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बंगाल, केरल और असम में लोजपा की जमानत हो जाएगी जब्त- जेडीयू विधायक

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Published : Mar 6, 2021, 3:04 PM IST

लोजपा के केरल, असम और बंगाल में चुनाव लड़ने के निर्णय पर जदयू के विधायक ललन पासवान ने निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि लोजपा पार्टी की जमीनी हकीकत बिहार में थी जहां पर वह अपनी साख नहीं बचा पाई. लड़ने के लिए तो वह पूरे देश में चुनाव लड़ सकते हैं, उन्हें कौन रोका है.

बंगाल चुनाव को लेकर LJP पर ललन पासवान का हमला
बंगाल चुनाव को लेकर LJP पर ललन पासवान का हमला

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में लोजपा को मिली करारी हार के बाद अब लोजपा असम, केरल और बंगाल के चुनाव में अपना भाग आजमाने जा रही है. लोजपा ने सांसद महबूब अली कैसर को बंगाल चुनाव प्रभारी नियुक्त किया है. लोजपा इन तीनों राज्यों में अकेले चुनाव लड़ेगी या किसी गठबंधन के साथ इस पर अब तक मुहर नहीं लगी है. हालांकि, लोजपा इन तीनों राज्यों में अकेले मजबूती से चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है.

ये भी पढ़ें- बंगाल में दो तिहाई सीटों के साथ बनेगी BJP की सरकार, दीदी का जाना तय: शाहनवाज हुसैन

'लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने असम, केरल और पश्चिम बंगाल में चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है. इन तीनों राज्यों में पार्टी के उम्मीदवार चुनाव लड़ने को लेकर उत्साहित हैं और वह लोग लगातार अपना बायोडाटा चिराग पासवान को दे रहे हैं. पूरी मुस्तैदी से अपने पार्टी के उम्मीदवार उतारने में हम कामयाब होंगे. संजय पासवान, प्रधान महासचिव, लोजपा

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

मुस्तैदी से लड़ेंगे चुनाव
संजय पासवान ने बताया कि लोजपा इन तीनों राज्यों में सिर्फ चुनाव लड़ने के लिए नहीं बल्कि मुस्तैदी से अपनी उपस्थिति दर्ज कराएगी. हालांकि, इन तीनों राज्यों में लोजपा द्वारा अब तक यह दावा नहीं किया जा रहा है कि वह कितने सीटों पर चुनाव लड़ेगी और सरकार बनाने में लोजपा की भूमिका रहेगी कि नहीं. संजय पासवान ने बिहार विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार पर ऐतराज जताते हुए कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव में लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने अकेले चुनाव लड़ने का निर्णय लिया था. हालांकि हमें मात्र एक से प्राप्त हुआ है. लेकिन 24 लाख वोट हमारी पार्टी ने प्राप्त करने का काम किया है. इस लिहाज से लोजपा बिहार की तीसरी बड़ी पार्टी बनी है.

patna
बंगाल चुनाव में लोजपा की तैयारी

लोजपा पर साधा निशाना
लोजपा की ओर से केरल, असम और बंगाल में चुनाव लड़ने के निर्णय पर जदयू के विधायक ललन पासवान ने निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि लोजपा पार्टी की जमीनी हकीकत बिहार में थी जहां पर वह अपनी साख नहीं बचा पाई. लड़ने के लिए तो वह पूरे देश में चुनाव लड़ सकते हैं, उन्हें कौन रोका है.

ये भी पढ़ें- 'बात पश्चिम बंगाल में चुनाव लड़ने की नहीं है...लक्ष्य बीजेपी को हराना है'

'चिराग पासवान चाहे तो राष्ट्रपति का भी चुनाव लड़ सकते हैं, लेकिन उनका क्या वजूद है यह उन्हें सोचना चाहिए. जदयू चिराग पासवान का नाम भी लेना पसंद नहीं करती है. बिहार की जनता ने बिहार विधानसभा चुनाव में लोजपा को उनकी हैसियत बिहार की जनता ने बता दिया है. लोजपा की बिहार में हैसियत खत्म हो चुकी है. ऐसे में अन्य राज्यों में लोजपा चुनाव लड़कर खुद को और नंगा करना चाहती है तो यह उनके विवेक पर डिपेंड करता है.'- ललन पासवान, विधायक, जदयू

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

जल्द ही बुझ जाएगा लोजपा का दिया
जदयू विधायक ने कहा कि स्व. राम विलास पासवान की मौत के बाद लोजपा समाप्ति की ओर अपना कदम बढ़ा लिया है. अब लोजपा का जो दिया है वह जल्द ही बुझ जाएगा. लोजपा पार्टी दिन प्रतिदिन बिखरते जा रही है, विगत दिनों पहले ही सैकड़ों की संख्या में पूर्व महासचिव के नेतृत्व में कई जिला अध्यक्ष ने जदयू का दामन थामा है. जनतंत्र में लोजपा स्वतंत्र है किसी राज्य में चुनाव लड़ने के लिए लेकिन लोजपा का ना ही कोई अस्तित्व है और ना ही कोई लक्ष्य है. लोजपा का बिहार में विरासत था जहां पर उनका खाता भी खुलना मुश्किल हो गया था. ऐसे में अन्य राज्यों में लोजपा का खाता खोलना तो छोड़िए अपना जमानत भी नहीं बचा पाएगी.

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में लोजपा को मिली करारी हार के बाद अब लोजपा असम, केरल और बंगाल के चुनाव में अपना भाग आजमाने जा रही है. लोजपा ने सांसद महबूब अली कैसर को बंगाल चुनाव प्रभारी नियुक्त किया है. लोजपा इन तीनों राज्यों में अकेले चुनाव लड़ेगी या किसी गठबंधन के साथ इस पर अब तक मुहर नहीं लगी है. हालांकि, लोजपा इन तीनों राज्यों में अकेले मजबूती से चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है.

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'लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने असम, केरल और पश्चिम बंगाल में चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है. इन तीनों राज्यों में पार्टी के उम्मीदवार चुनाव लड़ने को लेकर उत्साहित हैं और वह लोग लगातार अपना बायोडाटा चिराग पासवान को दे रहे हैं. पूरी मुस्तैदी से अपने पार्टी के उम्मीदवार उतारने में हम कामयाब होंगे. संजय पासवान, प्रधान महासचिव, लोजपा

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

मुस्तैदी से लड़ेंगे चुनाव
संजय पासवान ने बताया कि लोजपा इन तीनों राज्यों में सिर्फ चुनाव लड़ने के लिए नहीं बल्कि मुस्तैदी से अपनी उपस्थिति दर्ज कराएगी. हालांकि, इन तीनों राज्यों में लोजपा द्वारा अब तक यह दावा नहीं किया जा रहा है कि वह कितने सीटों पर चुनाव लड़ेगी और सरकार बनाने में लोजपा की भूमिका रहेगी कि नहीं. संजय पासवान ने बिहार विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार पर ऐतराज जताते हुए कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव में लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने अकेले चुनाव लड़ने का निर्णय लिया था. हालांकि हमें मात्र एक से प्राप्त हुआ है. लेकिन 24 लाख वोट हमारी पार्टी ने प्राप्त करने का काम किया है. इस लिहाज से लोजपा बिहार की तीसरी बड़ी पार्टी बनी है.

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बंगाल चुनाव में लोजपा की तैयारी

लोजपा पर साधा निशाना
लोजपा की ओर से केरल, असम और बंगाल में चुनाव लड़ने के निर्णय पर जदयू के विधायक ललन पासवान ने निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि लोजपा पार्टी की जमीनी हकीकत बिहार में थी जहां पर वह अपनी साख नहीं बचा पाई. लड़ने के लिए तो वह पूरे देश में चुनाव लड़ सकते हैं, उन्हें कौन रोका है.

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'चिराग पासवान चाहे तो राष्ट्रपति का भी चुनाव लड़ सकते हैं, लेकिन उनका क्या वजूद है यह उन्हें सोचना चाहिए. जदयू चिराग पासवान का नाम भी लेना पसंद नहीं करती है. बिहार की जनता ने बिहार विधानसभा चुनाव में लोजपा को उनकी हैसियत बिहार की जनता ने बता दिया है. लोजपा की बिहार में हैसियत खत्म हो चुकी है. ऐसे में अन्य राज्यों में लोजपा चुनाव लड़कर खुद को और नंगा करना चाहती है तो यह उनके विवेक पर डिपेंड करता है.'- ललन पासवान, विधायक, जदयू

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

जल्द ही बुझ जाएगा लोजपा का दिया
जदयू विधायक ने कहा कि स्व. राम विलास पासवान की मौत के बाद लोजपा समाप्ति की ओर अपना कदम बढ़ा लिया है. अब लोजपा का जो दिया है वह जल्द ही बुझ जाएगा. लोजपा पार्टी दिन प्रतिदिन बिखरते जा रही है, विगत दिनों पहले ही सैकड़ों की संख्या में पूर्व महासचिव के नेतृत्व में कई जिला अध्यक्ष ने जदयू का दामन थामा है. जनतंत्र में लोजपा स्वतंत्र है किसी राज्य में चुनाव लड़ने के लिए लेकिन लोजपा का ना ही कोई अस्तित्व है और ना ही कोई लक्ष्य है. लोजपा का बिहार में विरासत था जहां पर उनका खाता भी खुलना मुश्किल हो गया था. ऐसे में अन्य राज्यों में लोजपा का खाता खोलना तो छोड़िए अपना जमानत भी नहीं बचा पाएगी.

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