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बोले ललन सिंह - दलित, शोषित और वंचितों के समर्पित नेता थे रमई राम - पूर्व मंत्री रमई राम का निधन

बिहार सरकार के पूर्व मंत्री और कद्दावर नेता रमई राम (Former Minister Ramai Ram) का पटना में इलाज के दौरान निधन हो गया. वो पिछले कई महीनों से बीमार चल रहे थे. उनके निधन से राजनीतिक गलियारे में शोक की लहर है.

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Published : Jul 14, 2022, 4:24 PM IST

पटना: बिहार सरकार के पूर्व मंत्री रमई राम (Ramai Ram Passed Away) का पटना में इलाज के दौरान निधन हो गया है. उनका पटना के मेदांता अस्पताल में इलाज चल रहा था. 9 बार विधायक रहे रमई राम के निधन से बिहार के राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर दौड़ गई है. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने भी शोक जताते हुए कहा (Lalan Singh Statement On Former Minister Ramai Ram) कि रमई राम दलित और शोषित समाज के समर्पित नेता थे.

पढ़ें- बिहार के पूर्व मंत्री रमई राम का निधन, पटना के मेदांता में ली आखिरी सांस

"रमई राम जीवन के अंत तक दलितों शोषित वंचित के लिए काम करते रहे और उनके बीच काफी लोकप्रिय थे. वे एक सुलझे हुए नेता थे. हम लोगों के साथ भी रहे. समाज के प्रति समर्पित नेता को आज बिहार ने खो दिया है. हम लोग उनके निधन से आहत हैं. भगवान उनकी आत्मा को शांति दे." -ललन सिंह, जदयू के राष्ट्रीय

राजनीतिक हलकों में शोक की लहरः रमई राम के निधन पर कई राजनेताओं ने शोक जताया है. जदयू के संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा, प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा, विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा, विधान परिषद के कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह विधान सभा के उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी सहित कई मंत्रियों और नेताओं ने शोक जताया है. बता दें कि रमई राम मुजफ्फरपुर के बोचहां से 9 बार विधायक चुने गए थे और वे लालू और नीतीश दोनों सरकार में मंत्री पद संभाला चुके थे. हाल ही में बोचहां विधानसभा के उपचुनाव में उनकी बेटी वीआईपी पार्टी से प्रत्याशी बनी थी. रमई राम का जन्म 1 जनवरी 1944 को हुआ था.

9 बार बोचहां से विधायक रहे थे रमई राम: रमई राम बोचहां सीट से तीन बार राजद के टिकट, एक बार जेडीयू के टिकट, दो बार जनता दल के टिकट और इसके अलावा तीन अन्य दलों के प्रत्याशी के रूप में विधायकी का चुनाव जीत चुके हैं. इसके साथ ही वह 5 बार बिहार में मंत्री भी रहे हैं. लेकिन साल 2015 और 2020 में लगातार दो बार उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा. 2015 में यहां निर्दलीय प्रत्याशी बेबी कुमारी ने इन्हें सियासी पटखनी दी तो वहीं 2020 में विकासशील इंसान पार्टी के मुसाफिर पासवान के हाथों उन्हें हार झेलनी पड़ी.

पढ़ें- राजकीय सम्मान के साथ पंचतत्व में विलीन हुए पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह, अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब

पटना: बिहार सरकार के पूर्व मंत्री रमई राम (Ramai Ram Passed Away) का पटना में इलाज के दौरान निधन हो गया है. उनका पटना के मेदांता अस्पताल में इलाज चल रहा था. 9 बार विधायक रहे रमई राम के निधन से बिहार के राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर दौड़ गई है. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने भी शोक जताते हुए कहा (Lalan Singh Statement On Former Minister Ramai Ram) कि रमई राम दलित और शोषित समाज के समर्पित नेता थे.

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"रमई राम जीवन के अंत तक दलितों शोषित वंचित के लिए काम करते रहे और उनके बीच काफी लोकप्रिय थे. वे एक सुलझे हुए नेता थे. हम लोगों के साथ भी रहे. समाज के प्रति समर्पित नेता को आज बिहार ने खो दिया है. हम लोग उनके निधन से आहत हैं. भगवान उनकी आत्मा को शांति दे." -ललन सिंह, जदयू के राष्ट्रीय

राजनीतिक हलकों में शोक की लहरः रमई राम के निधन पर कई राजनेताओं ने शोक जताया है. जदयू के संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा, प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा, विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा, विधान परिषद के कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह विधान सभा के उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी सहित कई मंत्रियों और नेताओं ने शोक जताया है. बता दें कि रमई राम मुजफ्फरपुर के बोचहां से 9 बार विधायक चुने गए थे और वे लालू और नीतीश दोनों सरकार में मंत्री पद संभाला चुके थे. हाल ही में बोचहां विधानसभा के उपचुनाव में उनकी बेटी वीआईपी पार्टी से प्रत्याशी बनी थी. रमई राम का जन्म 1 जनवरी 1944 को हुआ था.

9 बार बोचहां से विधायक रहे थे रमई राम: रमई राम बोचहां सीट से तीन बार राजद के टिकट, एक बार जेडीयू के टिकट, दो बार जनता दल के टिकट और इसके अलावा तीन अन्य दलों के प्रत्याशी के रूप में विधायकी का चुनाव जीत चुके हैं. इसके साथ ही वह 5 बार बिहार में मंत्री भी रहे हैं. लेकिन साल 2015 और 2020 में लगातार दो बार उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा. 2015 में यहां निर्दलीय प्रत्याशी बेबी कुमारी ने इन्हें सियासी पटखनी दी तो वहीं 2020 में विकासशील इंसान पार्टी के मुसाफिर पासवान के हाथों उन्हें हार झेलनी पड़ी.

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