पटना: राजधानी पटना के खुसरूपुर की रहने वाली कृति राज सिंह (Kriti Raj Singh) ने न्यूजीलैंड में चल रहे जूनियर कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप (Sub Junior Commonwealth Championship 2022) में 6 गोल्ड मेडल जीता है. वेटलिफ्टिंग स्पर्धा में मिली इस जीत के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बधाई भी दी थी. शुक्रवार को कृति राज सिंह पटना एयरपोर्ट पर पहुंचीं. इस दौरान बड़ी संख्या में फैंस एयरपोर्ट पहुंचे थे. जैसे ही कृति एयरपोर्ट से बाहर निकली उनका भव्य स्वागत किया गया.
"मेरे कोच ने लाखों रुपये की मशीन गिफ्ट दी": मीडिया से बात करते हुए खिलाड़ी कृति राज सिंह ने कहा कि बचपन से ही इस तरह के गेम में रुचि थी और वह लगातार मेहनत करती रही. उन्होंने कहा कि मेरे पिता किसान हैं. किसी किसी तरह उन्होंने व्यवस्था करके मुझे आर्थिक रूप से मदद किया. आज जो यह मुकाम हासिल हुआ है, इसमें मेरे मां-बाप की बहुत बड़ी भूमिका है. साथ ही मेरे कोच की भी बहुत बड़ी भूमिका है. जिन्होंने मुझे लाख रुपए की मशीन गिफ्ट में दे दी. जिस पर मैंने प्रैक्टिस की.
"मुझे मलाल है कि बिहार सरकार ने मदद नहीं की": उन्होंने आगे कहा कि बहुत खुश हूं किन्यूजीलैंड गयी. वहां पर मेडल जीता अपने देश का नाम रोशन किया. लेकिन इस बात का मलाल है कि बिहार सरकार ने अभी तक हमें कोई सहायता नहीं की है. कई बार हमने कोशिश भी की. लेकिन बिहार में जो स्थिति है उसमें कभी भी खेलकूद को लेकर खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने के लिए कुछ नहीं किया जा रहा है, जोकि दुखद है. जब कृति से मुख्यमंत्री से बधाई देने के संबंध में सवाल पूछा गया कि तो खिलाड़ी ने कहा कि मुख्यमंत्री जी ने मुझे बधाई दी थी. मौका मिलेगा तो जल्द ही में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने भी जाऊंगी.
"जब-जब वह कहती थी कि हमको इस गेम में भाग लेना है, ऐसा करना है, हम हमेशा तैयार रहते थे. आर्थिक मदद तो करते ही थे. किस तरह से करते थे यह नहीं कह सकते. लेकिन इतना जरूर मुझे विश्वास था कि आज चलकर मेरी बेटी बहुत अच्छा करेगी. आज हम बहुत खुश हैं. पूरे परिवार और समाज के लोग भी खुश है. हमारी बेटी को सभी का दुआ लगा है. आगे भी अगर कुछ वह करना चाहेगी तो हम सभी रूप में तैयार हैं" -ललन सिंह, कृति राज सिंह के पिता
किसान पिता ने कहा- 'मुझे अपनी बेटी पर पूरा विश्वास था': पटना एयरपोर्ट पर पहुंचे उनके पिता ललन सिंह ने खुशी का इजहार करते हुए कहा कि हम किसान हैं और किसी भी तरह अपने सभी बेटा-बेटियों को आगे बढ़ना देखना चाहते थे. यह हमारी सबसे छोटी बेटी है. शुरू से ही खेलकूद में काफी रूचि था. जब यह क्लास 4 में थी उसी समय में प्रखंड स्तर पर गोल्ड मेडल जीती थी. उसी दिन हम समझ गए कि यह बहुत आगे बढ़ेगी. मुझे विश्वास था कि आगे चलकर बेटी बहुत अच्छा करेगी. आज हम बहुत खुश हैं. पूरा परिवार और समाज के लोगों का दुआ लगा है. देश और राज्य का नाम भी रोशन किया है.