंधित कई लोगों की पहचान की गई है. पुलिस ने पिछले एक साल में बिहार के अंदर दूसरे राज्यों से शराब आपूर्ति करने वाले 90 शराब माफियाओं को पकड़ा है. आपूर्ति करने वाले और स्थानीय स्तर पर विक्रेता (रिसीवर) से जुड़े 60 हजार लोग पकड़े गए हैं. उन्होंने कहा कि होम डिलिवरी करने वालों को लेकर भी अभियान चलाया जा रहा है. कई बड़े माफियाओं को सजा दिलाने के लिए स्पीडी ट्रायल चलाया जा रहा है.

सीएम ने मद्य निषेध विभाग की समीक्षा बैठक में दिया था सख्त संदेश: बता दें कि सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बिहार में शराबबंदी को लेकर हुई समीक्षा बैठक (Review meeting of Bihar Excise Department ) हुई थी, जिसमें शराब की आपूर्ति करने वालों की पहचान कर उस पर शिकंजा कसने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने निर्देश दिया है कि नाजायज शराब की आपूर्ति और बिक्री के खिलाफ चल रहे अभियान को और भी सघन बनाया जाए तथा इसकी आपूर्ति करने वाले राज्य के अंदर और बाहर के लोगों को पकड़ने में तेजी लाई जाए. सरकार का मानना है कि दूसरे राज्यों से शराब की हो रही आपूर्ति के कारण ही शराब बिहार में बिक रही है.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि पीने वालों की अपेक्षा ऐसे लोगों को न सिर्फ पकड़ा जाये, बल्कि उनको कोर्ट से सजा दिलाने का काम भी हो. एक अधिकारी ने बताया कि शराबबंदी को बेहतर ढंग से लागू करने के लिए बीते त्योहारी महीने अक्टूब में ही 20 हजार से अधिक लोग गिरफ्तार किए गए हैं. इनमें आम से लेकर खास लोग शामिल रहे.

“अगर हम एक शराब के सप्लायर को पकड़ते हैं तो उससे जुड़े 1000 पीने वाले की सप्लाई बंद हो जाती है. शराब पीने वालों के पीछे दौड़ने से अच्छा है कि शराब की सप्लाई लाइन को ही काट दिया जाए. कोई शराब पिए पकड़ा जाएगा तो कार्रवाई होगी मगर प्राथमिकता है कि शराब की सप्लाई लाइन को ही बंद कर दिया जाए.” - आमिर सुबहानी, मुख्य सचिव

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