पटना: बेरोजगारी (Unemployment In Bihar) के मुद्दे पर एक बार फिर बिहार में सियासत तेज होने वाली है. 15 जनवरी के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव बेरोजगारी हटाओ यात्रा (Tejashwi Berojgari Hatao Yatra In Bihar) पर निकलने वाले हैं और सभी जिलों में बेरोजगारी हटाओ यात्रा के बाद पटना में बेरोजगारी रैली भी निकाली जाएगी. इसे लेकर अभी से ही सियासत तेज हो गई है. राजद ने 19 लाख रोजगार के वायदे को लेकर सरकार से सवाल पूछने की तैयारी कर ली है और इधर एनडीए नेता तेजस्वी को उनकी पूर्व की यात्राओं की याद दिला रहे हैं.
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बेरोजगारी के आंकड़े बिहार में सिर चढ़कर बोल रहे हैं. बिहार में वर्तमान समय में रोजगार को लेकर आए दिन पटना में युवाओं की भीड़ जुट रही है. कभी गर्दनीबाग धरना स्थल, कभी गांधी मैदान तो कभी जदयू भाजपा दफ्तर के बाहर बेरोजगारों की फौज खड़ी हो रही है. सरकार से लगातार रोजगार की मांग की जा रही है. इनमें से बड़ी संख्या ऐसे लोगों की है जो पहले से किसी ने किसी विभाग में काम कर रहे थे लेकिन अचानक उन्हें हटा दिया गया या. ऐसे लोगों की है जिन्हें वर्षों के इंतजार के बाद भी अब तक नौकरी नहीं मिली है.
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बिहार में चाहे अमीनों की बहाली का मामला हो, चाहे बेल्ट्रॉन कर्मियों का मामला हो चाहे वार्ड सचिव की बहाली का मामला हो या प्राथमिक से लेकर माध्यमिक शिक्षकों की बहाली, हर मामले में युवाओं की फौज राजधानी पटना में कभी मंत्री तो कभी विभिन्न पार्टियों के दफ्तर के चक्कर लगा रही है. लेकिन कहीं से भी उन्हें नौकरी का आश्वासन नहीं मिल रहा. हाल के दिनों में जब से तेजस्वी यादव ने बेरोजगारी हटाओ यात्रा की घोषणा की है तब से कुछ मामलों को लेकर सरकार ने तेजी जरूर दिखाई है.
प्रमुख तौर पर बिहार कर्मचारी चयन आयोग की इंटर स्तरीय बहाली परीक्षा और प्राथमिक शिक्षकों की बहाली का मामला शामिल है. हालांकि यह दोनों बहालियां भी अभी पूरी नहीं हुई है और इनमें भी कम से कम 6 महीने का समय और लगने का अनुमान है. यही वजह है कि विपक्ष सरकार के तमाम दावों पर सवाल खड़े कर रहा है. राजद नेता कहते हैं कि जब तक बेरोजगारों को रोजगार नहीं मिलेगा तब तक हमारी बेरोजगारी हटाओ यात्रा चलती रहेगी.
'बिहार में रोजगार मांगने वाले लोगों पर सरकार लाठियां बरसाती है. यही वजह है कि हमारे नेता तेजस्वी यादव ने 10 लाख सरकारी नौकरी देने का वादा किया था. 15 जनवरी के बाद बेरोजगारी हटाओ यात्रा बिहार के हर जिले में होगी. इसका कार्यक्रम बहुत जल्द फाइनल हो जाएगा.' -शक्ति सिंह यादव, प्रदेश प्रवक्ता, राजद
अब आपको बताते हैं कि किन विभागों में कितनी रिक्तियां हैं जो संभावित हैं. स्वास्थ्य विभाग में नर्स के करीब 10,000 और आयुष चिकित्सक के 3270 पद, पंचायती राज विभाग में अंकेक्षक के 589, प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी के 477, जबकि लेखापाल तकनीकी सहायक और विशेषज्ञ के 2000 पद खाली हैं. गृह विभाग में एसआई सार्जेंट और सहायक जेल अधीक्षक के 2446 पद, एसआई के 1998, सार्जेंट के 215, स्टेनों के 133, सिपाही के 11880, होमगार्ड सिपाही के 551 और चालक सिपाही 98 पद।जिन पदों पर बहाली की प्रक्रिया चल रही है.
प्रारंभिक शिक्षक के करीब 50 हजार पद, माध्यमिक उच्च माध्यमिक शिक्षकों के 32700 पद, सहायक प्राध्यापक के 4638 पद और प्राथमिक मध्य और माध्यमिक उच्च माध्यमिक विद्यालयों में करीब 47000 हेड टीचर और हेड मास्टर के पद शामिल हैं. इनके अलावा परिवहन विभाग में भी करीब 1500 विभिन्न पदों पर बहाली की प्रक्रिया चल रही है. वहीं विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के तहत इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक कॉलेजों में शिक्षकों के 3000 पद जबकि गैर शैक्षणिक 5000 पदों पर बहाली की प्रक्रिया होनी है. वहीं दूसरी ओर तेजस्वी यादव की बेरोजगारी हटाओ यात्रा को लेकर एनडीए नेता तंज कस रहे हैं.
'तेजस्वी की पूर्व की यात्राओं को भी याद करना चाहिए क्योंकि उनकी कोई यात्रा आज तक पूरी नहीं हुई. इसलिए पहले उन्हें संकल्प जारी करना चाहिए कि अपनी बेरोजगारी हटाओ यात्रा वे पूरी करेंगे.' -अरविंद निषाद, जदयू नेता
'एनडीए सरकार युवाओं को रोजगार देने के लिए तत्परता से प्रयास कर रही है. इसके लिए उन्हें रोजगार सृजन में मदद के लिए वित्तीय सहायता दी जा रही है. वहीं विभिन्न पदों पर बहाली की प्रक्रिया भी चल रही है.' -संजय सिंह टाइगर, प्रदेश प्रवक्ता, भाजपा
शिक्षाविद डॉ संजय कुमार ने कहा कि निश्चित तौर पर तेजस्वी की बेरोजगारी हटाओ यात्रा का फर्क बिहार की सियासत पर पड़ने वाला है. क्योंकि विधानसभा चुनाव में इस बड़े मुद्दे का असर देख चुके हैं. उन्होंने कहा कि एक बार फिर वह जब बेरोजगारी हटाओ यात्रा पर निकलेंगे, तो सरकार पर दबाव होगा कि विभिन्न खाली पड़े पदों को भरने की दिशा में अपने प्रयास के बारे में युवाओं को जानकारी दें. क्योंकि बिहार में बेरोजगारी आज के समय में सबसे बड़ी समस्या है.
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