पटना: पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो लालू यादव (RJD Supremo Lalu Yadav) के लिए चारा घोटाला (Fodder Scam Case) मामले में मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही है. भागलपुर और बांका कोषागार से फर्जी विपत्र के सहारे लाखों रुपये की अवैध निकासी मामले में पटना सीबीआई की विशेष अदालत ने लालू सहित सभी आरोपियों को 25 फरवरी को कोर्ट में पेश होने को कहा है. इसके पहले 21 फरवरी को रांची की सीबीआई अदालत ने डोरंडा कोषागार मामले में दोषी (Lalu Yadav Convicted in Fodder Scam) ठहराते हुए लालू प्रसाद को पांच साल कैद की सजा सुनाई थी. साथ ही उन पर 60 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.
यह भी पढ़ें - लालू को अब तक : 5 केस, 32.5 साल की सजा, 1.60 करोड़ जुर्माना
बता दें कि 16 फरवरी को चारा घोटाले के भागलपुर और बांका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में सुनवाई हुई थी. यह मामला पटना सीबीआई की विशेष अदालत में चल रहा है. हालांकि, इस मामले के कई आरोपित ट्रायल के दौरान ही मर चुके हैं. पशुपालन घोटाला से संबंधित एक मामले में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश प्रजेश कुमार सिंह की अदालत में कांड संख्या आरसी 63 (ए)/96 में सुनवाई हुई थी. जिसके बाद चारा घोटाला मामले में सीबीआई कोर्ट ने निर्देश जारी कर सभी आरोपियों को 25 फरवरी को कोर्ट में पेश (Lalu Court Appearance In Banka Treasury Case) होने को कहा है. बांका-भागलपुर कोषागार से अवैध निकासी मामले में कोर्ट ने लालू, आरके राणा सहित तीन आरोपियों के खिलाफ नोटिस जारी किया है.
वहीं, मामले में आरोपित पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की ओर से अधिवक्ता सुधीर कुमार सिन्हा ने अदालत में एक आवेदन देकर प्रोडक्शन वारंट जारी करने की मांग किया था. इस संबंध में अधिवक्ता सुधीर कुमार सिन्हा ने बताया कि लालू प्रसाद यादव अभी 47 (ए)/96 में बिरसा मुंडा होटवार रांची जेल में हैं. जिस मामले में प्रोडक्शन वारंट जारी करने की मांग की गयी है. यह मामला आरसी 63( ए)/96 से जुड़ा है. यह मामला भागलपुर के बांका कोषागार से 46 लाख रुपये का अवैध निकासी का है. इस मामले में लालू प्रसाद यादव समेत 26 लोगों के खिलाफ इस अदालत में सुनवाई चल रही है.
बात दें कि बहुचर्चित चारा घोटाले के पांच मामलों में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को अब तक साढ़े 32 साल की सजा सुनाई जा चुकी है. रांची स्थित सीबीआई की विशेष अदालत ने सोमवार (21 फरवरी) को जिस मामले में उन्हें 5 साल की सजा सुनाई थी और 60 लाख रुपए का जुर्माना भरने का आदेश दिया था, वह रांची के डोरंडा ट्रेजरी (Doranda Treasury Case) से 139. 5 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से संबंधित है. ऐसे में अब तक लालू यादव को 5 मामले में 32.5 साल (Lalu Yadav Sentenced) की सजा और करीब 1.60 करोड़ जुर्माना लगाया गया है.
चारा घोटाले के ये मामले 1990 से 1996 के बीच के हैं. बिहार के सीएजी (मुख्य लेखा परीक्षक) ने इसकी जानकारी राज्य सरकार को समय-समय पर भेजी थी लेकिन सरकार ने ध्यान नहीं दिया. सीबीआई ने अदालत में इस आरोप के पक्ष में दस्तावेज पेश किये कि मुख्यमंत्री पद पर रहे लालू यादव ने पूरे मामले की जानकारी रहते हुए भी इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की. कई साल तक वह खुद ही राज्य के वित्त मंत्री भी थे, और उनकी मंजूरी पर ही फर्जी बिलों के आधार राशि की निकासी की गयी. चारा घोटाले के चार मामलों में सजा होने के चलते राजद सुप्रीमो को सात बार जेल जाना पड़ा. पूर्व में जिन चार मामलों में उन्हें सजा सुनाई गई थी, उन सभी मामलों में उन्हें हाईकोर्ट से जमानत मिली है.
यह भी पढ़ें - CBI के बाद अब ED की रडार पर लालू यादव, 491 पेज की जजमेंट कॉपी में लिखी किस्मत
यह भी पढ़ें - Fodder Scam Case: लालू यादव को हो सकती है 1-7 साल की जेल, CBI स्पेशल कोर्ट आज सुनाएगी सजा
यह भी पढ़ें - डोरंडा मामले में लालू को सजा: अब कम से कम इतने दिन रहना होगा सलाखों के पीछे
विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP