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PMCH: प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल का हाल बेहाल, मरीजों को स्ट्रेचर तक नसीब नहीं - अस्पताल में स्ट्रेचर नसीब नहीं

मोहम्मद आलम ने कहा कि वह बच्ची का स्लाइन का पाइप निकलवाना था. इसके लिए उन्हें शिशु विभाग से दूसरे विभाग में जाना था. स्ट्रेचर नहीं होने के कारण उन्होंने बच्ची को गोद में ही उठाकर ले जाना उचित समझा.

बच्ची को गोद में ले जाते पिता
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Published : Aug 20, 2019, 7:30 PM IST

पटना: प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल की हालत दिनों दिन खराब होती जा रही है. अस्पताल में स्ट्रेचर नहीं होने के कारण मरीजों को परिजन अपनी गोद में उठाकर ले जा रहे हैं. यहां 6 साल की मासूम बच्ची को अस्पताल में स्ट्रेचर नसीब नहीं होने के कारण पिता अपनी गोद में ही उठाकर अस्पताल में भर्ती कराने पहुंचे.

देखिए खास रिपोर्ट

पीएमसीएच में स्ट्रेचर की सुविधा नहीं होने के कारण पिता मोहम्मद आलम अपनी 6 वर्षीय बेटी को गोद में उठाकर स्लाइन सहित अस्पताल ले जाने को विवश हैं. इस तस्वीर से यह झलकता है कि अस्पताल प्रशासन मरीजों को लेकर कितना संवेदनशील है.

पिता ने सुनाई व्यथा
पीड़ित बच्ची के पिता मोहम्मद आलम ने कहा कि वह बच्ची को स्लाइन का पाइप निकलवाने जा रहे थे. इसके लिए उन्हें शिशु विभाग से दूसरे विभाग में जाना था. जल्द इलाज कराने को लेकर उन्होंने बच्ची को गोद में उठाकर ले जाना ही उचित समझा.

बुखार से पीड़ित थी बेटी
गौरतलब है कि पिछले 2 दिनों से शिशु अस्पताल में भर्ती मोहम्मद आलम की 6 साल की बेटी बुखार से पीड़ित थी. हालत ज्यादा खराब होता देख इमरजेंसी में एडमिट किया गया. लेकिन, उसको शिशु अस्पताल से इमरजेंसी में जाने के लिए स्ट्रेचर तक नसीब नहीं हुई. ऐसे में मजबूर पिता बच्ची को गोद में उठाकर ले गया.

पटना: प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल की हालत दिनों दिन खराब होती जा रही है. अस्पताल में स्ट्रेचर नहीं होने के कारण मरीजों को परिजन अपनी गोद में उठाकर ले जा रहे हैं. यहां 6 साल की मासूम बच्ची को अस्पताल में स्ट्रेचर नसीब नहीं होने के कारण पिता अपनी गोद में ही उठाकर अस्पताल में भर्ती कराने पहुंचे.

देखिए खास रिपोर्ट

पीएमसीएच में स्ट्रेचर की सुविधा नहीं होने के कारण पिता मोहम्मद आलम अपनी 6 वर्षीय बेटी को गोद में उठाकर स्लाइन सहित अस्पताल ले जाने को विवश हैं. इस तस्वीर से यह झलकता है कि अस्पताल प्रशासन मरीजों को लेकर कितना संवेदनशील है.

पिता ने सुनाई व्यथा
पीड़ित बच्ची के पिता मोहम्मद आलम ने कहा कि वह बच्ची को स्लाइन का पाइप निकलवाने जा रहे थे. इसके लिए उन्हें शिशु विभाग से दूसरे विभाग में जाना था. जल्द इलाज कराने को लेकर उन्होंने बच्ची को गोद में उठाकर ले जाना ही उचित समझा.

बुखार से पीड़ित थी बेटी
गौरतलब है कि पिछले 2 दिनों से शिशु अस्पताल में भर्ती मोहम्मद आलम की 6 साल की बेटी बुखार से पीड़ित थी. हालत ज्यादा खराब होता देख इमरजेंसी में एडमिट किया गया. लेकिन, उसको शिशु अस्पताल से इमरजेंसी में जाने के लिए स्ट्रेचर तक नसीब नहीं हुई. ऐसे में मजबूर पिता बच्ची को गोद में उठाकर ले गया.

Intro:बेपरवाह बना पीएमसीएच अस्पताल,

सुबे के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच जहां मरीजों को स्ट्रेचर तक कि नहीं मिल रही सुविधा, दिखा संवेदनहीनता की तस्वीरें,
6 साल की बच्ची को हाथों पर ले जाने को विवश हैं पिता,



Body:हमेशा सुर्खियों में रहने वाला सुबे के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच आज एक बार फिर से अपने संवेदनहीनता के चलते सुर्खियों में हैं, जहां एक 6 साल की बच्ची को सलाइन लगाए हुए उसके बच्ची के पिता हाथों में ले जाने को विवश हैं, उसे स्ट्रेचर तक भी नसीब नहीं हुआ है, यह तस्वीर बताने के लिए काफी है कि पीएमसीएच जैसे बड़े अस्पताल में मरीजों को सहूलियत कितनी मिल रही है और प्रशासन कितना संवेदनशील दिख रहा है,

सुपरस्पेशलिटी अस्पताल पीएमसीएच जहां राज्य भर के कोने-कोने से हजारों मरीज अपना इलाज के लिए इस उम्मीद से आते हैं कि यहां उसका बेहतर इलाज हो सकेगा, लेकिन उन गरीब मरीजों को कितनी सहूलियत मिलती है यह तस्वीर ही दिखाने के लिए काफी है, कहने के लिए तो पीएमसीएच में सरकार की हर वो योजना चल रही है, जो गरीब मरीजों के लिए है,लेकिन आज कि यह तस्वीर पीएमसीएच प्रशासन की उदासीनता और लापरवाही का उदाहरण है


Conclusion: गौरतलब है कि पिछले 2 दिनों से शिशु अस्पताल में भर्ती मोहम्मद आलम की 6 साल की बेटी बुखार से पीड़ित थी इसके हालत और खराब होते देख इमरजेंसी मे एडमिट किया गया, लेकिन उसको शिशु अस्पताल से इमरजेंसी में जाने के लिए स्ट्रेचर तक नसीब नहीं हुआ, मजबूरन पिता थक हारकर हाथों पर उठाकर ही उसे ले जाने को विवश हैं और यह पिता कि विवशता सरकार के उन तमाम दावों को आईना दिखा रहा है जिस पर सरकार दावा करती है कि गरीबों को बेहतर इलाज दिला सके


बाईट: मोहम्मद आलम,-पिडीत पिता


नोट:- इसमें किसी प्रशासनिक पदाधिकारी की बाइट नहीं हो सकी है, क्योंकि सभी लोग सचिवालय में मीटिंग के लिए गए हुए थे
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