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लालू के सहारे 2020 में नैया पार कराने की तैयारी में RJD! पोस्टर से तेजस्वी गायब

चारा घोटाला मामले में लालू यादव फिलहाल रांची में सजा काट रहे हैं. लेकिन पटना में आरजेडी कार्यालय में लगाए गए पोस्टर में लालू नजर आ रहे हैं. जबकि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी गायब हैं.

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Published : Jan 7, 2020, 3:24 PM IST

Updated : Jan 7, 2020, 6:14 PM IST

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लालू यादव

पटनाः नये साल के आगमन होते ही बिहार की सियासत में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव छाये हुए हैं. लालू ने अपने ट्वीट और पार्टी की तरफ से जारी पोस्टरों के माध्यम से मीडिया की सुर्खियां बने हुए हैं. लेकिन पार्टी के पोस्टर से नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव गायब हैं. यानि चुनावी समर 2020 में नीतीश कुमार के सामने लालू का चेहरा रहेगा.

बिहार की सियासत में दो प्रमुख चेहरे हैं लालू यादव और नीतीश कुमार. राज्य के सबसे बड़े राजनीतिक घराने लालू राबड़ी परिवार के इर्द-गिर्द तीन दशक से सियासत हमेशा से घूमती रही है. लालू यादव फिलहाल चारा घोटाला मामले में रांची में सजा काट रहे हैं. लालू की अनुपस्थिति में अघोषित रूप से पार्टी की कमान तेजस्वी यादव के हाथ में है.

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पोस्टर में लालू बनाम नीतीश

रिस्क लेने के मूड में नहीं हैं लालू
पूरे साल 2019 में पार्टी की बागडोर संभालने के बावजूद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव बिहार से लगभग गायब रहे. उनके विरोधी ही नहीं बल्कि पार्टी के नेता भी तेजस्वी के रवैये पर सवाल खड़े करते रहे हैं. वहीं, अब लोकसभा चुनाव में पार्टी को मिली बुरी हार से उबारने के लिए लालू कोई भी रिस्क लेना नहीं चाह रहे हैं. लालू प्रसाद के आक्रामक रवैये को आरजेडी पोस्टर के जरिए जनता तक पहुंचाने में जुट गई है.

प्रदेश कार्यालय में लगे हैं कई पोस्टर
प्रदेश कार्यालय में लालू के विभिन्न पोज में पोस्टर लगाए गए हैं. जिससे एक बार फिर लालू धमाकेदार इंट्री और पार्टी को लालू का सहारा माना जा रहा है. हालांकि पार्टी के नेता एक सुर में दावा करते हैं कि लालू कहीं नहीं गए थे. पार्टी उनकी है और उनके पोस्टर अगर पार्टी ऑफिस में लगाए गए हैं तो इसमें कुछ भी नया नहीं है. लेकिन तेजस्वी यादव की भूमिका को लेकर कुछ भी साफ-साफ कहने से बचते रहे. पूर्व सांसद तनवीर हसन का कहना है कि पार्टी के सर्वमान्य नेता लालू यादव हैं. उनके बाद तेजस्वी पार्टी को आगे बढ़ा रहे हैं.

जगदानंद के हाथ में है बिहार की कमान
पार्टी की रणनीति से स्पष्ट हो रहा है कि विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार के खिलाफ लालू यादव ही हल्ला बोलेंगे. इसकी झलक दिसंबर से ही दिखने लगी थी जब लालू के करीबी जगदानंद सिंह के हाथ में प्रदेश की कमान सौंपी गई थी. उसके बाद लगातार लालू यादव फेसबुक और ट्विटर के जरिए नीतीश कुमार पर हमला बोल रहे हैं. फिलहाल सियासी गलियारे और पंडितों के बीच लालू के टि्वटर और दूसरे अन्य सोशल साइट्स पर बढ़ती सक्रियता पर चर्चा हो रही है.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

लालू का नारा, 2020-हटाओ नीतीश
लालू की बढ़ती राजनीतिक सक्रियता को लेकर उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भी लगातार सवाल खड़े कर रहे हैं. ऐसे में यह साफ है कि इस बार चुनाव में एक बार फिर पार्टी लालू के सहारे ही मैदान में उतरने की तैयारी में है. लालू यादव ने हाल के दिनों में एक नारा भी दिया है, 2020-हटाओ नीतीश.

ये भी पढ़ेंः मानव श्रृंखला पर बोले RJD विधायक- कुछ घण्टों की खातिर करोड़ो रुपये खर्च करना क्या बुद्धिमानी है

बैठकों से नदारद रहे हैं तेजस्वी
बता दें कि लोकसभा चुनाव के बाद तेजस्वी यादव लगातार बिहार से गायब रहे हैं. पार्टी के कार्यक्रम और महत्वपूर्ण बैठक से भी नदारद रहे हैं. तेजस्वी को लेकर पार्टी के कई नेता पहले भी सवाल खड़े करते रहे हैं. ऐसे में ऐसा लगता है कि पार्टी नेतृत्व विधानसभा चुनाव में लालू का चेहरा आगे कर नैया पार कराना चाहता है.

पटनाः नये साल के आगमन होते ही बिहार की सियासत में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव छाये हुए हैं. लालू ने अपने ट्वीट और पार्टी की तरफ से जारी पोस्टरों के माध्यम से मीडिया की सुर्खियां बने हुए हैं. लेकिन पार्टी के पोस्टर से नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव गायब हैं. यानि चुनावी समर 2020 में नीतीश कुमार के सामने लालू का चेहरा रहेगा.

बिहार की सियासत में दो प्रमुख चेहरे हैं लालू यादव और नीतीश कुमार. राज्य के सबसे बड़े राजनीतिक घराने लालू राबड़ी परिवार के इर्द-गिर्द तीन दशक से सियासत हमेशा से घूमती रही है. लालू यादव फिलहाल चारा घोटाला मामले में रांची में सजा काट रहे हैं. लालू की अनुपस्थिति में अघोषित रूप से पार्टी की कमान तेजस्वी यादव के हाथ में है.

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पोस्टर में लालू बनाम नीतीश

रिस्क लेने के मूड में नहीं हैं लालू
पूरे साल 2019 में पार्टी की बागडोर संभालने के बावजूद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव बिहार से लगभग गायब रहे. उनके विरोधी ही नहीं बल्कि पार्टी के नेता भी तेजस्वी के रवैये पर सवाल खड़े करते रहे हैं. वहीं, अब लोकसभा चुनाव में पार्टी को मिली बुरी हार से उबारने के लिए लालू कोई भी रिस्क लेना नहीं चाह रहे हैं. लालू प्रसाद के आक्रामक रवैये को आरजेडी पोस्टर के जरिए जनता तक पहुंचाने में जुट गई है.

प्रदेश कार्यालय में लगे हैं कई पोस्टर
प्रदेश कार्यालय में लालू के विभिन्न पोज में पोस्टर लगाए गए हैं. जिससे एक बार फिर लालू धमाकेदार इंट्री और पार्टी को लालू का सहारा माना जा रहा है. हालांकि पार्टी के नेता एक सुर में दावा करते हैं कि लालू कहीं नहीं गए थे. पार्टी उनकी है और उनके पोस्टर अगर पार्टी ऑफिस में लगाए गए हैं तो इसमें कुछ भी नया नहीं है. लेकिन तेजस्वी यादव की भूमिका को लेकर कुछ भी साफ-साफ कहने से बचते रहे. पूर्व सांसद तनवीर हसन का कहना है कि पार्टी के सर्वमान्य नेता लालू यादव हैं. उनके बाद तेजस्वी पार्टी को आगे बढ़ा रहे हैं.

जगदानंद के हाथ में है बिहार की कमान
पार्टी की रणनीति से स्पष्ट हो रहा है कि विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार के खिलाफ लालू यादव ही हल्ला बोलेंगे. इसकी झलक दिसंबर से ही दिखने लगी थी जब लालू के करीबी जगदानंद सिंह के हाथ में प्रदेश की कमान सौंपी गई थी. उसके बाद लगातार लालू यादव फेसबुक और ट्विटर के जरिए नीतीश कुमार पर हमला बोल रहे हैं. फिलहाल सियासी गलियारे और पंडितों के बीच लालू के टि्वटर और दूसरे अन्य सोशल साइट्स पर बढ़ती सक्रियता पर चर्चा हो रही है.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

लालू का नारा, 2020-हटाओ नीतीश
लालू की बढ़ती राजनीतिक सक्रियता को लेकर उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भी लगातार सवाल खड़े कर रहे हैं. ऐसे में यह साफ है कि इस बार चुनाव में एक बार फिर पार्टी लालू के सहारे ही मैदान में उतरने की तैयारी में है. लालू यादव ने हाल के दिनों में एक नारा भी दिया है, 2020-हटाओ नीतीश.

ये भी पढ़ेंः मानव श्रृंखला पर बोले RJD विधायक- कुछ घण्टों की खातिर करोड़ो रुपये खर्च करना क्या बुद्धिमानी है

बैठकों से नदारद रहे हैं तेजस्वी
बता दें कि लोकसभा चुनाव के बाद तेजस्वी यादव लगातार बिहार से गायब रहे हैं. पार्टी के कार्यक्रम और महत्वपूर्ण बैठक से भी नदारद रहे हैं. तेजस्वी को लेकर पार्टी के कई नेता पहले भी सवाल खड़े करते रहे हैं. ऐसे में ऐसा लगता है कि पार्टी नेतृत्व विधानसभा चुनाव में लालू का चेहरा आगे कर नैया पार कराना चाहता है.

Intro:लालू इज बैक... भले ही लालू चारा घोटाला मामले में रांची में सजा काट रहे हैं। लेकिन पटना में राजद कार्यालय में लालू ही लालू नजर आ रहे हैं। इन सबसे बड़ी बात यह कि पार्टी कार्यालय में लगाये गए पोस्टर्स में तेजस्वी का कहीं अता पता नहीं। सभी पोस्टरों में सिर्फ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू यादव नजर आ रहे हैं। एक खास रिपोर्ट


Body:बिहार की सियासत यहां के सबसे बड़े राजनीतिक घराने के आसपास हमेशा से घूमती रही है। बात हो रही है लालू राबड़ी परिवार की। लालू राबड़ी परिवार के इर्द-गिर्द करीब तीन दशक से बिहार की राजनीति केंद्रित रही है। लालू यादव के जेल चले जाने के बाद पार्टी की अघोषित कमान तेजस्वी यादव के हाथ में ही है। लेकिन जिस तरह पिछले लोकसभा चुनाव में पार्टी का बिहार से सफाया हो गया। पूरे साल पार्टी की बागडोर संभालने के बावजूद जिस तरह नेता प्रतिपक्ष बिहार से गायब रहे उसे लेकर उनके विरोधी ही नहीं बल्कि पार्टी के नेता भी सवाल खड़े करते रहे हैं।
अब जिस तरह से पार्टी के प्रदेश कार्यालय में लालू के विभिन्न पोज में पोस्टर लगाए गए हैं उसे एक बार फिर लालू की वापसी और लालू का सहारा माना जा रहा है।
हालांकि पार्टी के नेता एक सुर में यह दावा करते हैं कि लालू कभी गए ही कहां थे। यह पार्टी उनकी है और उनके पोस्टर अगर यहां लगाए गए हैं तो इसमें कुछ भी नया नहीं है। लेकिन तेजस्वी यादव की भूमिका को लेकर यह नेता कुछ भी साफ-साफ कहने से बचते रहे।
मतलब साफ है कि अब एक बार फिर इस चुनाव में नीतीश कुमार के खिलाफ लालू यादव ही हल्ला बोलेंगे। हालांकि इसकी झलक दिसंबर से ही लगने लगी थी जब जगदानंद सिंह पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए और उसके बाद लगातार लालू यादव फेसबुक और ट्विटर के जरिए नीतीश कुमार पर हमले बोल रहे हैं। बिहार की सियासत में फिलहाल चर्चा लालू के टि्वटर और उनकी सोशल साइट्स पर बढ़ती सक्रियता पर है। लालू की बढ़ती राजनीतिक सक्रियता को लेकर बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भी लगातार सवाल खड़े कर रहे हैं।
ऐसे में यह साफ है कि इस बार चुनाव में एक बार फिर पार्टी लालू के सहारे ही मैदान में उतरने की तैयारी में है। लालू यादव ने हाल ही में नीतीश कुमार को लेकर एक नारा भी दिया है 2020 - हटाओ नीतीश।



Conclusion:जिस तरह साल के 12 महीनों में तेजस्वी यादव यदा-कदा ही बिहार में नजर आते हैं और अपनी का पार्टी का कार्यक्रम खत्म होते ही फिर गायब हो जाते हैं, उसे लेकर पार्टी के कई नेता पहले भी सवाल खड़े कर चुके हैं। ऐसे में ऐसा लगता है कि पार्टी ने भी मान लिया है कि उनकी नैया केवल लालू ही पार लगा सकते हैं।

तनवीर हसन पूर्व सांसद
मृत्युंजय तिवारी राजद नेता
Last Updated : Jan 7, 2020, 6:14 PM IST
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