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'अटल जी के बाद की सर्वाधिक संतुलित व सम्मोहक संसदीय वक्ता की वाणी ने विराम ले लिया!'

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Published : Aug 7, 2019, 10:44 AM IST

Updated : Aug 7, 2019, 11:08 AM IST

चुनौतियां स्वीकार करने को हमेशा तत्पर रहने वाली स्वराज ने 1999 के लोकसभा चुनाव में बेल्लारी सीट से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा था. वह 2009 से 2014 तक लोकसभा में नेता विपक्ष भी रहीं.

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नई दिल्ली/पटना: बीजेपी की नेत्री और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का दिल्ली के एम्स में 67 साल की उम्र में निधन हो गया. पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुषमा स्वराज का पार्थिव देह बुधवार को तीन घंटे के लिए बीजेपी मुख्यालय में रखा जाएगा, जहां पार्टी कार्यकर्ता और नेता उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे. कवि कुमार विश्वास ने भी ट्वीट करके सुषमा स्वराज को श्रद्धांजलि दी.

सुषमा स्वराज का निधन

कुमार विश्वास ने ट्वीट कर लिखा- 'भारत की राजनैतिक श्री अंनत में विलुप्त हो गई ! जनभाषा की संसदीय सुषमा समाप्त हो गई ! वैयक्तिक आभा का एक युग जीकर हमारे समय की शीर्षतम विदुषी, अटल जी के बाद की सर्वाधिक संतुलित व सम्मोहक संसदीय वक्ता की वाणी ने विराम ले लिया! ईश्वर की आलोक सभा में पदभार सम्भालो सुषमा स्वराज दी.'

  • भारत की राजनैतिक श्री अंनत में विलुप्त हो गई ! जनभाषा की संसंदीय सुषमा समाप्त हो गई ! वैयक्तिक आभा का एक युग जीकर हमारे समय की शीर्षतम विदुषी,अटलजी के बाद की सर्वाधिक संतुलित व सम्मोहक संसदीय वक्ता की वाणी ने विराम ले लिया !ईश्वर की आलोक सभा में पदभार सम्भालो #SushmaSwaraj दी😢🙏 pic.twitter.com/oAVoGg9BGN

    — Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) August 6, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बता दें कि सुषमा स्वराज को हरियाणा सरकार में सबसे युवा कैबिनेट मंत्री होने का श्रेय भी मिला था. इसके साथ ही दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री और देश में किसी राष्ट्रीय राजनीतिक दल की पहली महिला प्रवक्ता होने का श्रेय भी सुषमा स्वराज को जाता है. उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत आरएसएस की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से की थी और बाद में वह भाजपा में शामिल हो गईं. वह 1996 में 13 दिन तक चली अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में सूचना और प्रसारण मंत्री थीं और 1998 में वाजपेयी के पुन: सत्ता में आने के बाद स्वराज को फिर कैबिनेट मंत्री बनाया गया.

चुनौतियां स्वीकार करने को हमेशा तत्पर रहने वाली स्वराज ने 1999 के लोकसभा चुनाव में बेल्लारी सीट से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा था. उन पर वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी का स्नेह रहता था. वह 2009 से 2014 तक लोकसभा में नेता विपक्ष भी रहीं. विधि स्नातक स्वराज ने उच्चतम न्यायालय में वकालत भी की. वह सात बार संसद सदस्य के रूप में और तीन बार विधानसभा सदस्य के रूप में चुनी गईं.

नई दिल्ली/पटना: बीजेपी की नेत्री और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का दिल्ली के एम्स में 67 साल की उम्र में निधन हो गया. पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुषमा स्वराज का पार्थिव देह बुधवार को तीन घंटे के लिए बीजेपी मुख्यालय में रखा जाएगा, जहां पार्टी कार्यकर्ता और नेता उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे. कवि कुमार विश्वास ने भी ट्वीट करके सुषमा स्वराज को श्रद्धांजलि दी.

सुषमा स्वराज का निधन

कुमार विश्वास ने ट्वीट कर लिखा- 'भारत की राजनैतिक श्री अंनत में विलुप्त हो गई ! जनभाषा की संसदीय सुषमा समाप्त हो गई ! वैयक्तिक आभा का एक युग जीकर हमारे समय की शीर्षतम विदुषी, अटल जी के बाद की सर्वाधिक संतुलित व सम्मोहक संसदीय वक्ता की वाणी ने विराम ले लिया! ईश्वर की आलोक सभा में पदभार सम्भालो सुषमा स्वराज दी.'

  • भारत की राजनैतिक श्री अंनत में विलुप्त हो गई ! जनभाषा की संसंदीय सुषमा समाप्त हो गई ! वैयक्तिक आभा का एक युग जीकर हमारे समय की शीर्षतम विदुषी,अटलजी के बाद की सर्वाधिक संतुलित व सम्मोहक संसदीय वक्ता की वाणी ने विराम ले लिया !ईश्वर की आलोक सभा में पदभार सम्भालो #SushmaSwaraj दी😢🙏 pic.twitter.com/oAVoGg9BGN

    — Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) August 6, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बता दें कि सुषमा स्वराज को हरियाणा सरकार में सबसे युवा कैबिनेट मंत्री होने का श्रेय भी मिला था. इसके साथ ही दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री और देश में किसी राष्ट्रीय राजनीतिक दल की पहली महिला प्रवक्ता होने का श्रेय भी सुषमा स्वराज को जाता है. उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत आरएसएस की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से की थी और बाद में वह भाजपा में शामिल हो गईं. वह 1996 में 13 दिन तक चली अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में सूचना और प्रसारण मंत्री थीं और 1998 में वाजपेयी के पुन: सत्ता में आने के बाद स्वराज को फिर कैबिनेट मंत्री बनाया गया.

चुनौतियां स्वीकार करने को हमेशा तत्पर रहने वाली स्वराज ने 1999 के लोकसभा चुनाव में बेल्लारी सीट से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा था. उन पर वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी का स्नेह रहता था. वह 2009 से 2014 तक लोकसभा में नेता विपक्ष भी रहीं. विधि स्नातक स्वराज ने उच्चतम न्यायालय में वकालत भी की. वह सात बार संसद सदस्य के रूप में और तीन बार विधानसभा सदस्य के रूप में चुनी गईं.

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kumar vishwas reaction on sushma swaraj demise


Conclusion:
Last Updated : Aug 7, 2019, 11:08 AM IST
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