पटना : राजधानी पटना में एक बार फिर से कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है. इसके चलते दिहाड़ी मजदूरों को अब काम नहीं मिल रहा है. कुल मिलाकर दिन में कमाने वाले और रात को खाने वालों पर आफत आ गई है.
ईटीवी भारत ने इन दिहाड़ी मजदूरों से बात की तो उन्होंने अपना दुखड़ा सुनाया. मजदूरों का कहना है कि कोरोना काल के दौरान शुरू से अब तक उन्हें सही से काम नहीं मिल रहा है. लॉकडाउन खुलने के बाद भी उन्हें सही से काम नहीं मिल रहा क्योंकि कोरोना संक्रमण अभी भी व्याप्त है. वहीं, जब लॉकडाउन खुला था तो उनकी माली हालत बहुत खराब हो गई थी. अभी बीच में दीपावली और छठ से पहले काम मिला. लेकिन अब पटना में फिर से कोरोना संक्रमण ने रफ्तार पकड़ ली है. इसका असर हमारे काम पर भी पड़ रहा है.
शिवकुमार कहते हैं, 'हमें काम नहीं मिल रहा है. हम चार दिन कमाते हैं और आठ दिन खाते हैं. लेकिन इस बार एक दिन भी काम नहीं मिल रहा है. मैं दरियापुर से पटना आया हूं. सरकार की ओर से कोई राहत नहीं मिल रही है. यहीं काम की तलाश कर रहे हैं.'
सरकार से नहीं मिल रही राहत
मजदूरों से बात की तो उन्होंने अपना दर्द साझा किया. किसी ने बताया कि उनका जन धन खाता नहीं खुला है, तो पैसा कहां से आएगा. वहीं, कोई किसान होकर केंद्र सरकार से मिलने वाले 6 हजार रुपयों की किस्त को लेकर अपनी समस्या बताते दिखा. सभी ने एक ही बात कही कि कोरोना ने उनकी कमर तोड़कर रख दी है.