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15 दिनों के बाद पकड़ में आया खूंखार तेंदुआ, वन विभाग ने पिंजरा में बकरी बांध फंसाया - LEOPARD IN BAGAHA

बगहा में तेंदुआ से खौफ में जी रहे लोगों ने चैन की सांस ली. टीम 15 दिनों के बाद रेस्क्यू करने में सफल रही.

leopard in bagaha
बगहा में तेंदुआ को पकड़ा गया (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 25, 2024, 8:21 AM IST

Updated : Dec 25, 2024, 10:35 AM IST

बगहा: बाघ, शेर, चीता, तेंदुआ का नाम सुनते ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं. क्या होगा जब आपके गांव में इसी में से कोई जानवार घुस जाए. जो आपके साथ होगा वहीं हाल बगहा के लोगों के साथ हो रहा था. आखिर में 15 दिनों के बाद लोगों ने राहत की सांस ली.

15 दिनों से खौफ में थे लोग: दरअसल, बगहा के गंडक दियारा पार के धनहा से पिपरासी में पिछले 15 दिनों से तेंदुआ तांडव मचा रहा था. 10 दिसंबर 2024 की दोपहर धनहा के वंशी टोला दियारा में खेत में काम करने गए किसानों और मजदूरों पर एक तेंदुआ ने हमला बोल दिया था. इस हमले में 6 किसान घायल हो गए थे. इसके अलावे कई पालतू पशु को भी शिकार बनाया.

leopard in bagaha
तेंदुआ को पकड़ने के लिए लगाया गया पिंजरा (ETV Bharat)

बार-बार बदल रहा था ठिकाना: इस घटना के बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची थी और तेंदुआ के फुटमार्क से ट्रैक करने की कोशिश कर रही थी. पहली बार उसे पकड़ने के लिए वंशी टोला दियारा के पास पिंजरा लगाया गया था. इसमें एक बकरी को बांधकर रखा गया ताकि उसका शिकार करने के लिए तेंदुआ आए और पिंजरा में फंस जाए, लेकिन तेंदुआ लगातार अपना ठिकाना बदल रहा था.

10 किमी दूर बकरी को बनाया शिकार: इस बीच वह पहले के घटनास्थल से तकरीबन 10 किमी दूर पिपरासी में स्पॉट किया गया. वहां, उसने दो बकरियों को अपना शिकार बना लिया. वन कर्मी भी उसका पीछा करते हुए इस इलाके में पहुंचे और फिर पिंजरा लगाया गया. लेकिन इस बार शिकारी खुद शिकार करने के चक्कर में वन विभाग के पिंजरा में कैद हो गया.

वन विभाग की टीम लगातार तेंदुआ की मॉनिटरिंग कर रही थी. उसके पगमार्क का पीछा करते हुए हमने दो मर्तबा पिंजरा लगाया. मंगलवार की रात पिपरासी के नोनिया टोली में बिंदा चौहान के घर के पास लगाए गए लोहे के पिंजरे में फंस गया. इसका चिकित्सीय परीक्षण कर इसे वन क्षेत्र में छोड़ दिया जाएगा." -डॉ नेशामणि, वन संरक्षक सह निदेशक

कितना खतरनाक होता है तेंदुआ: तेंदुआ आमतौर पर किसानों पर हमला नहीं करता. खुद के बचाव के लिए सामने वाले को अपना शिकार बना लेता है. यह ज्यादातर अपने से छोटे जानवर को शिकार बनाता है. इसकी चाल शांत होती है. चालाकी से शिकार का पीछा करता है और हमला कर देता है. कभी-कभी तो यह आदमखोर हो जाता है.

यह भी पढ़ेंः 55 दिनों के बाद पटना में फिर दिखा तेंदुआ, 3 साल से नहीं पकड़ पायी वन विभाग की टीम

बगहा: बाघ, शेर, चीता, तेंदुआ का नाम सुनते ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं. क्या होगा जब आपके गांव में इसी में से कोई जानवार घुस जाए. जो आपके साथ होगा वहीं हाल बगहा के लोगों के साथ हो रहा था. आखिर में 15 दिनों के बाद लोगों ने राहत की सांस ली.

15 दिनों से खौफ में थे लोग: दरअसल, बगहा के गंडक दियारा पार के धनहा से पिपरासी में पिछले 15 दिनों से तेंदुआ तांडव मचा रहा था. 10 दिसंबर 2024 की दोपहर धनहा के वंशी टोला दियारा में खेत में काम करने गए किसानों और मजदूरों पर एक तेंदुआ ने हमला बोल दिया था. इस हमले में 6 किसान घायल हो गए थे. इसके अलावे कई पालतू पशु को भी शिकार बनाया.

leopard in bagaha
तेंदुआ को पकड़ने के लिए लगाया गया पिंजरा (ETV Bharat)

बार-बार बदल रहा था ठिकाना: इस घटना के बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची थी और तेंदुआ के फुटमार्क से ट्रैक करने की कोशिश कर रही थी. पहली बार उसे पकड़ने के लिए वंशी टोला दियारा के पास पिंजरा लगाया गया था. इसमें एक बकरी को बांधकर रखा गया ताकि उसका शिकार करने के लिए तेंदुआ आए और पिंजरा में फंस जाए, लेकिन तेंदुआ लगातार अपना ठिकाना बदल रहा था.

10 किमी दूर बकरी को बनाया शिकार: इस बीच वह पहले के घटनास्थल से तकरीबन 10 किमी दूर पिपरासी में स्पॉट किया गया. वहां, उसने दो बकरियों को अपना शिकार बना लिया. वन कर्मी भी उसका पीछा करते हुए इस इलाके में पहुंचे और फिर पिंजरा लगाया गया. लेकिन इस बार शिकारी खुद शिकार करने के चक्कर में वन विभाग के पिंजरा में कैद हो गया.

वन विभाग की टीम लगातार तेंदुआ की मॉनिटरिंग कर रही थी. उसके पगमार्क का पीछा करते हुए हमने दो मर्तबा पिंजरा लगाया. मंगलवार की रात पिपरासी के नोनिया टोली में बिंदा चौहान के घर के पास लगाए गए लोहे के पिंजरे में फंस गया. इसका चिकित्सीय परीक्षण कर इसे वन क्षेत्र में छोड़ दिया जाएगा." -डॉ नेशामणि, वन संरक्षक सह निदेशक

कितना खतरनाक होता है तेंदुआ: तेंदुआ आमतौर पर किसानों पर हमला नहीं करता. खुद के बचाव के लिए सामने वाले को अपना शिकार बना लेता है. यह ज्यादातर अपने से छोटे जानवर को शिकार बनाता है. इसकी चाल शांत होती है. चालाकी से शिकार का पीछा करता है और हमला कर देता है. कभी-कभी तो यह आदमखोर हो जाता है.

यह भी पढ़ेंः 55 दिनों के बाद पटना में फिर दिखा तेंदुआ, 3 साल से नहीं पकड़ पायी वन विभाग की टीम

Last Updated : Dec 25, 2024, 10:35 AM IST
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