पटना: महाराष्ट्र में शरद पवार की पार्टी एनसीपी दो फाड़ हो गया है. शरद पवार के भतीजे अजित पवार के नेतृत्व में आठ विधायक सरकार के साथ आ गए हैं. अजित पवार को उप मुख्यमंत्री बनया गया है. उनके साथ आए आठ विधायक मंत्री बन गये हैं. महाराष्ट्र के इस घटनाक्रम को लेकर बिहार में भी सियासी पारा चढ़ा हुआ है. भाजपा और उनसे जुड़ी पार्टियां इसे विपक्षी एकता में बड़ा डेंट बता रही है, वहीं महागठबंधन के नेता बीजेपी की साजिश कह रहे हैं.
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बिहार में हुई थी कोशिशः जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह कई दिनों बाद पटना लौटे. एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी का यह सब खेल है. बीजेपी जनता की ताकत पर नहीं जोड़-तोड़ पर विश्वास करती है. जनता की ताकत पर हर दिन इनको झटका ही लगेगा. ललन सिंह ने यह भी कहा कि बिहार में भी बहुत पहले कोशिश कर चुके हैं. लेकिन यहां सफल नहीं हो सके
"बिहार में भी बहुत पहले कोशिश कर चुके हैं. लेकिन यहां सफल नहीं हो सके. भारतीय जनता पार्टी जनता के ताकत पर विश्वास नहीं करती है. जोड़-तोड़ पर विश्वास करती है"- ललन सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष, जदयू
विपक्षी एकता के प्रयास को धक्काः बता दें कि महाराष्ट्र में यह सब तब हुआ जब विपक्ष गोलबंद हो रहा है. पटना में 23 जून को विपक्षी एकता को लेकर बैठक हुई थी. नीतीश कुमार की पहल पर हुई बैठक में 15 विपक्षी दलों के 27 नेता शामिल हुए थे. इस महीने विपक्षी दलों की दूसरी बैठक बेंगलुरु में होने वाली है. राकांपा के नेता शरद पवार ने इसकी घोषणा की थी. अब महाराष्ट्र में हुए टूट के बाद विपक्षी एकता की पहल को धक्का लग सकता है. बीजेपी के नेता इसी आशय को लेकर बयान भी दे रहे हैं.