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बिहार में बाढ़: 14 जिलों के 56 लाख लोग बेहाल, नदियों में उफान - bihar government

बिहार में नदिया उफान पर हैं. ऐसे में कई गांव जलमग्न हो गए हैं. उफनती नदियों के पानी से नए क्षेत्रों के जलमग्न हो जाने से बाढ़ की स्थिति और बिगड़ गयी है. दरभंगा और मुजफ्फरपुर में बाढ़ ने सबसे ज्यादा कहर बरपाया है

सुरक्षित स्थान की ओर जाते ग्रामीण
सुरक्षित स्थान की ओर जाते ग्रामीण
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Published : Aug 4, 2020, 11:07 PM IST

पटना: बिहार में बाढ़ का कहर जारी है. नदियों में आए उफान के बाद बाढ़ का पानी अब नए क्षेत्रों में भी बढ़ता जा रहा है. प्रदेश की प्रमुख नदियों का जलस्तर डेंजर लेवल को पार कर चुका है और लगातार जलस्तर में वृद्धि के कारण राज्य के 14 जिलों के लोग बाढ़ की चपेट में हैं. बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों को खासा मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है.

बिहार में जहां कोरोना संक्रमण से लोग परेशानी उठानी पड़ रही थी. वहीं, अब बाढ़ की विभिषिका ने जन जीवन अस्त व्यस्त कर दिया है. सीतामढ़ी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, सारण, समस्तीपुर समेत 14 जिलों की 56 लाख से ज्यादा की आबादी बाढ़ की विभीषिका झेल रही है.

देखें रिपोर्ट

समस्तीपुर में बागमती का कहर
समस्तीपुर के कल्याणपुर प्रखंड में बागमती का पानी कई गांवों को अपनी जद में ले चुका है. बागमती नदी के कहर से कई गांव के लोग तबाह और बर्बाद हो गए हैं. ऐसे में प्रशासनिक स्तर पर बाढ़ पीड़ितों के बीच मदद किया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर जटमलपुर पुल के पास तीरा पंचायत के सड़क पर बाढ़ का पानी बहने के कारण दरभंगा मार्ग अवरुद्ध हो गया है. जिसको लेकर कई लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

सुरक्षित स्थान की ओर जाते ग्रामीण
सुरक्षित स्थान की ओर जाते ग्रामीण

दरभंगा के 15 प्रखंड बाढ़ की चपेट में
दरभंगा के 18 में से 15 प्रखंडों की 196 पंचायतें बाढ़ से प्रभावित हैं. जिले के सबसे ज्यादा प्रभावित प्रखंडों में से एक हायाघाट की स्थिति ईटीवी भारत के कैमरे में कैद हुई है. यहां मल्ही पट्टी दक्षिणी पंचायत के सिरिनिया महादलित टोले के लोग बाढ़ से पूरी तरह घिरे हुए हैं. उनकी झोपड़ियां पानी में समा चुकी हैं. लोग भोजन, पानी और पशुओं के चारे के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं. यहां नाव के सहारे जिंदगी चल रही है. लोगों का आरोप है कि उन्हें उनके हाल पर छोड़ दिया गया है. कोई भी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी अब तक उन्हें पूछने नहीं आया है. दूसरी ओर केवटी प्रखंड के बिरने गांव का बांध फिर से टूट गया है. इससे नदी का पानी केवटी के गांव में प्रवेश कर रहा है.

ऊंचे स्थानों की ओर जाते ग्रामीण
ऊंचे स्थानों की ओर जाते ग्रामीण

गोपालगंज की तस्वीर
विनाशकारी बाढ़ ने बाढ़ पीड़ितों की मुश्किलें बढ़ा दी है. सारण मुख्य बांध के टूटने के कारण मांझा, बरौली, बैकुंठपुर, सिधवलिया और कुचायकोट प्रखंड में बाढ़ का पानी तेजी से फैल रहा है. लोगों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. सिधवलिया प्रखंड के चांदपरना गांव की, तो यहां लोगों की स्थिति काफी दयनीय हो गई है. लोग यहां छाती तक पहुंचे बाढ़ के पानी में कैद हो चुके हैं. लेकिन अब तक न अधिकारी सुध लेने पहुंचे हैं और न ही जनप्रतिनिधि. इससे बाढ़ पीड़ितों में काफी आक्रोश है.

विस्थापित होते ग्रामीण
विस्थापित होते ग्रामीण

सारण में बाढ़
सारण में सारण-गोपालगंज तटबंध टूटने के बाद बाढ़ अपना भयावाह रूप दिखा रहा है. जिस कारण इस समय मसरख, तरैया, अमनौर, मकेर और परसा प्रखंड के दर्जनों गांव जलमग्न हो गए हैं. साथ ही परसा हाईस्कूल विद्यालय और सितलपुर स्थित स्टेट हाइवे- 73 पर पानी का बहाव तेजी से बढ़ रहा है. जानकारी के मुताबिक कुछ घंटों में इस रास्ते पर आवागमन बाधित हो सकता है.

एक तस्वीर ये भी
एक तस्वीर ये भी

मोतिहारी के 11 वार्ड जलमग्न
पूर्वी चंपारण जिले के केसरिया नगर पंचायत में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. इस पंचायत में कुल 11 वार्ड हैं और सभी वार्ड बाढ़ के पानी में घिरे हुए हैं. संग्रामपुर प्रखंड में गंडक नदी पर बना चंपारण तटबंध बीते 24 जुलाई को टूट गया. इससे बाढ़ का पानी संग्रामपुर प्रखंड में कहर मचाने के बाद केसरिया प्रखंड में तबाही मचा रहा है. केसरिया प्रखंड के ग्रामीण इलाकों के अलावा नगर पंचायत के सभी वार्ड में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. जिस कारण लोगों की परेशानी काफी बढ़ गई है.

मजबूरी है साहब
मजबूरी है साहब

मुजफ्फरपुर में टूटा तिरहुत नहर तटबंध
मुजफ्फरपुर में बाढ़ की त्रासदी से जूझ रहे जिले की हालात तिरहुत बांध के टूटने से और बिगड़ गए. सबसे अधिक तबाही बूढ़ी गंडक नदी मचा रही है. बाढ़ का पानी नए इलाके में प्रवेश करने लगा है. बाढ़ से हालात बिगड़ते देख अब लोग सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं. लोग अपने मवेशी के साथ टबंधों पर शरण ले रहे हैं. बीते रविवार को तिरहुत नहर का बड़ा हिस्सा टूट गया था. सोमवार को भी कई नए जगहों से बांध टूट गया. जिससे बाढ़ का पानी तेजी से कई निचले इलाके में फैल रहा है.

ऐसे कट रहे दिन
ऐसे कट रहे दिन

जल संसाधन विभाग की रिपोर्ट
मंगलवार को जल संसाधन विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि कोसी के जलस्तर में घटने का रुख है. वीरपुर बैराज के पास मंगलवार की सुबह छह बजे कोसी का जलस्तर 1.97 लाख क्यूसेक था, जो आठ बजे घटकर 1.91 लाख क्यूसेक हो गया. इधर, गंडक नदी का जलस्तर स्थिर बना हुआ है. गंडक का जलस्राव वाल्मीकिनगर बराज पर सुबह आठ बजे 1.55 लाख क्यूसेक तक पहुंच गया.

मंगलवार को जारी किए गए आंकड़े (सोर्स-WRD)
मंगलवार को जारी किए गए आंकड़े (सोर्स-WRD)
  • राज्य की करीब सभी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. बागमती, बूढ़ी गंडक, कमला बलान, महानंदा व घाघरा कई क्षेत्रों में खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.
    मंगलवार को जारी किए गए आंकड़े (सोर्स-WRD)
    मंगलवार को जारी किए गए आंकड़े (सोर्स-WRD)

बिहार बाढ़

  • बिहार के 14 जिलों के कुल 114 प्रखंड बाढ़ प्रभावित हैं.
  • इन प्रखंडों के 1 हजार 082 पंचायतें बाढ़ से प्रभावित हुई हैं.
  • बाढ़ से तकरीबन 56.53 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है.
  • बाढ़ग्रस्त इलाकों में 19 राहत शिविर खोले गए हैं.
    मंगलवार को जारी किए गए आंकड़े (सोर्स-WRD)
    मंगलवार को जारी किए गए आंकड़े (सोर्स-WRD)
  • इनमें 17 हजार से ज्यादा लोग रह रहे हैं.
  • इसके अलावा बाढ़ प्रभावित इलाकों में कुल 1 हजार 358 सामुदायिक रसोईघर चलाए जा रहे हैं.
  • इन किचेन में प्रतिदिन 9 लाख से ज्यादा लोग भोजन कर रहे हैं.

राहत एवं बचाव कार्य
सभी बाढ़ प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत एवं बचाव का कार्य कर रही हैं. आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार अब तक कुल 4 लाख 18 हजार 490 लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से निकालकर सुरक्षित इलाकों में पहुंचाया गया है.

मंगलवार को जारी किए गए आंकड़े (सोर्स-WRD)
मंगलवार को जारी किए गए आंकड़े (सोर्स-WRD)

राहत राशि
बाढ़ प्रभावित इलाकों के प्रत्येक परिवार को बिहार सरकार बतौर राहत राशि 6 हजार रुपया दे रही है. अब तक कुल 2 लाख 71 हजार 407 परिवारों के बैंक खातों में कुल 162.84 करोड़ रुपये की राहत राशि भेजी जा चुकी है. ऐसे परिवारों को एसएमएस के माध्यम से इस बारे में सूचित भी किया जा रहा है.

पटना: बिहार में बाढ़ का कहर जारी है. नदियों में आए उफान के बाद बाढ़ का पानी अब नए क्षेत्रों में भी बढ़ता जा रहा है. प्रदेश की प्रमुख नदियों का जलस्तर डेंजर लेवल को पार कर चुका है और लगातार जलस्तर में वृद्धि के कारण राज्य के 14 जिलों के लोग बाढ़ की चपेट में हैं. बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों को खासा मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है.

बिहार में जहां कोरोना संक्रमण से लोग परेशानी उठानी पड़ रही थी. वहीं, अब बाढ़ की विभिषिका ने जन जीवन अस्त व्यस्त कर दिया है. सीतामढ़ी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, सारण, समस्तीपुर समेत 14 जिलों की 56 लाख से ज्यादा की आबादी बाढ़ की विभीषिका झेल रही है.

देखें रिपोर्ट

समस्तीपुर में बागमती का कहर
समस्तीपुर के कल्याणपुर प्रखंड में बागमती का पानी कई गांवों को अपनी जद में ले चुका है. बागमती नदी के कहर से कई गांव के लोग तबाह और बर्बाद हो गए हैं. ऐसे में प्रशासनिक स्तर पर बाढ़ पीड़ितों के बीच मदद किया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर जटमलपुर पुल के पास तीरा पंचायत के सड़क पर बाढ़ का पानी बहने के कारण दरभंगा मार्ग अवरुद्ध हो गया है. जिसको लेकर कई लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

सुरक्षित स्थान की ओर जाते ग्रामीण
सुरक्षित स्थान की ओर जाते ग्रामीण

दरभंगा के 15 प्रखंड बाढ़ की चपेट में
दरभंगा के 18 में से 15 प्रखंडों की 196 पंचायतें बाढ़ से प्रभावित हैं. जिले के सबसे ज्यादा प्रभावित प्रखंडों में से एक हायाघाट की स्थिति ईटीवी भारत के कैमरे में कैद हुई है. यहां मल्ही पट्टी दक्षिणी पंचायत के सिरिनिया महादलित टोले के लोग बाढ़ से पूरी तरह घिरे हुए हैं. उनकी झोपड़ियां पानी में समा चुकी हैं. लोग भोजन, पानी और पशुओं के चारे के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं. यहां नाव के सहारे जिंदगी चल रही है. लोगों का आरोप है कि उन्हें उनके हाल पर छोड़ दिया गया है. कोई भी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी अब तक उन्हें पूछने नहीं आया है. दूसरी ओर केवटी प्रखंड के बिरने गांव का बांध फिर से टूट गया है. इससे नदी का पानी केवटी के गांव में प्रवेश कर रहा है.

ऊंचे स्थानों की ओर जाते ग्रामीण
ऊंचे स्थानों की ओर जाते ग्रामीण

गोपालगंज की तस्वीर
विनाशकारी बाढ़ ने बाढ़ पीड़ितों की मुश्किलें बढ़ा दी है. सारण मुख्य बांध के टूटने के कारण मांझा, बरौली, बैकुंठपुर, सिधवलिया और कुचायकोट प्रखंड में बाढ़ का पानी तेजी से फैल रहा है. लोगों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. सिधवलिया प्रखंड के चांदपरना गांव की, तो यहां लोगों की स्थिति काफी दयनीय हो गई है. लोग यहां छाती तक पहुंचे बाढ़ के पानी में कैद हो चुके हैं. लेकिन अब तक न अधिकारी सुध लेने पहुंचे हैं और न ही जनप्रतिनिधि. इससे बाढ़ पीड़ितों में काफी आक्रोश है.

विस्थापित होते ग्रामीण
विस्थापित होते ग्रामीण

सारण में बाढ़
सारण में सारण-गोपालगंज तटबंध टूटने के बाद बाढ़ अपना भयावाह रूप दिखा रहा है. जिस कारण इस समय मसरख, तरैया, अमनौर, मकेर और परसा प्रखंड के दर्जनों गांव जलमग्न हो गए हैं. साथ ही परसा हाईस्कूल विद्यालय और सितलपुर स्थित स्टेट हाइवे- 73 पर पानी का बहाव तेजी से बढ़ रहा है. जानकारी के मुताबिक कुछ घंटों में इस रास्ते पर आवागमन बाधित हो सकता है.

एक तस्वीर ये भी
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मोतिहारी के 11 वार्ड जलमग्न
पूर्वी चंपारण जिले के केसरिया नगर पंचायत में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. इस पंचायत में कुल 11 वार्ड हैं और सभी वार्ड बाढ़ के पानी में घिरे हुए हैं. संग्रामपुर प्रखंड में गंडक नदी पर बना चंपारण तटबंध बीते 24 जुलाई को टूट गया. इससे बाढ़ का पानी संग्रामपुर प्रखंड में कहर मचाने के बाद केसरिया प्रखंड में तबाही मचा रहा है. केसरिया प्रखंड के ग्रामीण इलाकों के अलावा नगर पंचायत के सभी वार्ड में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. जिस कारण लोगों की परेशानी काफी बढ़ गई है.

मजबूरी है साहब
मजबूरी है साहब

मुजफ्फरपुर में टूटा तिरहुत नहर तटबंध
मुजफ्फरपुर में बाढ़ की त्रासदी से जूझ रहे जिले की हालात तिरहुत बांध के टूटने से और बिगड़ गए. सबसे अधिक तबाही बूढ़ी गंडक नदी मचा रही है. बाढ़ का पानी नए इलाके में प्रवेश करने लगा है. बाढ़ से हालात बिगड़ते देख अब लोग सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं. लोग अपने मवेशी के साथ टबंधों पर शरण ले रहे हैं. बीते रविवार को तिरहुत नहर का बड़ा हिस्सा टूट गया था. सोमवार को भी कई नए जगहों से बांध टूट गया. जिससे बाढ़ का पानी तेजी से कई निचले इलाके में फैल रहा है.

ऐसे कट रहे दिन
ऐसे कट रहे दिन

जल संसाधन विभाग की रिपोर्ट
मंगलवार को जल संसाधन विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि कोसी के जलस्तर में घटने का रुख है. वीरपुर बैराज के पास मंगलवार की सुबह छह बजे कोसी का जलस्तर 1.97 लाख क्यूसेक था, जो आठ बजे घटकर 1.91 लाख क्यूसेक हो गया. इधर, गंडक नदी का जलस्तर स्थिर बना हुआ है. गंडक का जलस्राव वाल्मीकिनगर बराज पर सुबह आठ बजे 1.55 लाख क्यूसेक तक पहुंच गया.

मंगलवार को जारी किए गए आंकड़े (सोर्स-WRD)
मंगलवार को जारी किए गए आंकड़े (सोर्स-WRD)
  • राज्य की करीब सभी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. बागमती, बूढ़ी गंडक, कमला बलान, महानंदा व घाघरा कई क्षेत्रों में खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.
    मंगलवार को जारी किए गए आंकड़े (सोर्स-WRD)
    मंगलवार को जारी किए गए आंकड़े (सोर्स-WRD)

बिहार बाढ़

  • बिहार के 14 जिलों के कुल 114 प्रखंड बाढ़ प्रभावित हैं.
  • इन प्रखंडों के 1 हजार 082 पंचायतें बाढ़ से प्रभावित हुई हैं.
  • बाढ़ से तकरीबन 56.53 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है.
  • बाढ़ग्रस्त इलाकों में 19 राहत शिविर खोले गए हैं.
    मंगलवार को जारी किए गए आंकड़े (सोर्स-WRD)
    मंगलवार को जारी किए गए आंकड़े (सोर्स-WRD)
  • इनमें 17 हजार से ज्यादा लोग रह रहे हैं.
  • इसके अलावा बाढ़ प्रभावित इलाकों में कुल 1 हजार 358 सामुदायिक रसोईघर चलाए जा रहे हैं.
  • इन किचेन में प्रतिदिन 9 लाख से ज्यादा लोग भोजन कर रहे हैं.

राहत एवं बचाव कार्य
सभी बाढ़ प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत एवं बचाव का कार्य कर रही हैं. आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार अब तक कुल 4 लाख 18 हजार 490 लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से निकालकर सुरक्षित इलाकों में पहुंचाया गया है.

मंगलवार को जारी किए गए आंकड़े (सोर्स-WRD)
मंगलवार को जारी किए गए आंकड़े (सोर्स-WRD)

राहत राशि
बाढ़ प्रभावित इलाकों के प्रत्येक परिवार को बिहार सरकार बतौर राहत राशि 6 हजार रुपया दे रही है. अब तक कुल 2 लाख 71 हजार 407 परिवारों के बैंक खातों में कुल 162.84 करोड़ रुपये की राहत राशि भेजी जा चुकी है. ऐसे परिवारों को एसएमएस के माध्यम से इस बारे में सूचित भी किया जा रहा है.

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