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ऐसे तो मुश्किल होगी कोरोना से लड़ाई, जल्दबाजी में बड़ी संख्या में जांच सैंपल हो रहे बर्बाद

कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जहां एक तरफ जांच की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ बड़ी संख्या में आरटीपीसीआर जांच सैंपल बर्बाद हो रहे हैं. देखिए पूरी रिपोर्ट...

कोरोना जांच
कोरोना जांच
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Published : May 22, 2021, 9:32 PM IST

Updated : May 22, 2021, 10:43 PM IST

पटनाः कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर हर रोज करीब 30 हजार आरटीपीसीआर सैंपलों की जांच की जा रही है. लेकिन इस बीच जांच संबंधी शिकायतें भी लगातार मिल रही है. प्रोसेसिंग और अन्य कारणों से बड़ी संख्या में सैंपल बर्बाद भी हो रहे हैं. पटना एम्स और पीएमसीएच से भी सही तरीके से सैंपल इकट्ठा नहीं किए जाने के कारण बर्बाद हो जाने का मामला सामने आया है.

इसे भी पढ़ेंः बिहार में ब्लैक फंगस महामारी घोषित, कोरोना मरीजों की तरह रखा जाएगा रिकॉर्ड

एम्स में हर रोज 300 सैंपलों की बर्बादी
पटना एम्स में प्रतिदिन लगभग 1600 आरटीपीसीआर के नमूनों की जांच की जा रही है. इनमें से 300 से 500 किट की प्रोसेसिंग नहीं हो पाती है. जिन लोगों के जांच सैंपल का प्रोसेसिंग नहीं हो पाता है, उनका दोबारा जांच सैंपल मंगवाया जाता है. इस स्थिति में बड़ी संख्या में जांच सैंपल बर्बाद हो जा रहे हैं.

देखें वीडियो

इसे भी पढ़ेंः 40 लोगों की मौत के बाद ग्रामीणों ने गांव को किया सील, पोस्टर लगाकर दी ये चेतावनी

पीएमसीएच और आईजीआईएमएस का यही हाल
पटना के पीएमसीएच, आईजीआईएमएस, आरएमआरआई जैसे संस्थानों का भी यही हाल है. सही तरीके से आरटीपीसीआर सैंपलों को इकट्ठा नहीं किए जाने के कारण 5% सैंपल बर्बाद हो जा रहे हैं. आईजीआईएमएस में बीते ढाई महीनों में लगभग 5000 आरटीपीसीआर सैंपल किट पहुंचे हैं, जिनका प्रोसेसिंग नहीं नहीं हो सका. इसका मुख्य कारण जल्दबाजी में टेक्निशियनों के द्वारा सैंपल नहीं कलेक्ट करना है.

पटनाः कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर हर रोज करीब 30 हजार आरटीपीसीआर सैंपलों की जांच की जा रही है. लेकिन इस बीच जांच संबंधी शिकायतें भी लगातार मिल रही है. प्रोसेसिंग और अन्य कारणों से बड़ी संख्या में सैंपल बर्बाद भी हो रहे हैं. पटना एम्स और पीएमसीएच से भी सही तरीके से सैंपल इकट्ठा नहीं किए जाने के कारण बर्बाद हो जाने का मामला सामने आया है.

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एम्स में हर रोज 300 सैंपलों की बर्बादी
पटना एम्स में प्रतिदिन लगभग 1600 आरटीपीसीआर के नमूनों की जांच की जा रही है. इनमें से 300 से 500 किट की प्रोसेसिंग नहीं हो पाती है. जिन लोगों के जांच सैंपल का प्रोसेसिंग नहीं हो पाता है, उनका दोबारा जांच सैंपल मंगवाया जाता है. इस स्थिति में बड़ी संख्या में जांच सैंपल बर्बाद हो जा रहे हैं.

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पीएमसीएच और आईजीआईएमएस का यही हाल
पटना के पीएमसीएच, आईजीआईएमएस, आरएमआरआई जैसे संस्थानों का भी यही हाल है. सही तरीके से आरटीपीसीआर सैंपलों को इकट्ठा नहीं किए जाने के कारण 5% सैंपल बर्बाद हो जा रहे हैं. आईजीआईएमएस में बीते ढाई महीनों में लगभग 5000 आरटीपीसीआर सैंपल किट पहुंचे हैं, जिनका प्रोसेसिंग नहीं नहीं हो सका. इसका मुख्य कारण जल्दबाजी में टेक्निशियनों के द्वारा सैंपल नहीं कलेक्ट करना है.

Last Updated : May 22, 2021, 10:43 PM IST
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