पटना: 17वें बिहार विधानसभा के पहले सत्र के अंतिम दिन वामपंथी दलों ने विधानसभा परिसर में केंद्र और बिहार सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. दिल्ली जा रहे किसानों पर लाठीचार्ज के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे विधायकों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.
किसानों पर लाठीचार्ज के विरोध और धान खरीद की गारंटी की मांग संबंधी स्लोगन लिखे बैनर लेकर भाकपा माले, सीपीआई एम और सीपीआई के विधायक विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. भाकपा माले के विधायक सुदामा प्रसाद ने कहा कि केंद्र और बिहार की सरकार किसान विरोधी है.
खेती हड़पने के लिए सरकार ने लाए हैं काले कानून
"केंद्र की सरकार ने किसानों की खेती हड़पने के लिए तीन काले कानून लाए हैं. सरकार समर्थन मूल्य नहीं देगी और कॉर्पोरेट खेती कराएगी. हमलोग इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. हरियाणा और पंजाब के किसानों को दिल्ली जाने से रोका गया. सड़क खोद दिया गया. सड़क पर कांटेदार तार बिछा दिए गए, जैसे किसी दुश्मन देश की सेना आ रही हो. हमारी मांग है कि सरकार विधानसभा में इन कानूनों को बिहार में नहीं लागू करने का प्रस्ताव पारित करे."- सुदामा प्रसाद, विधायक, भाकपा माले
धान खरीद की गारंटी दे सरकार
कांग्रेस ने भी एनडीए की सरकार पर किसानों के हित में काम न करने का आरोप लगाया है. विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने कहा कि बिहार सरकार धान खरीद की गारंटी दे.
"धान की खरीद का मामला हो या बेरोजगारी, सरकार कुछ नहीं कर रही है. राज्यपाल ने अभिभाषण में भी कोई मुद्दा नहीं था. उनलोगों ने 19 लाख नौकरी देने की बात की, लेकिन कोई काम करना नहीं चाहते. हमलोग सदन से लेकर सड़क तक आंदोलन करेंगे और जनता की अपेक्षाओं को पूरा करेंगे."- अजीत शर्मा, नेता विधायक दल, कांग्रेस