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मॉनसून सत्र: कटौती प्रस्ताव पर बाल-बाल बची सरकार, विपक्ष में कम नेताओं की मौजूदगी से हुआ अस्वीकार - nitish kumar

सरकार के लिए राहत की बात यह रही कि विपक्ष में 52 और सत्ता पक्ष में 85 सदस्य मौजूद थे . जिस कारण कटौती प्रस्ताव 52 के मुकाबले 85 वोटों से अस्वीकृत हो गया.

नेताओं की प्रतिक्रिया
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Published : Jul 10, 2019, 1:01 AM IST

पटना: बिहार विधानसभा में सरकार के बजट पर चर्चा हुई. इस चर्चा में राजद की ओर से कटौती प्रस्ताव दिया गया. कटौती प्रस्ताव को लेकर आरजेडी के सदस्यों ने अपनी बात रखी. जहां सत्ता पक्ष के सदस्यों ने सहकारिता में सरकार के काम की तारीफ की. वहीं, विपक्ष ने धान और गेहूं खरीद में किसानों की हो रही समस्याओं का जिक्र किया.

इस चर्चा के बाद सरकार की ओर से सहकारिता मंत्री राणा रणधीर सिंह ने जवाब दिया और सहकारिता में सरकार की ओर से किए जा रहे कार्य का जिक्र किया. उन्होंने खासकर फसल सहायता योजना की चर्चा की. जिसमें सब्जी के उत्पादन, विपणन और प्रसंस्करण को लेकर सरकार की तैयार योजनाओं के बारे में बताया. मौके पर मंत्री ने राजद सदस्यों से कटौती प्रस्ताव वापस लेने का आग्रह भी किया. लेकिन आरजेडी सदस्य कटौती पर अड़ गए.

ईटीवी भारत संवाददाता अविनाश की रिपोर्ट

पक्ष में 85 तो विपक्ष में 52 ही रहे मौजूद
अंत में विधानसभा अध्यक्ष ने कटौती प्रस्ताव पर वोटिंग कराई. वोटिंग को लेकर विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी ने घंटी बजाने का निर्देश दिया और घंटी बजने के बाद वोटिंग शुरू हो गई. सरकार के लिए राहत की बात यह रही कि विपक्ष में 52 और सत्ता पक्ष में 85 सदस्य मौजूद थे . जिस कारण कटौती प्रस्ताव 52 के मुकाबले 85 वोटों से अस्वीकृत हो गया.

नेताओं की प्रतिक्रिया
वोटिंग प्रस्ताव अस्वीकृत होने के बाद सरकार ने राहत की सांस ली. लेकिन, आरजेडी के सदस्यों ने कहा सदन में वह अल्पमत में थे इसलिए प्रस्ताव स्वीकृत नहीं करा सके. सत्ता पक्ष के सदस्यों को आरजेडी सदस्यों का जवाब देते नहीं बन रहा था. जदयू मंत्री नरेंद्र नारायण यादव ने कुछ भी बोलने से साफ मना कर दिया. वहीं, जदयू विधायक वशिष्ठ सिंह ने यह जरूर कहा कि वह 52 के मुकाबले 85 वोटों से जीते हैं. जाहिर है अल्पमत में नहीं थी सरकार. गौरतलब है कि जब सदन में वोटिंग हो रही थी तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी वहां मौजदू थे.

पटना: बिहार विधानसभा में सरकार के बजट पर चर्चा हुई. इस चर्चा में राजद की ओर से कटौती प्रस्ताव दिया गया. कटौती प्रस्ताव को लेकर आरजेडी के सदस्यों ने अपनी बात रखी. जहां सत्ता पक्ष के सदस्यों ने सहकारिता में सरकार के काम की तारीफ की. वहीं, विपक्ष ने धान और गेहूं खरीद में किसानों की हो रही समस्याओं का जिक्र किया.

इस चर्चा के बाद सरकार की ओर से सहकारिता मंत्री राणा रणधीर सिंह ने जवाब दिया और सहकारिता में सरकार की ओर से किए जा रहे कार्य का जिक्र किया. उन्होंने खासकर फसल सहायता योजना की चर्चा की. जिसमें सब्जी के उत्पादन, विपणन और प्रसंस्करण को लेकर सरकार की तैयार योजनाओं के बारे में बताया. मौके पर मंत्री ने राजद सदस्यों से कटौती प्रस्ताव वापस लेने का आग्रह भी किया. लेकिन आरजेडी सदस्य कटौती पर अड़ गए.

ईटीवी भारत संवाददाता अविनाश की रिपोर्ट

पक्ष में 85 तो विपक्ष में 52 ही रहे मौजूद
अंत में विधानसभा अध्यक्ष ने कटौती प्रस्ताव पर वोटिंग कराई. वोटिंग को लेकर विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी ने घंटी बजाने का निर्देश दिया और घंटी बजने के बाद वोटिंग शुरू हो गई. सरकार के लिए राहत की बात यह रही कि विपक्ष में 52 और सत्ता पक्ष में 85 सदस्य मौजूद थे . जिस कारण कटौती प्रस्ताव 52 के मुकाबले 85 वोटों से अस्वीकृत हो गया.

नेताओं की प्रतिक्रिया
वोटिंग प्रस्ताव अस्वीकृत होने के बाद सरकार ने राहत की सांस ली. लेकिन, आरजेडी के सदस्यों ने कहा सदन में वह अल्पमत में थे इसलिए प्रस्ताव स्वीकृत नहीं करा सके. सत्ता पक्ष के सदस्यों को आरजेडी सदस्यों का जवाब देते नहीं बन रहा था. जदयू मंत्री नरेंद्र नारायण यादव ने कुछ भी बोलने से साफ मना कर दिया. वहीं, जदयू विधायक वशिष्ठ सिंह ने यह जरूर कहा कि वह 52 के मुकाबले 85 वोटों से जीते हैं. जाहिर है अल्पमत में नहीं थी सरकार. गौरतलब है कि जब सदन में वोटिंग हो रही थी तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी वहां मौजदू थे.

Intro:पटना--- बिहार विधानसभा में सरकार के बजट पर चर्चा हुई चर्चा में राजद की ओर से कटौती प्रस्ताव दिए गए थे। कटौती प्रस्ताव को लेकर आरजेडी के सदस्यों ने अपनी बात रखी। जहां सत्ता पक्ष के सदस्यों ने सहकारिता में सरकार के काम की तारीफ की वहीं विपक्ष ने धान और गेहूं खरीद में किसानों की हो रही समस्या का जिक्र किया। चर्चा के बाद सरकार की ओर से सहकारिता मंत्री राणा रणधीर सिंह ने जवाब दिया और सहकारिता में सरकार की ओर से किए जा रहे कार्य का जिक्र किया खासकर फसल सहायता योजना की चर्चा की सब्जी के उत्पादन, विपणन और प्रसंस्करण की तैयारी को लेकर भी सरकार की योजना को बताया । मंत्री ने राजद सदस्यों से कटौती प्रस्ताव वापस लेने का आग्रह किया। लेकिन आरजेडी सदस्य कटौती पर अड़ गए और विधानसभा अध्यक्ष को हारकर वोटिंग कराना पड़ा। इसके कारण कुछ देर के लिए मामला दिलचस्प हो गया।
पेश है रिपोर्ट---


Body:वोटिंग को लेकर विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी ने घंटी बजाने का निर्देश दिया और घंटी बजने के बाद वोटिंग शुरू हो गई। सरकार के लिए राहत की बात यही रहे कि विपक्ष में 52 सदस्य ही मौजूद थे और सत्ता पक्ष में पचासी और इसी कारण कटौती प्रस्ताव 52 के मुकाबले 85 वोटों से अस्वीकृत हो गया।
वोटिंग प्रस्ताव अस्वीकृत होने के बाद सरकार ने राहत की सांस ली लेकिन आरजेडी के सदस्यों ने कहा सदन में सरकार अल्पमत में थी भले ही हम वोटिंग प्रस्ताव स्वीकृत नहीं करा सके। सत्ता पक्ष के सदस्यों को आरजेडी सदस्यों का जवाब देते नहीं बन रहा था जदयू मंत्री नरेंद्र नारायण यादव ने कुछ भी बोलने से मना कर दिया तो वही है जदयू विधायक वशिष्ठ सिंह ने यह जरूर कहा कि हम लोग तो 52 के मुकाबले 85 वोटों से जीते हैं तो अल्पमत में कैसे थी सरकार।
बाइट्स-- समीर महासेठ , राजद विधायक
नरेंद्र नारायण यादव, मंत्री (बोलने से मना करते हुये)
वशिष्ठ सिंह, जदयू विधायक
पीटीसी


Conclusion: जब वोटिंग हो रही थी उस समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी भी सदन में मौजूद थे सत्ता पक्ष के सदस्यों को लेकर बाद में मंथन शुरू कर दिया जहां सुशील मोदी ने अपने सदस्यों की गिनती करवाइ वहीं जदयू के तरफ से भी नीतीश कुमार ने सदन में मौजूद मंत्री और विधायकों की लिस्ट ली है ऐसे में तय है कि जो विधायक और मंत्री अनुपस्थित थे उन्हें नीतीश कुमार और सुशील मोदी की नाराजगी का सामना करना पड़ेगा।
अविनाश, पटना।
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