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'बिहार में लागू रहेगा शराबबंदी कानून, गरीब महिलाओं को हो रहा फायदा'- मद्य निषेध मंत्री - सुनील कुमार शराबबंदी कानून का समर्थन

बिहार में शराबबंदी कानून (Prohibition Law In Bihar) को लेकर सवाल उठते रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने सरकार बनने पर शराबबंदी हटाये जाने का भी ऐलान किया. मणिपुर में शराब पर पूर्ण प्रतिबंध हटाने के फैसले के बाद बिहार में भी शराबबंदी वापस लेने की मांग हो रही है. इन सबके बीच मद्द निषेध एवं उत्पाद मंत्री ने शराबबंदी को लेकर बड़ी बात की है. पढ़ें, विस्तार से.

सुनील कुमार, मद्य निषेध एवं उत्पाद मंत्री
सुनील कुमार, मद्य निषेध एवं उत्पाद मंत्री.
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 13, 2023, 4:12 PM IST

सुनील कुमार, मद्य निषेध एवं उत्पाद मंत्री.

पटना: बिहार सरकार शराबबंदी वापस लेने पर कोई विचार नहीं कर रही है. बिहार में शराबबंदी से लोगों को काफी लाभ पहुंचा है. यह कहना है राज्य के मद्य निषेध एवं उत्पाद मंत्री सुनील कुमार का. बता दें कि मणिपुर में शराब पर पूर्ण प्रतिबंध हटाने के फैसले के बाद बिहार में भी शराबबंदी वापस लेने की मांग हो रही है. फेडरेशन ऑफ इंडियन एल्कोहलिक बेवरेज कंपनी (सीआईएबीसी) ने पिछले दिनों बिहार सरकार को इससे संबंधित पत्र भी भेजा था.


"बिहार सरकार ने समय-समय पर शराबबंदी कानून में संशोधन किया है. हम लोगों का फोकस है कि जो शराब के कारोबारी हैं उनके खिलाफ एक्शन लिया जाए ना कि शराब पीने वालों के खिलाफ. बिहार से बाहर 6000 से अधिक ऐसे लोगों की गिरफ्तारी भी हुई है. लगातार कार्रवाई की जा रही है."- सुनील कुमार, मद्य निषेध एवं उत्पाद मंत्री

शराबबंदी से फायदा हो रहाः उत्पाद मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री ने जहरीली शराब से मौत मामले में मुआवजा देने का भी फैसला लिया है. अब तक डेढ़ सौ लोगों को 4-4 लाख रुपये मुआवजा के तौर पर दी गई है. इसलिए जरूरत के हिसाब से सरकार कानून में संशोधन और अन्य फैसला ले रही है. पूर्ण शराबबंदी वापस लेने का सरकार कोई विचार नहीं कर रही है. सुनील कुमार ने कहा कि शराबबंदी के कारण रोड एक्सीडेंट का मामला घटा है. पर्व त्योहार के समय और शादी के दौरान हुड़दंग नहीं हो रहा है. लोगों को इसका व्यापक लाभ मिला है. खासकर महिलाओं और गरीब तबकों को शराबबंदी से लाभ पहुंचा है.

भाजपा के इशारे पर काम कर रहे हैंः पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी शराबबंदी हटाये जाने को लेकर मुखर हैं. जीतनराम मांझी ने नीतीश कुमार की शराबबंदी को खुली चुनौती दी है. मांझी ने 2 दिसंबर को पटना में कहा था कि अगर बिहार में एनडीए की सरकार बनती है तो वे शराबबंदी को खत्म कर देंगे. शराब बंद करने से अच्छा लोगों को जागरूक करने का काम करेंगे. मंत्री सुनील कुमार ने कहा जीतन मांझी जब तक एनडीए में हम लोग साथ थे तब तो कभी उन्होंने विरोध नहीं किया. अब 2024 चुनाव सामने है तो भाजपा के इशारे पर काम कर रहे हैं.

7 साल में कई संशोधनः बता दें कि बिहार में 2016 से पूर्ण शराबबंदी कानून लागू है. 7 सालों में नीतीश कुमार ने कानून में कई संशोधन किए. इससे कानून काफी लचीला हो गया है. हाल में बड़ा पैसला लिया गया है, जिसमें शराब वाले जब्त गाड़ियों को 10% बीमा की राशि चुकाने पर छोड़ दिया जाएगा. उससे पहले जहरीली शराब से मौत मामले में परिजनों को 4 लाख देने का बड़ा फैसला लिया गया.

इसे भी पढ़ेंः 'बिहार में NDA की सरकार बनी तो शराबबंदी को खत्म कर देंगे', पूर्व CM जीतनराम मांझी का बड़ा ऐलान

इसे भी पढ़ेंः Bihar Liquor Ban: शराबबंदी कानून में संशोधन नीतीश कुमार के लिए मजबूरी..! कहीं सीएम पर दबाव तो नहीं

इसे भी पढ़ेंः मांझी ने फिर कहा- 'बिहार में बड़े-बड़े लोग शराब पीकर सोते हैं, आप भी..'

सुनील कुमार, मद्य निषेध एवं उत्पाद मंत्री.

पटना: बिहार सरकार शराबबंदी वापस लेने पर कोई विचार नहीं कर रही है. बिहार में शराबबंदी से लोगों को काफी लाभ पहुंचा है. यह कहना है राज्य के मद्य निषेध एवं उत्पाद मंत्री सुनील कुमार का. बता दें कि मणिपुर में शराब पर पूर्ण प्रतिबंध हटाने के फैसले के बाद बिहार में भी शराबबंदी वापस लेने की मांग हो रही है. फेडरेशन ऑफ इंडियन एल्कोहलिक बेवरेज कंपनी (सीआईएबीसी) ने पिछले दिनों बिहार सरकार को इससे संबंधित पत्र भी भेजा था.


"बिहार सरकार ने समय-समय पर शराबबंदी कानून में संशोधन किया है. हम लोगों का फोकस है कि जो शराब के कारोबारी हैं उनके खिलाफ एक्शन लिया जाए ना कि शराब पीने वालों के खिलाफ. बिहार से बाहर 6000 से अधिक ऐसे लोगों की गिरफ्तारी भी हुई है. लगातार कार्रवाई की जा रही है."- सुनील कुमार, मद्य निषेध एवं उत्पाद मंत्री

शराबबंदी से फायदा हो रहाः उत्पाद मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री ने जहरीली शराब से मौत मामले में मुआवजा देने का भी फैसला लिया है. अब तक डेढ़ सौ लोगों को 4-4 लाख रुपये मुआवजा के तौर पर दी गई है. इसलिए जरूरत के हिसाब से सरकार कानून में संशोधन और अन्य फैसला ले रही है. पूर्ण शराबबंदी वापस लेने का सरकार कोई विचार नहीं कर रही है. सुनील कुमार ने कहा कि शराबबंदी के कारण रोड एक्सीडेंट का मामला घटा है. पर्व त्योहार के समय और शादी के दौरान हुड़दंग नहीं हो रहा है. लोगों को इसका व्यापक लाभ मिला है. खासकर महिलाओं और गरीब तबकों को शराबबंदी से लाभ पहुंचा है.

भाजपा के इशारे पर काम कर रहे हैंः पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी शराबबंदी हटाये जाने को लेकर मुखर हैं. जीतनराम मांझी ने नीतीश कुमार की शराबबंदी को खुली चुनौती दी है. मांझी ने 2 दिसंबर को पटना में कहा था कि अगर बिहार में एनडीए की सरकार बनती है तो वे शराबबंदी को खत्म कर देंगे. शराब बंद करने से अच्छा लोगों को जागरूक करने का काम करेंगे. मंत्री सुनील कुमार ने कहा जीतन मांझी जब तक एनडीए में हम लोग साथ थे तब तो कभी उन्होंने विरोध नहीं किया. अब 2024 चुनाव सामने है तो भाजपा के इशारे पर काम कर रहे हैं.

7 साल में कई संशोधनः बता दें कि बिहार में 2016 से पूर्ण शराबबंदी कानून लागू है. 7 सालों में नीतीश कुमार ने कानून में कई संशोधन किए. इससे कानून काफी लचीला हो गया है. हाल में बड़ा पैसला लिया गया है, जिसमें शराब वाले जब्त गाड़ियों को 10% बीमा की राशि चुकाने पर छोड़ दिया जाएगा. उससे पहले जहरीली शराब से मौत मामले में परिजनों को 4 लाख देने का बड़ा फैसला लिया गया.

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