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आयकर छूट की सीमा 2.5 लाख से ऊपर जाने की उम्मीद कम

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Published : Jun 24, 2019, 9:12 PM IST

Updated : Jun 24, 2019, 10:52 PM IST

5 जुलाई को देश की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण केंद्रीय बजट पेश करेंगी. सूत्रों की माने तो इस बजट में कई बदलाव देखने को मिल सकते हैं.

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पटना/नई दिल्ली: आगामी पूर्ण बजट 2019-20 में बेसिक आयकर छूट की मौजूदा सीमा 2.5 लाख रुपये से ऊपर बढ़ने की उम्मीद कम है. विश्वस्त सूत्रों ने यह जानकारी दी है.

वित्त मंत्रालय ने पहले ही ऐसे प्रावधान की घोषणा कर दी है, जिसके तहत पांच लाख रुपये तक की सालाना आय अर्जित करने वाले व्यक्ति आयकर की धारा 87-ए के अंतर्गत रियायत प्राप्त कर सकते हैं.

दायर करना होगा रिटर्न
पांच लाख रुपये सालाना आय कमाने वाले व्यक्ति को भले ही कोई आयकर अदा करने की जरूरत नहीं हो, लेकिन उसे रिटर्न दाखिल करना होगा. नई वित्तमंत्री से काफी उम्मीद की जाती है कि वह बेसिक आयकर छूट की सीमा 2.50 लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दें.

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हो चुकी है बजट के लिए हलवा सेरेमनी

ऐसा हो सकता है!
वेतनभोगी लोगों को उम्मीद है कि मोदी सरकार को दोबारा चुनने के लिए उनको सरकार पुरस्कार देगी. अधिकारियों का कहना है कि बेसिक आयकर छूट की सीमा पांच लाख रुपये किए जाने से अंतरिम बजट में की गई घोषणा नाकाम हो जाएगी.

आयकर दाखिले में कमी के कारण
अधिकारियों के अनुसार, बेसिक आयकर छूट की सीमा बढ़ाए जाने से अनेक लोगों को आयकर दाखिल करने की आवश्यकता नहीं होगी. जिससे आयकर दाखिले में कमी आएगी और कर आधार बढ़ाने का मकसद विफल हो जाएगा.

मुख्य फोकस इस पर
विशेषज्ञों ने बजट-पूर्व बैठक में वित्तमंत्री को सुझाव दिया कि बेसिक आयकर छूट की सीमा में इजाफा करना सही कदम नहीं होगा, क्योंकि नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार का मुख्य फोकस देश में करदाताओं का आधार बढ़ाना है.
इसलिए इस बात की संभावना कम है कि सरकार मौजूदा कर स्लैब में इस प्रकार की सुधार करेगी कि 10 लाख रुपये तक की आय पर लागू 20 फीसदी आयकर के बदले आयकर की दर 10 फीसदी की जाएगी.

ये आने वाले वर्षों में हो सकता है
सूत्रों ने बताया कि वेतनभोगियों के कर बचत के लिए अतिरिक्त कदम उठाए जा सकते हैं. आयकर संग्रह अपेक्षा से कम रहा है, लिहाजा इस कारण भी आयकर छूट की सीमा बढ़ाने की कोई संभावना नहीं है. सूत्रों ने बताया कि अधिकतम आयकर की दर 30 फीसदी की सीमा आगामी बजट में 15 लाख रुपये से ऊपर करने की संभावना नहीं है, लेकिन आने वाले वर्षो में किया जा सकता है.

...ताकि विकास दर और उपभोग में हो वृद्धि
वित्त मंत्रालय सिर्फ करदाताओं का आधार बढ़ाने पर विचार कर रहा है. साथ ही, मंत्रालय करों से राजस्व बढ़ाना भी चाहता है क्योंकि विकास दर और उपभोग में वृद्धि के लिए निवेश की जरूरत है. लिहाजा, इस बात की संभावना कम है कि सरकार आगामी बजट में आयकर नियमों में बदलाव करेगी.

  • देश की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 5 जुलाई को केंद्रीय बजट पेश करेंगी.

पटना/नई दिल्ली: आगामी पूर्ण बजट 2019-20 में बेसिक आयकर छूट की मौजूदा सीमा 2.5 लाख रुपये से ऊपर बढ़ने की उम्मीद कम है. विश्वस्त सूत्रों ने यह जानकारी दी है.

वित्त मंत्रालय ने पहले ही ऐसे प्रावधान की घोषणा कर दी है, जिसके तहत पांच लाख रुपये तक की सालाना आय अर्जित करने वाले व्यक्ति आयकर की धारा 87-ए के अंतर्गत रियायत प्राप्त कर सकते हैं.

दायर करना होगा रिटर्न
पांच लाख रुपये सालाना आय कमाने वाले व्यक्ति को भले ही कोई आयकर अदा करने की जरूरत नहीं हो, लेकिन उसे रिटर्न दाखिल करना होगा. नई वित्तमंत्री से काफी उम्मीद की जाती है कि वह बेसिक आयकर छूट की सीमा 2.50 लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दें.

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हो चुकी है बजट के लिए हलवा सेरेमनी

ऐसा हो सकता है!
वेतनभोगी लोगों को उम्मीद है कि मोदी सरकार को दोबारा चुनने के लिए उनको सरकार पुरस्कार देगी. अधिकारियों का कहना है कि बेसिक आयकर छूट की सीमा पांच लाख रुपये किए जाने से अंतरिम बजट में की गई घोषणा नाकाम हो जाएगी.

आयकर दाखिले में कमी के कारण
अधिकारियों के अनुसार, बेसिक आयकर छूट की सीमा बढ़ाए जाने से अनेक लोगों को आयकर दाखिल करने की आवश्यकता नहीं होगी. जिससे आयकर दाखिले में कमी आएगी और कर आधार बढ़ाने का मकसद विफल हो जाएगा.

मुख्य फोकस इस पर
विशेषज्ञों ने बजट-पूर्व बैठक में वित्तमंत्री को सुझाव दिया कि बेसिक आयकर छूट की सीमा में इजाफा करना सही कदम नहीं होगा, क्योंकि नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार का मुख्य फोकस देश में करदाताओं का आधार बढ़ाना है.
इसलिए इस बात की संभावना कम है कि सरकार मौजूदा कर स्लैब में इस प्रकार की सुधार करेगी कि 10 लाख रुपये तक की आय पर लागू 20 फीसदी आयकर के बदले आयकर की दर 10 फीसदी की जाएगी.

ये आने वाले वर्षों में हो सकता है
सूत्रों ने बताया कि वेतनभोगियों के कर बचत के लिए अतिरिक्त कदम उठाए जा सकते हैं. आयकर संग्रह अपेक्षा से कम रहा है, लिहाजा इस कारण भी आयकर छूट की सीमा बढ़ाने की कोई संभावना नहीं है. सूत्रों ने बताया कि अधिकतम आयकर की दर 30 फीसदी की सीमा आगामी बजट में 15 लाख रुपये से ऊपर करने की संभावना नहीं है, लेकिन आने वाले वर्षो में किया जा सकता है.

...ताकि विकास दर और उपभोग में हो वृद्धि
वित्त मंत्रालय सिर्फ करदाताओं का आधार बढ़ाने पर विचार कर रहा है. साथ ही, मंत्रालय करों से राजस्व बढ़ाना भी चाहता है क्योंकि विकास दर और उपभोग में वृद्धि के लिए निवेश की जरूरत है. लिहाजा, इस बात की संभावना कम है कि सरकार आगामी बजट में आयकर नियमों में बदलाव करेगी.

  • देश की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 5 जुलाई को केंद्रीय बजट पेश करेंगी.
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Last Updated : Jun 24, 2019, 10:52 PM IST
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