पटना: बिहार में नई शिक्षक नियमावली 2023 को लेकर नियोजित शिक्षकों और शिक्षक अभ्यर्थियों का विरोध जारी है. शिक्षक और शिक्षक अभ्यर्थियों के विरोध को लेकर रविवार को प्रदेश के तीनों वाम दल CPI-ML, CPI और CPM नेताओं ने कांग्रेस, आरजेडी और जदयू के प्रदेश अध्यक्षों से क्रमशः अखिलेश कुमार सिंह, जगदानंद सिंह और उमेश कुशवाहा से मुलाकात की. मौके पर जदयू के विधान पार्षद और मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार से भी वाम दलों के प्रतिनिधियों ने नई शिक्षक नियमावली की खामियों को लेकर विस्तार से चर्चा की.
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शिक्षकों पर नहीं थोपी जाए परीक्षा की शर्त: वाम नेताओं ने कहा कि ऐसे दौर में जब भाजपा की केंद्र सरकार ठेका पर बहाली को बढ़ावा दे रही है और रोजगार के अवसरों को लगातार सीमित कर रही है. बिहार सरकार की ओर से शिक्षकों को सरकारी कर्मी का दर्जा देने की बात स्वागत के योग्य है. फिर इसके लिए परीक्षा की कोई शर्त नहीं थोपी जानी चाहिए. महागठबंधन के 2020 के घोषणा पत्र के अनुसार सभी शिक्षकों को सरकारी कर्मी का दर्जा मिलना चाहिए.
वाम नेताओं ने कांग्रेस और जदयू प्रदेश अध्यक्ष से की बातः इस मामले में वार्ता के जरिए जारी गतिरोध समाप्त किया जाना चाहिए. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह और जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा से मुलाकात के बाद वाम नेताओं ने कहा कि आज ही रविवार को ही इस मुद्दे को लेकर RJD के नेताओं से भी मुलाकात की जाएगी. वाम नेताओं की टीम में भाकपा-माले के राज्य सचिव कुणाल, वरिष्ठ नेता केडी यादव, सीपीआई के राज्य सचिव रामनरेश पांडेय और जानकी पासवान तथा सीपीएम के राज्य सचिव मंडल के सदस्य अरुण मिश्रा शामिल रहे.