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मंत्री बोले-राजस्व विभाग में भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं, 21 अधिकारियों के खिलाफ हुई कार्रवाई

भ्रष्ट आचरण में संलिप्त अंचल अधिकारियों पर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग सख्त है. दोषी पाए जाने पर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी. अगस्त माह में महागठबंधन सरकार बनने से लेकर अबतक विभाग ने 9 अंचल अधिकारियों को (nine CO suspended) निलंबित कर दिया गया है, जबकि 12 के खिलाफ विभागीय कार्रवाई चल रही है.

आलोक मेहता
आलोक मेहता
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Published : Nov 30, 2022, 8:51 PM IST

पटनाः भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री (Land Reforms and Revenue Minister Alok Mehta) ने कहा कि अंचल अधिकारी समेत राजस्व विभाग के किसी भी कर्मी या पदाधिकारी के खिलाफ शिकायत प्राप्त होती है तो उनके खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जायेगा. राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक कुमार मेहता ने बुधवार को विभागीय निगरानी कोषांग के कार्यों की समीक्षा के दौरान ये बात कहीं. उन्होंने यह भी कहा कि जिन अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच चल रही है उसे जल्द से जल्द पूरा कर लिया जाय, ताकि संबंधित कर्मी के खिलाफ शीघ्र एवं सही निर्णय लिया जा सके.

इसे भी पढ़ेंः राजस्व विभाग के फर्जी संविदा कर्मियों की गिरफ्तारी की मांग, DGP को लिखा पत्र

जिन अंचल अधिकारियों को निलंबित किया गया है उनके नाम
विजय कुमारदाउदनगर
सुनील कुमार वर्माबिहारशरीफ
चंदन कुमारफुलवारीशरीफ
कुमार कुंदन लालगड़हनी
अमित कुमारओबरा
उज्ज्वल कुमार चौबेकुचायकोट
दिनेश कुमार काको
विनोद कुमार चौधरीखिजरसराय, गया
सुरेजश्वर श्रीवास्तव करगहर, रोहतास


रिश्वत लेते धराये थेः इनमें से दो अंचल अधिकारियों खिजरसराय के विनोद कुमार चौधरी एवं काको के दिनेश कुमार को घूस लेते हुए निगरानी ने ट्रैप किया था. जिसके आलोक में विभाग ने त्वरित कार्रवाई करते हुए निलंबन की कार्रवाई की गयी है. जबकि अन्य के मामले में जिलास्तर से प्राप्त प्रतिवेदन के आलोक में जांच कर निलंबन की कार्रवाई की गई है. अंचल अधिकारियों पर जिन आरोपों के तहत कार्रवाई की गई है, उनमें मुख्य है- अवैध जमाबंदी कायम करना, अतिक्रमण हटाने में लापरवाही बरतना, माननीय उच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना, बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम से संबंधित वादों में पारित आदेशों के अनुपालन में दिलचस्पी नहीं लेना, दाखिल खारिज एवं ऑन लाइन सेवाओं का ससमय निष्पादन नहीं करना आदि.

इसे भी पढ़ेंः मुख्यमंत्री के काफिले काे रोककर मुआवजे की मांग, अधिकारियों के फूले हाथ-पांव


इन पर चल रही कार्रवाईः इनके अलावा करीब 12 अंचल अधिकारी ऐसे हैं जिनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई वर्तमान में चल रहा है. इनमें औरंगाबाद के दाउदनगर के तत्कालीन अंचल अधिकारी, ओबरा के मौजूदा अंचल अधिकारी, भागलपुर के रंगराचौक के तत्कालीन अंचल अधिकारी, बरबीघा, शेखपुरा के तत्कालीन अंचल अधिकारी, पचरूखी, सिवान के तत्कालीन अंचल अधिकारी, धनरूआ, पटना के तत्कालीन अंचल अधिकारी, हिलसा, नालंदा के अंचल अधिकारी, आरा सदर के तत्कालीन अंचल अधिकारी, अररिया के तत्कालीन सहायक बन्दोवस्त पदाधिकारी और बैरिया, पश्चिम चम्पारण के तत्कालीन अंचल अधिकारी शामिल हैं.

'हमारा विभाग आम लोगों से सीधा जुड़ा हुआ विभाग है. सर्व साधारण लोगों, गरीब-गुरबों को कोई परेशानी नहीं हो, उनका काम तय समय सीमा के भीतर हो जाय, इसे लेकर हमारा विभाग बहुत सचेत है'-आलोक कुमार मेहता, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री

पटनाः भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री (Land Reforms and Revenue Minister Alok Mehta) ने कहा कि अंचल अधिकारी समेत राजस्व विभाग के किसी भी कर्मी या पदाधिकारी के खिलाफ शिकायत प्राप्त होती है तो उनके खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जायेगा. राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक कुमार मेहता ने बुधवार को विभागीय निगरानी कोषांग के कार्यों की समीक्षा के दौरान ये बात कहीं. उन्होंने यह भी कहा कि जिन अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच चल रही है उसे जल्द से जल्द पूरा कर लिया जाय, ताकि संबंधित कर्मी के खिलाफ शीघ्र एवं सही निर्णय लिया जा सके.

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जिन अंचल अधिकारियों को निलंबित किया गया है उनके नाम
विजय कुमारदाउदनगर
सुनील कुमार वर्माबिहारशरीफ
चंदन कुमारफुलवारीशरीफ
कुमार कुंदन लालगड़हनी
अमित कुमारओबरा
उज्ज्वल कुमार चौबेकुचायकोट
दिनेश कुमार काको
विनोद कुमार चौधरीखिजरसराय, गया
सुरेजश्वर श्रीवास्तव करगहर, रोहतास


रिश्वत लेते धराये थेः इनमें से दो अंचल अधिकारियों खिजरसराय के विनोद कुमार चौधरी एवं काको के दिनेश कुमार को घूस लेते हुए निगरानी ने ट्रैप किया था. जिसके आलोक में विभाग ने त्वरित कार्रवाई करते हुए निलंबन की कार्रवाई की गयी है. जबकि अन्य के मामले में जिलास्तर से प्राप्त प्रतिवेदन के आलोक में जांच कर निलंबन की कार्रवाई की गई है. अंचल अधिकारियों पर जिन आरोपों के तहत कार्रवाई की गई है, उनमें मुख्य है- अवैध जमाबंदी कायम करना, अतिक्रमण हटाने में लापरवाही बरतना, माननीय उच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना, बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम से संबंधित वादों में पारित आदेशों के अनुपालन में दिलचस्पी नहीं लेना, दाखिल खारिज एवं ऑन लाइन सेवाओं का ससमय निष्पादन नहीं करना आदि.

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इन पर चल रही कार्रवाईः इनके अलावा करीब 12 अंचल अधिकारी ऐसे हैं जिनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई वर्तमान में चल रहा है. इनमें औरंगाबाद के दाउदनगर के तत्कालीन अंचल अधिकारी, ओबरा के मौजूदा अंचल अधिकारी, भागलपुर के रंगराचौक के तत्कालीन अंचल अधिकारी, बरबीघा, शेखपुरा के तत्कालीन अंचल अधिकारी, पचरूखी, सिवान के तत्कालीन अंचल अधिकारी, धनरूआ, पटना के तत्कालीन अंचल अधिकारी, हिलसा, नालंदा के अंचल अधिकारी, आरा सदर के तत्कालीन अंचल अधिकारी, अररिया के तत्कालीन सहायक बन्दोवस्त पदाधिकारी और बैरिया, पश्चिम चम्पारण के तत्कालीन अंचल अधिकारी शामिल हैं.

'हमारा विभाग आम लोगों से सीधा जुड़ा हुआ विभाग है. सर्व साधारण लोगों, गरीब-गुरबों को कोई परेशानी नहीं हो, उनका काम तय समय सीमा के भीतर हो जाय, इसे लेकर हमारा विभाग बहुत सचेत है'-आलोक कुमार मेहता, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री

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