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मंत्री रामसूरत राय ने किया ऑनलाइन म्यूटेशन ऐप का शुभारंभ, बिहार में दाखिल खारिज के नये नियम लागू

आम जनता के लिए दाखिल खारिज की समस्या को सरल तरीके से निदान के लिए बड़ी पहल की गई है. अब लोगों को दफ्तर के चक्कर नहीं लगाने होंगे. इसी के तहत मंत्री रामसूरत राय ने आज ऑनलाइन सोमोटो म्यूटेशन एप्लीकेशन ऐप का शुभारंभ किया. इस दौरान मंत्री ने दावा किया कि इससे जमीन विवादों में कमी आएगी.

Bihar land mutation law
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Published : Apr 1, 2021, 5:59 PM IST

पटना: राज्य में आपराधिक घटनाओं से जुड़े सबसे अधिक मामले जमीन से संबंधित होते हैं. ऐसे में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा 1 अप्रैल से नई पहल शुरू की गई है. अब स्वत जमीन और फ्लैट का म्यूटेशन (दाखिल खारिज) होगा. राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय ने ऑनलाइन सोमोटो म्यूटेशन एप्लीकेशन ऐप का आज शुभारंभ किया.

देखें मंत्री का बयान

यह भी पढ़ें- सीएजी की रिपोर्ट में खुलासा, 'सुशासन राज' में खुलकर भ्रष्टाचार, विपक्ष के निशाने पर नीतीश

ऑनलाइन सोमोटो म्यूटेशन एप्लीकेशन ऐप
नए नियम में रजिस्ट्री कराने के बाद व्यक्ति निश्चिंत हो जायेगा. जालसाजों के चंगुल से बचेगा और 35 दिन के भीतर दाखिल खारिज हो जायेगा. देश के किसी भी कोने से दाखिल खारिज की ऑनलाइन रसीद कटवाकर ऑनलाइन पेमेंट करने की सुविधा मिलेगी. जिन लोगों ने जमाबंदी नहीं की है.उन्हें पुराने नियम के तहत ही अंचल कार्यालय जाकर दाखिल खारिज कराना होगा. यह ऐप बताएगा दाखिल खारिज कहां अटका है. कर्मचारी के पास 35 दिनों से ज्यादा अटका तो सीओ को एसएमएस मिलेगा. किसके पास-कितना पेंडिंग है, सारी जानकारी इस ऐप से मिलेगी.

'जमीन से ही विकास होता है, जब तक जमीन पर सबकुछ सही नहीं रहेगा, विकास नहीं होगा. जिस व्यक्ति के पास जमाबंदी है, अगर वो अपनी जमीन बेचते हैं तो उन्हें रजिस्ट्री ऑफिस से ही एक फॉर्म मिलेगा और दाखिल खारिज की लंबी प्रक्रिया से राहत मिलेगी. अब उन्हें अंचल कार्यालय जाकर चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा, आरटीपीएस काउंटर नहीं जाना पड़ेगा. इसका लाभ जमीन खरीदने वाले को भी मिलेगा.'- रामसूरत राय, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री, बिहार

'विवादों में आएगी कमी'
जो कातिब रजिस्ट्री के वक्त इस फॉर्म को एक साथ जमा नहीं करेंगे, उन पर कार्रवाई होगी और उनका लाइसेंस तक विभाग रद्द कर सकता है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग का मानना है कि इस तरह की शुरुआत से राज्य में जमीन विवाद के बढ़ते मामलों पर अंकुश लगेगा. इस तरह की शुरुआत से अब जमीन खरीदने वाले को म्यूटेशन ( दाखिल खारिज ) के लिए आरटीपीएस काउंटर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

रामसूरत राय ने की अपील
राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय ने बिहार के वैसे नागरिकों से अपील की है, जिनके पास जमीन है लेकिन जमाबंदी पूर्वजों के नाम से है. वह वर्तमान में परिवार के किसी भी सदस्य के नाम अब जमाबंदी जल्द करा ले. ताकि भविष्य में जमीन विवाद को लेकर किसी तरह की समस्या ना झेलनी पड़े.

'विभाग का हाईटेक होना जरुरी'
मंत्री रामसूरत राय ने विभाग द्वारा इस पहल के पीछे भू माफियाओं पर अंकुश लगाना बड़ा मसला बताया. उन्होंने कहा हर विभाग हाईटेक हो रहा है इसलिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग को भी हाईटेक होना बेहद जरूरी है. इस तरह की शुरुआत से ही राज्य में जमीन विवाद पर अंकुश लगेगा. साथ ही विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार में भी कमी आएगी.

यह भी पढ़ें- भूमि विवाद: बिहार सरकार का एक्शन प्लान तैयार, सिस्टम से अपराध की 'जमीन' को उखाड़ने की तैयारी

पटना: राज्य में आपराधिक घटनाओं से जुड़े सबसे अधिक मामले जमीन से संबंधित होते हैं. ऐसे में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा 1 अप्रैल से नई पहल शुरू की गई है. अब स्वत जमीन और फ्लैट का म्यूटेशन (दाखिल खारिज) होगा. राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय ने ऑनलाइन सोमोटो म्यूटेशन एप्लीकेशन ऐप का आज शुभारंभ किया.

देखें मंत्री का बयान

यह भी पढ़ें- सीएजी की रिपोर्ट में खुलासा, 'सुशासन राज' में खुलकर भ्रष्टाचार, विपक्ष के निशाने पर नीतीश

ऑनलाइन सोमोटो म्यूटेशन एप्लीकेशन ऐप
नए नियम में रजिस्ट्री कराने के बाद व्यक्ति निश्चिंत हो जायेगा. जालसाजों के चंगुल से बचेगा और 35 दिन के भीतर दाखिल खारिज हो जायेगा. देश के किसी भी कोने से दाखिल खारिज की ऑनलाइन रसीद कटवाकर ऑनलाइन पेमेंट करने की सुविधा मिलेगी. जिन लोगों ने जमाबंदी नहीं की है.उन्हें पुराने नियम के तहत ही अंचल कार्यालय जाकर दाखिल खारिज कराना होगा. यह ऐप बताएगा दाखिल खारिज कहां अटका है. कर्मचारी के पास 35 दिनों से ज्यादा अटका तो सीओ को एसएमएस मिलेगा. किसके पास-कितना पेंडिंग है, सारी जानकारी इस ऐप से मिलेगी.

'जमीन से ही विकास होता है, जब तक जमीन पर सबकुछ सही नहीं रहेगा, विकास नहीं होगा. जिस व्यक्ति के पास जमाबंदी है, अगर वो अपनी जमीन बेचते हैं तो उन्हें रजिस्ट्री ऑफिस से ही एक फॉर्म मिलेगा और दाखिल खारिज की लंबी प्रक्रिया से राहत मिलेगी. अब उन्हें अंचल कार्यालय जाकर चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा, आरटीपीएस काउंटर नहीं जाना पड़ेगा. इसका लाभ जमीन खरीदने वाले को भी मिलेगा.'- रामसूरत राय, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री, बिहार

'विवादों में आएगी कमी'
जो कातिब रजिस्ट्री के वक्त इस फॉर्म को एक साथ जमा नहीं करेंगे, उन पर कार्रवाई होगी और उनका लाइसेंस तक विभाग रद्द कर सकता है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग का मानना है कि इस तरह की शुरुआत से राज्य में जमीन विवाद के बढ़ते मामलों पर अंकुश लगेगा. इस तरह की शुरुआत से अब जमीन खरीदने वाले को म्यूटेशन ( दाखिल खारिज ) के लिए आरटीपीएस काउंटर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

रामसूरत राय ने की अपील
राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय ने बिहार के वैसे नागरिकों से अपील की है, जिनके पास जमीन है लेकिन जमाबंदी पूर्वजों के नाम से है. वह वर्तमान में परिवार के किसी भी सदस्य के नाम अब जमाबंदी जल्द करा ले. ताकि भविष्य में जमीन विवाद को लेकर किसी तरह की समस्या ना झेलनी पड़े.

'विभाग का हाईटेक होना जरुरी'
मंत्री रामसूरत राय ने विभाग द्वारा इस पहल के पीछे भू माफियाओं पर अंकुश लगाना बड़ा मसला बताया. उन्होंने कहा हर विभाग हाईटेक हो रहा है इसलिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग को भी हाईटेक होना बेहद जरूरी है. इस तरह की शुरुआत से ही राज्य में जमीन विवाद पर अंकुश लगेगा. साथ ही विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार में भी कमी आएगी.

यह भी पढ़ें- भूमि विवाद: बिहार सरकार का एक्शन प्लान तैयार, सिस्टम से अपराध की 'जमीन' को उखाड़ने की तैयारी

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