पटनाः पटना हाई कोर्ट ने आदेश के बावजूद जवाबी हलफ़नामा दायर नहीं करने के मामले को गंभीरता से लिया है. जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद ने शुक्रवार को इस पर सख्त रुख अपनाते हुए परिवहन विभाग के सचिव को अंतिम मोहलत (Last chance to Transport Secretary file affidavit ) देते हुए कहा कि यदि 18 मई 2023 तक हलफनामा दायर नहीं किया गया तो उन्हें स्वयं कोर्ट में उपस्थित होना होगा. मामले में अगली सुनवाई 18 मई, 2023 को होगी.
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राज्य सरकार की अधिसूचना को चुनौतीः कोर्ट ने सुनीता देवी की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दिया. याचिकाकर्ता ने राज्य सरकार की उस अधिसूचना को चुनौती दी थी, जिसके अंतर्गत राज्य के परिवहन विभाग ने मोटर वाहन अधिनियम-1988 के प्रावधान के आलोक में सार्वजनिक सुरक्षा और सुविधा हेतु 15 वर्ष से अधिक पुराने सभी कॉमर्शियल वाहनों की आवाजाही पर पटना नगर निगम, दानपुर, खगौल एवं फुलवारी नगर परिषद में तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी थी. कोर्ट ने 20 सितंबर 2022 को अपने आदेश से इस मामले में जवाबी हलफनामा परिवहन सचिव के मांगा था.
परिवहन सचिव को अंतिम मोहलतः सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वरीय अधिवक्ता सियाराम शाही ने कोर्ट को बताया कि कोर्ट ने पिछले आदेश के अनुपालन में परिवहन सचिव द्वारा अभी तक जवाबी हलफनामा दायर नहीं किया है. कोर्ट ने सरकारी अधिवक्ता प्रशांत प्रताप के अनुरोध पर अंतिम मोहलत देते हुए परिवहन सचिव को जवाबी हलफ़नामा दायर करने का निर्देश दिया. साथ ही कोर्ट ने कहा कि यदि अगली सुनवाई तक आदेश का अनुपालन नहीं किया गया तो परिवहन सचिव को स्वयं कोर्ट में उपस्थित होकर स्थिति स्पष्ट करना होगा.