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लालू का दावा- मैंने बोलकर नीतीश को केंद्र में कृषि राज्यमंत्री बनवाया था

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Published : Jul 5, 2021, 5:39 PM IST

आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) ने दावा किया है कि जब केंद्र में जनता दल की सरकार थी, तब नीतीश कुमार मंत्री बनने के लिए व्याकुल थे. जिसके बाद उन्होंने ही बोलकर उन्हें कृषि राज्यमंत्री बनवाया था. लालू ने ये भी कहा कि उन्होंने 5-5 प्रधानमंत्री को देखा और बनाने में सहयोग किया.

लालू प्रसाद यादव का बयान
लालू प्रसाद यादव का बयान

पटना: आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) ने पार्टी के सिल्वर जुबली समारोह के दौरान कहा कि आरजेडी के गठन से अब तक हम संघर्ष कर रहे हैं. मुझे याद है कि हेगड़े जी ने हमें राष्ट्रीय जनता दल का नाम सुझाया था. इस दौरान उन्होंने कहा कि हमने ही पहली बार नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को केंद्र में मंत्री बनवाया.

ये भी पढ़ें- बोले लालू- 'तेजस्वी और हमारी पत्नी नहीं होतीं तो हमको रांची में ही खत्म कर देते'

नीतीश को केंद्र में मंत्री बनवाया
लालू प्रसाद यादव ने कहा कि उन्होंने देश में पांच-पांच प्रधानमंत्री को देखा और बनाने में सहयोग किया. उस समय हमें केंद्रीय मंत्री नहीं बनाया गया था तो हमने कुछ नहीं बोला, लेकिन नीतीश कुमार व्याकुल थे, तो उन्हें कहकर कृषि मंत्री बनवा दिया था.

"उन दिनों में हमें केंद्र में मंत्री नहीं बनाया गया, लेकिन हमने परवाह नहीं किया. नीतीश कुमार जरूर बहुत व्याकुल थे. हमने कहकर उन्हें कृषि मंत्री बनवा दिया"- लालू यादव, अध्यक्ष, आरजेडी

लालू प्रसाद यादव का बयान

वीपी सिंह सरकार में नीतीश
आपको याद दिलाएं कि साल 1989 नीतीश के राजनीतिक करियर के लिए काफी अहम था. इस साल नीतीश 9वीं लोकसभा के लिए चुने गए थे. लोकसभा के लिए ये नीतीश का पहला कार्यकाल था. इसके बाद साल 1990 में नीतीश अप्रैल से नवंबर तक कृषि एवं सहकारी विभाग के केंद्रीय राज्य मंत्री रहे. तब प्रधानमंत्री वीपी सिंह थे.

कोरोना-महंगाई पर सरकार को घेरा
इस दौरान आरजेडी सुप्रीमो ने कहा कि कोरोना से बढ़कर महंगाई और बेरोजगारी लोगों की कमर तोड़ रही है. औने-पौने दामों में देश की सरकारी संस्थाओं को बेचा जा रहा है. इतनी महंगाई में कैसे चलेगा. हमारे समय में ऐसा होता तो लोग चलना दुभर कर देते. बीजेपी ने कहा था कि 10 करोड़ नौजवानों को नौकरी देंगे. भारत को बेहतर बनाएंगे. नोटबंदी और जीएसटी से लोगों पर मार मारी गई है.

ये भी पढ़ें- JDU का शिवानंद को जवाब, 'जिनके अध्यक्ष सजायाफ्ता हों, वो CM पर भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा सकते'

मोदी सरकार पर वार
लालू ने केंद्र की मोदी सरकार पर भी हमला बोला. उन्होंने कहा, 'देश हजारों वर्ष पीछे चला गया. सबके मुंह पर मास्क लग गया है, लोग घरों में बंद है, किसी से मिल नहीं सकते. देश में कोरोना से जितनी मौतें हुई हैं, गिनती नहीं की जा सकती'.

बिहार में भी हालात बुरे
आरजेडी सुप्रीमो ने कहा कि बिहार में कोरोना से चिकित्सा की कमी के चलते बहुत मौतें हुई हैं. सिर्फ गांव ही नहीं पटना में भी हालात बुरे थे. किसी चीज का प्रबंध नहीं था. हमारा देश पीछे धकेल दिया गया है. इसकी पूर्ति करना साधारण बात नहीं है. देश में बहुत बड़ा आर्थिक संकट है.

ये भी पढ़ें- 'चुनाव के दौरान प्रचार नहीं कर पाने के कारण छटपटा कर रह गया मैं'

1997 में आरजेडी का गठन
आपको बताएं कि पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने 5 जुलाई 1997 को जनता दल से अलग होकर राष्ट्रीय जनता दल का गठन किया था. इन 25 सालों में पार्टी ने कई उतार-चढ़ाव देखें है. स्थापना के करीब 8 साल सत्ता में रही, उसके बाद से लगातार विपक्ष में ही है. हालांकि इस बीच में साल 2015 से 2017 में नीतीश कुमार की अगुवाई में साझा सरकार चलाने का अवसर जरूर मिला. वहीं मनमोहन सिंह की सरकार में 2004-2009 के दौरान लालू यादव समेत कई सांसद केंद्रीय मंत्री भी थे.

बिहार की सबसे बड़ी पार्टी
हालिया बिहार विधानसभा चुनाव में आरजेडी 75 सीट लाकर सबसे बड़ी पार्टी बनी है. हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी का खाता भी नहीं खुला था. वहीं राज्यसभा में आरजेडी के 6 सदस्य और विधान परिषद में भी 6 सदस्य हैं. इसके अलावे झारखंड विधानसभा में एक विधायक हैं, जो कि वहां की हेमंत सरकार में मंत्री भी हैं.

पटना: आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) ने पार्टी के सिल्वर जुबली समारोह के दौरान कहा कि आरजेडी के गठन से अब तक हम संघर्ष कर रहे हैं. मुझे याद है कि हेगड़े जी ने हमें राष्ट्रीय जनता दल का नाम सुझाया था. इस दौरान उन्होंने कहा कि हमने ही पहली बार नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को केंद्र में मंत्री बनवाया.

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नीतीश को केंद्र में मंत्री बनवाया
लालू प्रसाद यादव ने कहा कि उन्होंने देश में पांच-पांच प्रधानमंत्री को देखा और बनाने में सहयोग किया. उस समय हमें केंद्रीय मंत्री नहीं बनाया गया था तो हमने कुछ नहीं बोला, लेकिन नीतीश कुमार व्याकुल थे, तो उन्हें कहकर कृषि मंत्री बनवा दिया था.

"उन दिनों में हमें केंद्र में मंत्री नहीं बनाया गया, लेकिन हमने परवाह नहीं किया. नीतीश कुमार जरूर बहुत व्याकुल थे. हमने कहकर उन्हें कृषि मंत्री बनवा दिया"- लालू यादव, अध्यक्ष, आरजेडी

लालू प्रसाद यादव का बयान

वीपी सिंह सरकार में नीतीश
आपको याद दिलाएं कि साल 1989 नीतीश के राजनीतिक करियर के लिए काफी अहम था. इस साल नीतीश 9वीं लोकसभा के लिए चुने गए थे. लोकसभा के लिए ये नीतीश का पहला कार्यकाल था. इसके बाद साल 1990 में नीतीश अप्रैल से नवंबर तक कृषि एवं सहकारी विभाग के केंद्रीय राज्य मंत्री रहे. तब प्रधानमंत्री वीपी सिंह थे.

कोरोना-महंगाई पर सरकार को घेरा
इस दौरान आरजेडी सुप्रीमो ने कहा कि कोरोना से बढ़कर महंगाई और बेरोजगारी लोगों की कमर तोड़ रही है. औने-पौने दामों में देश की सरकारी संस्थाओं को बेचा जा रहा है. इतनी महंगाई में कैसे चलेगा. हमारे समय में ऐसा होता तो लोग चलना दुभर कर देते. बीजेपी ने कहा था कि 10 करोड़ नौजवानों को नौकरी देंगे. भारत को बेहतर बनाएंगे. नोटबंदी और जीएसटी से लोगों पर मार मारी गई है.

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मोदी सरकार पर वार
लालू ने केंद्र की मोदी सरकार पर भी हमला बोला. उन्होंने कहा, 'देश हजारों वर्ष पीछे चला गया. सबके मुंह पर मास्क लग गया है, लोग घरों में बंद है, किसी से मिल नहीं सकते. देश में कोरोना से जितनी मौतें हुई हैं, गिनती नहीं की जा सकती'.

बिहार में भी हालात बुरे
आरजेडी सुप्रीमो ने कहा कि बिहार में कोरोना से चिकित्सा की कमी के चलते बहुत मौतें हुई हैं. सिर्फ गांव ही नहीं पटना में भी हालात बुरे थे. किसी चीज का प्रबंध नहीं था. हमारा देश पीछे धकेल दिया गया है. इसकी पूर्ति करना साधारण बात नहीं है. देश में बहुत बड़ा आर्थिक संकट है.

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1997 में आरजेडी का गठन
आपको बताएं कि पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने 5 जुलाई 1997 को जनता दल से अलग होकर राष्ट्रीय जनता दल का गठन किया था. इन 25 सालों में पार्टी ने कई उतार-चढ़ाव देखें है. स्थापना के करीब 8 साल सत्ता में रही, उसके बाद से लगातार विपक्ष में ही है. हालांकि इस बीच में साल 2015 से 2017 में नीतीश कुमार की अगुवाई में साझा सरकार चलाने का अवसर जरूर मिला. वहीं मनमोहन सिंह की सरकार में 2004-2009 के दौरान लालू यादव समेत कई सांसद केंद्रीय मंत्री भी थे.

बिहार की सबसे बड़ी पार्टी
हालिया बिहार विधानसभा चुनाव में आरजेडी 75 सीट लाकर सबसे बड़ी पार्टी बनी है. हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी का खाता भी नहीं खुला था. वहीं राज्यसभा में आरजेडी के 6 सदस्य और विधान परिषद में भी 6 सदस्य हैं. इसके अलावे झारखंड विधानसभा में एक विधायक हैं, जो कि वहां की हेमंत सरकार में मंत्री भी हैं.

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