पटनाः बिहार में वायरल फीवर (Viral Fever) का कहर जारी है. सूबे के कई बड़े सरकारी अस्पतालों (Government Hospitals) में बेड फुल हो चुके हैं. कहीं जमीन पर तो कहीं एक ही बेड पर कई बच्चों का इलाज किया जा रहा है. वायरल फीवर (Viral Fever) के बढ़ते प्रकोप के बीच राजधानी पटना के अस्पतालों (Facilities In Hospitals) की हालत भी कुछ ठीक नहीं है.
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सूबे के दूसरे सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एनएमसीएच में भी व्यवस्थाओं का टोटा है. यहां की तस्वीर भी चिंताजनक है. अस्पताल के वार्डों में एक ही बेड पर संक्रमित दो बच्चों का इलाज किया जा रहा है. इससे अस्पताल प्रशासन पर तो सवाल उठ ही रहे हैं, संक्रमण के दौर में बच्चों के लिए भी यह खतरे से खाली नहीं है.
इतना ही नहीं अस्पताल में भर्ती बच्चों के परिजनों ने बताया कि अस्पताल में सुविधाओं की घोर कमी है. उन्हें बाहर से दवाइयां लानी पड़ रही है. ईटीवी भारत ने इस गंभीर समस्या के संबंध में तत्काल एनएमसीएच के उपाधीक्षक गोपालकृष्ण से बात की. जिसमें उन्होंने अस्पताल में बेड की कमी की बात स्वीकार की है.
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इसके बाद ईटीवी भारत ने अस्पताल के उपाधीक्षक से जब अस्पताल में दवाओं की कमी के बारे में बात पूछा तो उन्होंने कहा कि कम पड़ी दवाओं की आपूर्ति जल्द ही सुनिश्चित कर दी जाएगी. उन्होंने डाक्टरों के द्वारा बाहर से दवाईयां लाने के लिए लिखने पर रोक लगा दी है.
ईटीवी भारत जनहित के मुद्दे को पहले से ही उठा रहा था. बीते दिनों ही एनएमसीएस के अधीक्षक डॉ. विनोद कुमार सिंह ने कहा था कि अस्पताल में सुविधाओं की कोई कमी नहीं है. पर्याप्त मात्रा में दवाइयां और बेड उपलब्ध हैं. लेकिन ताजा हालात ठीक इसके विपरीत हैं.
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बता दें कि बिहार में वायरल फीवर के बीच अब स्वाइन फ्लू (Swine Flu) ने भी दस्तक दे दी है. शुक्रवार को पटना में इनफ्लूएंजा-A संक्रमण से एक व्यक्ति की मौत हो गई है. साथ ही पारस हॉस्पिटल में स्वाइन फ्लू के दो नए मरीज भर्ती हैं. इस बीच लोगों को वायरल बीमारियों से बचने के लिए एहतियात बरतने की जरूरत है.