पटना: जल संसाधन विभाग के अनुसार कोसी, गंडक, बागमती, महानंदा नदियों का जलस्तर अभी भी खतरे के लाल निशान से ऊपर है. वहीं, उत्तर बिहार की कई अन्य नदियों का जलस्तर भी खतरे के निशान से ऊपर है.
26 सितंबर को इस प्रकार रहा नदियों का जलस्तर
- गंगा नदी का जलस्तर साहेबगंज में खतरे के निशान से अब 78 सेंटीमीटर नीचे है. वहीं, फरक्का में भी खतरे के निशान से 65 सेंटीमीटर नीचे है.
- पुनपुन नदी का जलस्तर श्रीपालपुर में खतरे के निशान से 99 सेंटीमीटर ऊपर है.
- घाघरा नदी का जलस्तर दरौली में खतरे के निशान से नीचे है.
- गंडक नदी का जलस्तर डुमरिया घाट में खतरे के निशान से 92 सेंटीमीटर ऊपर है. वहीं, रेवा घाट में खतरे के निशान से नीचे है.
- बूढ़ी गंडक का जलस्तर रोसड़ा में खतरे के निशान से नीचे है. वहीं, समस्तीपुर में खतरे के निशान से नीचे है और खगड़िया में भी खतरे के निशान से नीचे है.
- बागमती नदी का जलस्तर ढेंग ब्रिज में खतरे के निशान से 110 सेंटीमीटर ऊपर है. जबकि, रुन्नीसैदपुर में खतरे के निशान से 281 सेंटीमीटर ऊपर है और बेनीबाद में भी 80 सेंटीमीटर ऊपर है.
- अधवारा समूह नदी का जलस्तर कमतौल में खतरे के निशान 36 सेंटीमीटर नीचे है.
- कमला बलान नदी का जलस्तर जयनगर में खतरे के निशान से 18 सेंटीमीटर ऊपर है. वहीं, झंझारपुर में खतरे के निशान से 107 मीटर ऊपर है.
- कोसी नदी का जलस्तर बलतारा में खतरे के निशान से 110 सेंटीमीटर ऊपर है. वहीं, कुर्सेला में खतरे के निशान से 81 सेंटीमीटर नीचे है.
- महानंदा नदी का जलस्तर ढेंगरा घाट में खतरे के निशान से 119 सेंटीमीटर ऊपर है. वहीं, झावा में खतरे के निशान से 96 सेंटीमीटर ऊपर है.
- परमान नदी का जलस्तर अररिया में खतरे के निशान से 86 सेंटीमीटर ऊपर है.
गंगा का जलस्तर
जगह का नाम | खतरे का निशान | वर्तमान स्थिति(मीटर में) |
बक्सर | 60.32 | 53.88 |
दीघाघाट | 50.45 | 48.14 |
गांधी घाट | 48.60 | 47.47 |
हाथीदह | 41.76 | 40.33 |
मुंगेर | 39.33 | 36.33 |
भागलपुर | 33.68 | 31.51 |
कहलगांव | 31.09 | 30.01 |
साहेबगंज | 27.25 | 26.47 |
फरक्का | 22.25 | 21.60 |
नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों में बारिश से जलस्तर बढ़ा
नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों में हुई बारिश के कारण गंडक, कोसी, महानंदा और अररिया के परमान नदियों का जलस्तर बढ़ा है और उसके कारण इन इलाकों में नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है. वहीं, गंगा नदी का जलस्तर लगातार घट रहा है और अब कहीं भी खतरे के निशान से ऊपर नहीं है.