पटनाः चारा घोटाला के बांका कोषागार से अवैध निकासी (Banka treasury embezzlement case) मामले में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Yadav Not appeared in Patna CBI court) सहित 3 आरोपियों की पेशी शुक्रवार को पटना के सीबीआई कोर्ट में वीडियो कंफ्रेसिंग के माध्यम से होनी थी, लेकिन नहीं हो पाई. अब इस मामले में अगली सुनवाई 30 मार्च को होगी, जिसमें तीन की जगह अब चार आरोपी वीडियो कंफ्रेंसिंग के माध्यम से ही पेश होंगे.
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दरअसल, इस मामले में त्रिपुरारी सिंह के खिलाफ सीबीआई ने कोर्ट से प्रोडक्शन वारंट जारी करने की अपील की है. त्रिपुरारी सिंह डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले में भी एक्यूज्ड हैं और अभी रांची के जेल में बंद हैं. उन्हें इस मामले में भी जोड़ने की सिफारिश भी कोर्ट से की गई है.
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बता दें बांका कोषागार से अवैध निकासी का मामला पटना स्थित सीबीआई कोर्ट में चल रहा है. इस मामले में लालू प्रसाद यादव, आरके राणा समेत तीन आरोपियों की पेशी आज सीबीआई कोर्ट में होनी थी. लालू की पेशी को लेकर प्रोडक्शन वारंट रांची पहुंच चुका था और आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही लालू रिम्स से इस मामले में जुड़ने वाले थे. लेकिन सीबीआई ने इस मामले में एक और एक्यूज्ड को जोड़ने के लिए न्यायालय से अपील किया है. इस वजह से कोर्ट में शुक्रवार को इन तीनों की पेशी नहीं हो सकी.
चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव फिलहाल डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ रुपये की अवैध निकासी मामले में सजा मिलने के बाद जेल कस्टडी में रहते हुए रिम्स में इलाजरत हैं. इधर, बांका केस में उन्हें आज पेश होना था, लेकिन अब इसे 30 मार्च के लिए टाल दिया गया है.
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बता दें कि हाल ही में चारा घोटाला के डोरंडा कोषागार मामले में लालू प्रसाद यादव को रांची की सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने पांच साल की सजा और 60 लाख का जुर्माना सुनाया था. यह मामला कोषागार से 139.35 करोड़ से अवैध निकासी का है. राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से जुड़ा यह पांचवां केस है. डोरंडा ट्रेजरी से चारा खरीद के नाम पर हुए 139.35 करोड़ के अवैध निकासी मामले में 170 आरोपियों में से लालू प्रसाद, आरके राणा, ध्रुव भगत, जगदीश शर्मा सहित 99 आरोपी वर्तमान समय में ट्रायल फेस कर रहे थे.
सीबीआई कोर्ट ने 15 फरवरी को डोरंडा ट्रेजरी से जुड़े केस में ट्रायल फेस कर रहे 99 अभियुक्तों में से 24 आरोपियों को जहां बरी कर दिया वहीं 34 दोषी पाये गये अभियुक्तों को तीन तीन वर्ष की सजा सुनाई. वहीं लालू यादव सहित 38 अभियुक्तों के सजा के बिंदु पर फैसला आज आया है. 15 फरवरी को सीबीआई कोर्ट से दोषी करार दिए जाने के बाद लालू सीधे रांची होटवार जेल भेजे गए, जहां से मेडिकल जांच के बार उन्हें रिम्स भेज दिया गया था. रिम्स के पेइंग वार्ड में उन्हें भर्ती कराया गया. रिम्स में डॉ विद्यापति के नेतृत्व में 7 डॉक्टरों की टीम लालू यादव के इलाज में लगी है.
चौथा केस: दुमका कोषागार से 3.13 करोड़ का घोटालाये मामला दिसंबर 1995 से जनवरी 1996 के बीच दुमका कोषागार से 3.13 करोड़ रुपये फर्जी तरीके से निकालने का है. सीबीआई कोर्ट ने 24 मार्च 2018 को लालू प्रसाद यादव को इस मामले में अलग अलग धाराओं में 7-7 साल की सजा सुनाई थी. इस मामले में 30 लाख का जुर्माना भी लगा.
तीसरा केस : चाईबासा कोषागार से 33.67 करोड़ का घोटालाचाईबासा ट्रेजरी से 1992-93 में 67 फर्जी आवंटन पत्र के आधार पर 33.67 करोड़ रुपये की अवैध निकासी की गई थी. इस मामले में 1996 में केस दर्ज हुआ था. जिसमें कुल 76 आरोपी थे. सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने 24 जनवरी 2018 को लालू को दोषी करार देते हुए 5 साल की सजा सुनाई. सजा के साथ-साथ 10 लाख का जुर्माना भी लगा.
दूसरा केस : देवघर कोषागार से 84.5 लाख का घोटालादेवघर ट्रेजरी से फर्जी तरीके से 84.5 लाख रुपये अवैध निकासी मामले में लालू प्रसाद को 23 दिसंबर 2017 को दोषी ठहराया गया था और 6 जनवरी को साढ़े तीन साल कैद की सजा सुनाई गई थी. साथ ही उनपर 5 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया गया था.
पहला केस : चाईबासा कोषागार से 37.7 करोड़ का घोटालाचारा घोटाले से जुड़े चाईबासा ट्रेजरी मामले में साल 2013 में लालू प्रसाद यादव को कोर्ट ने सजा सुनाई थी. सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने 30 सितंबर 2013 को सभी 45 आरोपियों को दोषी ठहराया था. लालू समेत इन आरोपियों को चाईबासा ट्रेजरी से 37.70 करोड़ रुपये अवैध तरीके से निकालने का दोषी पाया गया था. इस मामले में 3 अक्टूबर 2013 को कोर्ट ने सजा सुनाई थी. लालू प्रसाद को 5 साल की सजा हुई थी.
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