पटनाः राजस्व व भूमि सुधार विभाग भ्रष्टाचार और घूसखोरी रोकने के लिए कई कदम उठा रहा है. राज्य के जमीन और फ्लैट खरीदारों को अब म्यूटेशन के लिए ऑफिसर और बाबुओं की जी हुजूरी नहीं करनी पड़ेगी. बिहार में जमीन और फ्लैट खरीदारों को म्यूटेशन कराने के लिए नई व्यवस्था लागू की जा रही है.
- नई व्यवस्था के तहत रजिस्ट्री के साथ ही खुद ब खुद म्यूटेशन की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी.
- म्यूटेशन के लिए अब जमीन मालिक को ऑनलाइन आवेदन भी नहीं करने की जरूरत होगी.
- जमीन की रजिस्ट्री होते ही पूरा रिकॉर्ड एक ऐप के माध्यम से अंचल कार्यालय के पास चला जाएगा.
- नई व्यवस्था पहले आओ पहले पाओ के आधार पर होगी.
- कोई जमीन अगर आज रजिस्ट्री हुई है तो उसका म्यूटेशन भी पहले होगा.
- कोई अफसर मनमानी नहीं कर सकेगा, न ही किसी नजदीकी व्यक्ति का म्यूटेशन समय से पहले कर सकता है.
- अवैध वसूली के नाम पर जमीन व खरीद फ्लैट खरीदारों को बेवजह परेशान नहीं किया जा सकेगा. इसके लिए सॉफ्टवेयर तैयार हो गया है, विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इसी महीने इसकी शुरुआत भी हो जाएगी.
मुख्य सचिव को दी गई जानकारी
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग और निबंधन विभाग के अधिकारियों ने बिहार के मुख्य सचिव को इसकी विस्तृत जानकारी भी दे दी है. म्यूटेशन की नई व्यवस्था होने से म्यूटेशन के साथ ही रजिस्टर टू से भी पुराने जमीन मालिक का नाम हट जाएगा और नए खरीदार का नाम जुड़ जाएगा. लेकिन अगर किसी भूखंड का छोटा भाग बिकता है तो बेची गई संपत्ति के भाग से नया नाम जुड़ेगा. शेष भूमि पुराने मालिक के नाम ही रहेगा.
म्यूटेशन की ऑनलाइन व्यवस्था
ऐप के माध्यम से निबंधित कागजात का पीडीएफ अंचल कार्यालय तक पहुंच जाएगा. लेकिन यह व्यवस्था आगे से रजिस्ट्री होने वाले जमीन के लिए ही होगी. व्यवस्था लागू होने के पहले जिस भूखंड की रजिस्ट्री हुई है उसके लिए ऑनलाइन आवेदन की वर्तमान व्यवस्था भी लागू रहेगी. वर्तमान में भी सरकार ने म्यूटेशन की ऑनलाइन व्यवस्था की है.