पटना/उदयपुर: बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रेशेखर के विवादित बयान (Ramcharitmanas Spreads Hatred) पर पूरे देश भर भूचाल मचा है. नेता से लेकर धर्मगुरू और कवि तक उनके बयान की कड़े शब्दों में निंदा कर रहे हैं. प्रसिद्ध कवि कुमार विश्वास ने उदयपुर में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि चंद्रशेखर ने उस विश्वविद्यालय में ऐसा विवादित बयान दिया जो ज्ञान का आदि स्त्रोत माना जाता है.
'सीएम नीतीश और तेजस्वी करें चंद्रशेखर पर कार्रवाई': कवि कुमार विश्वास ने कहा कि हमारे यहां तक्षशिला और नालंदा पुरानी ज्ञानपीठिकाएं हैं, वहां एक शिक्षा मंत्री ऐसी बातें बोलते हैं वो अशोभनीय है. मैं नीतीश कुमार का बहुत आदर करता हूं. तेजस्वी मेरे भाई जैसे हैं. बिहार को दोनों से बहुत आशाएं हैं. उनको कार्रवाई करनी चाहिए.
दूसरे धर्म के लिए ऐसी टिप्पणी करते तो..: कुमार विश्वास ने आगे कहा कि दो बातें हैं एक तो उन्होंने राम कथा पढ़ी नहीं है और दूसरा कि किसी एक धर्म को इतना श्रेष्ठ क्यों मानते हैं कि उसपर बोल सकते हैं. मैं सभी धर्म की पुस्तकों का आदर करते हुए कहना चाहता हूं कि क्या वे किसी दूसरे धर्म के बारे में ऐसी बात कह सकते थे. उसके बाद मंत्री तो छोड़िये क्या उनके बचे रहने की संभावना बनी रह सकती थी? कितना कष्ट होता.
'जिसके मन में जहर वो रामचरितमानस के लिए ऐसा बयान देगा': कुमार विश्वास ने बिहार विधानसभा जाने की इच्छा भी जताई और बोले मैं तो उनके विधानसभा में ही जाना चाहता हूं. जहां से वे जीते हैं मैं वहीं अपना कार्यक्रम करना चाहता हूं, ताकि उनकी जनता भी समझे. राजा राम की कहानी जहर घोल सकती है, ये वही कह सकता है जिसके मस्तिष्क में जहर हो. मैं प्राथर्ना करूंगा कि इनको भी भगवान जीवित रहते हुए मोक्ष प्रदान करें.
बिहार के शिक्षा मंत्री के इस बयान पर बवाल : शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने रामचरितमानस पर बोलते हुए कहा था कि, 'रामचरितमानस ग्रंथ समाज में नफरत फैलाने वाला ग्रंथ है. यह समाज में दलितों, पिछड़ों और महिलाओं को पढ़ाई से रोकता है. उन्हें उनका हम दिलाने से रोकता है. मनुस्मृति ने समाज में नफरत का बीज बोया, फिर उसके बाद रामचरितमानस ने समाज में नफरत पैदा की और आज के समय गुरू गोलवलकर की विचार समाज में नफरत फैला रही है. मनुस्मृति को बाबा साहब अंबेडकर ने इसलिये जलाया क्योंकि वह दलितों और वंचितों के हक छीनने की बातें करती है.'