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जातीय जनगणना को केंद्र ने नकारा तो बोले लालू यादव- 'पिछड़ों से इतनी नफरत क्यों, धिक्कार है' - Lalu Yadav tweet

राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने जातीय जनगणना कराने से केंद्र सरकार के इनकार पर ट्वीट किया है. उन्होंने कहा है कि बीजेपी और आरएसएस पिछड़ा व अतिपिछड़ा वर्ग के साथ बहुत बड़ा छल कर रहा है. पढ़ें पूरी खबर...

Lalu Prasad Yadav
लालू प्रसाद यादव
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Published : Sep 24, 2021, 1:35 PM IST

पटना: केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में सौंपे हलफनामे में अपना रुख साफ कर दिया है कि जातीय जनगणना (Caste Census) नहीं होगी. केंद्र के इस फैसले पर राजनीतिक बयानबाजी हो रही है. राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) ने इसे बीजेपी और आरएसएस का पिछड़ों व अतिपिछड़ों के प्रति नफरत बताया है.

यह भी पढ़ें- 'जातीय जनगणना को लेकर केंद्र का निर्णय दुर्भाग्यपूर्ण, नीतीश कुमार को NDA से अलग होने चाहिए'

इस संबंध में लालू ने दो ट्वीट किए. पहले ट्वीट में लालू ने लिखा, 'जनगणना में सांप-बिच्छू, तोता-मैना, हाथी-घोड़ा, कुत्ता-बिल्ली, सुअर-सियार सहित सभी पशु-पक्षी और पेड़-पौधे गिने जाएंगे, लेकिन पिछड़े और अतिपिछड़े वर्गों के इंसानों की गिनती नहीं होगी. वाह! बीजेपी और आरएसएस को पिछड़ों से इतनी नफरत क्यों?' जातीय जनगणना से सभी वर्गों का भला होगा. सबकी असलियत सामने आएगी.'

  • जनगणना में साँप-बिच्छू,तोता-मैना,हाथी-घोड़ा,कुत्ता-बिल्ली,सुअर-सियार सहित सभी पशु-पक्षी पेड़-पौधे गिने जाएँगे लेकिन पिछड़े-अतिपिछड़े वर्गों के इंसानों की गिनती नहीं होगी। वाह!

    BJP/RSS को पिछड़ों से इतनी नफ़रत क्यों? जातीय जनगणना से सभी वर्गों का भला होगा।सबकी असलियत सामने आएगी।

    — Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) September 24, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

दूसरे ट्वीट में लालू ने लिखा, 'बीजेपी और आरएसएस पिछड़ा व अतिपिछड़ा वर्ग के साथ बहुत बड़ा छल कर रहा है. अगर केंद्र सरकार जनगणना फॉर्म में एक अतिरिक्त कॉलम जोड़कर देश की कुल आबादी के 60 फीसदी से अधिक लोगों की जातीय गणना नहीं कर सकती तो ऐसी सरकार और इन वर्गों के चुने गए सांसदों और मंत्रियों पर धिक्कार है. इनका बहिष्कार हो.'

  • BJP-RSS पिछड़ा/अतिपिछड़ा वर्ग के साथ बहुत बड़ा छल कर रहा है। अगर केंद्र सरकार जनगणना फ़ॉर्म में एक अतिरिक्त कॉलम जोड़कर देश की कुल आबादी के 60 फ़ीसदी से अधिक लोगों की जातीय गणना नहीं कर सकती तो ऐसी सरकार और इन वर्गों के चुने गए सांसदों व मंत्रियों पर धिक्कार है। इनका बहिष्कार हो।

    — Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) September 24, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में कहा गया है कि वह 2021 की जनगणना में जाति के आधार पर जनगणना का निर्देश नहीं दे. केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, 'पिछड़े वर्गों की जाति आधारित जनगणना ‘प्रशासनिक रूप से कठिन और दुष्कर' है और जनगणना के दायरे से इस तरह की सूचना को अलग करना सतर्क नीति निर्णय है.' इधर, केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग ने भी केंद्र सरकार को कहा है कि पिछड़े वर्गों की गणना मुश्किल है. इससे जनगणना की पूर्णता और सटीकता दोनों को नुकसान होगा.

दरअसल, जातीय जनगणना कराने की मांग को लेकर बिहार में लंबे समय से राजनीति जारी है. 23 अगस्त को जातीय जनगणना की मांग को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव समेत कुल 11 नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी.

यह भी पढ़ें- LIVE: पंचायत चुनाव के पहले चरण का मतदान जारी, औरंगाबाद में 7 राउंड फायरिंग

पटना: केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में सौंपे हलफनामे में अपना रुख साफ कर दिया है कि जातीय जनगणना (Caste Census) नहीं होगी. केंद्र के इस फैसले पर राजनीतिक बयानबाजी हो रही है. राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) ने इसे बीजेपी और आरएसएस का पिछड़ों व अतिपिछड़ों के प्रति नफरत बताया है.

यह भी पढ़ें- 'जातीय जनगणना को लेकर केंद्र का निर्णय दुर्भाग्यपूर्ण, नीतीश कुमार को NDA से अलग होने चाहिए'

इस संबंध में लालू ने दो ट्वीट किए. पहले ट्वीट में लालू ने लिखा, 'जनगणना में सांप-बिच्छू, तोता-मैना, हाथी-घोड़ा, कुत्ता-बिल्ली, सुअर-सियार सहित सभी पशु-पक्षी और पेड़-पौधे गिने जाएंगे, लेकिन पिछड़े और अतिपिछड़े वर्गों के इंसानों की गिनती नहीं होगी. वाह! बीजेपी और आरएसएस को पिछड़ों से इतनी नफरत क्यों?' जातीय जनगणना से सभी वर्गों का भला होगा. सबकी असलियत सामने आएगी.'

  • जनगणना में साँप-बिच्छू,तोता-मैना,हाथी-घोड़ा,कुत्ता-बिल्ली,सुअर-सियार सहित सभी पशु-पक्षी पेड़-पौधे गिने जाएँगे लेकिन पिछड़े-अतिपिछड़े वर्गों के इंसानों की गिनती नहीं होगी। वाह!

    BJP/RSS को पिछड़ों से इतनी नफ़रत क्यों? जातीय जनगणना से सभी वर्गों का भला होगा।सबकी असलियत सामने आएगी।

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दूसरे ट्वीट में लालू ने लिखा, 'बीजेपी और आरएसएस पिछड़ा व अतिपिछड़ा वर्ग के साथ बहुत बड़ा छल कर रहा है. अगर केंद्र सरकार जनगणना फॉर्म में एक अतिरिक्त कॉलम जोड़कर देश की कुल आबादी के 60 फीसदी से अधिक लोगों की जातीय गणना नहीं कर सकती तो ऐसी सरकार और इन वर्गों के चुने गए सांसदों और मंत्रियों पर धिक्कार है. इनका बहिष्कार हो.'

  • BJP-RSS पिछड़ा/अतिपिछड़ा वर्ग के साथ बहुत बड़ा छल कर रहा है। अगर केंद्र सरकार जनगणना फ़ॉर्म में एक अतिरिक्त कॉलम जोड़कर देश की कुल आबादी के 60 फ़ीसदी से अधिक लोगों की जातीय गणना नहीं कर सकती तो ऐसी सरकार और इन वर्गों के चुने गए सांसदों व मंत्रियों पर धिक्कार है। इनका बहिष्कार हो।

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बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में कहा गया है कि वह 2021 की जनगणना में जाति के आधार पर जनगणना का निर्देश नहीं दे. केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, 'पिछड़े वर्गों की जाति आधारित जनगणना ‘प्रशासनिक रूप से कठिन और दुष्कर' है और जनगणना के दायरे से इस तरह की सूचना को अलग करना सतर्क नीति निर्णय है.' इधर, केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग ने भी केंद्र सरकार को कहा है कि पिछड़े वर्गों की गणना मुश्किल है. इससे जनगणना की पूर्णता और सटीकता दोनों को नुकसान होगा.

दरअसल, जातीय जनगणना कराने की मांग को लेकर बिहार में लंबे समय से राजनीति जारी है. 23 अगस्त को जातीय जनगणना की मांग को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव समेत कुल 11 नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी.

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