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KK Pathak Effect: सरकारी स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने की कवायद, घर-घर जाकर अभिभावकों से मिल रहे हैं शिक्षक

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की सख्ती के बाद बिहार में सरकारी स्कूलों की तस्वीर बदलने लगी है. न केवल शिक्षक समय पर स्कूल आते हैं, बल्कि अब छात्रों की संख्या बढ़ाने के लिए भी कवायद तेज हो गई है. राजधानी समेत तमाम जगहों पर शिक्षक घर-घर जाकर अभिभावकों से बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

बिहार में शिक्षा व्यवस्था
बिहार में शिक्षा व्यवस्था
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Published : Aug 9, 2023, 6:30 AM IST

पटना: अपर मुख्य सचिव केके पाठक के आदेश के बाद स्कूलों में कई तरह के बदलाव देखने को मिल रहे हैं. ऐसे में स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति कम रहने पर प्रधानाध्यापक और बीईई पर कार्रवाई होने के बाद पटना जिले के धनरूआ के उच्चतर माध्यमिक वीर ओरियारा स्कूल के सभी शिक्षक अब गांव की गलियों में दिख रहे हैं. तमाम शिक्षक अभिभावक को इस बात के लिए प्रेरित करते दिख रहे हैं कि वह अपने बच्चों को स्कूल भेंजे.

ये भी पढ़ें: KK Pathak Action: प्रखंड मुख्यालय के स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति 50% से कम रहने पर BEO पर गिरेगी गाज, शिक्षा निदेशक का आदेश

केके पाठक की सख्ती का असर: दरअसल, शिक्षा विभाग में केके पाठक के आने के बाद सभी स्कूलों में हड़कंप मच गया है. जिसका असर भी साफ दिख रहा है. केके पाठक ने निर्देश दिया है कि जिन स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति कम रहेगी, वहां के प्रधानाध्यापक और बीईई पर कार्रवाई होगी. ऐसे में धनरूआ प्रखंड के उच्चतर माध्यमिक वीर ओरयारा विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने को लेकर वहां के प्रभारी इंचार्ज आशीष कुमार के नेतृत्व में कई टीमों में विभक्त होकर पूरे वीर गांव में घर-घर जाकर उन बच्चों के अभिभावकों से मिलकर उन्हें प्रेरित कर रहे हैं.

बच्चों को स्कूल भेजने के लिए पहल: शिक्षक तमाम बच्चों को स्कूल भेजने को लेकर अभिभावकों को प्रेरित करते दिख रहे हैं ताकि स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ सके और उसका पठन-पाठन सुचारू रूप से चल सके. वीर ओरियारा हाई स्कूल के प्रभारी आशीष कुमार ने बताया कि बहुत सारे लड़के अब सिर्फ कोचिंग पर निर्भर हो गए हैं. ऐसे में स्कूल में उनकी उपस्थिति कम होती जा रही है लेकिन उन सभी बच्चों को स्कूलों में पठन-पाठन करते हुए उन्हें पढ़ने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. उनके अभिभावकों को स्कूल भेजने के लिए बच्चों को प्रेरित किया जा रहा है.

टीम बनाकर अभिभावक से मिल रहे हैं शिक्षक: धनरूआ स्थित उच्च माध्यमिक विद्यालय स्कूल में वहां के प्रभारी आशीष कुमार के नेतृत्व में 7 सदस्य शिक्षकों की टीम बनाकर पूरे गांव के विभिन्न गलियों में घूम-घूमकर गांव के सभी अभिभावकों को अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. जिसमें मुकुल चंद्र मौर्य, उपेंद्र कुमार, सुजीत कुमार सौरव, हेमलता वर्मा, सुनीता कुमारी और संगीता पाठक शामिल हैं.

"घर-घर जाकर हमलोग अभिभावकों से मिल रहे हैं और उनको अपील कर रहे हैं कि वह अपने बच्चे को स्कूल भेजें. हमलोग इस बात के लिए प्रेरित कर रहे हैं कि अपने बच्चों को प्राइवेट कोचिंग सेंटर की बजाय सरकारी स्कूल भेंजे. वहां पर भी पढ़ने-पढ़ाने की सुदृढ़ व्यवस्था है"- आशीष कुमार, प्रभारी, उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, वीर ओरियारा, धनरुआ

पटना: अपर मुख्य सचिव केके पाठक के आदेश के बाद स्कूलों में कई तरह के बदलाव देखने को मिल रहे हैं. ऐसे में स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति कम रहने पर प्रधानाध्यापक और बीईई पर कार्रवाई होने के बाद पटना जिले के धनरूआ के उच्चतर माध्यमिक वीर ओरियारा स्कूल के सभी शिक्षक अब गांव की गलियों में दिख रहे हैं. तमाम शिक्षक अभिभावक को इस बात के लिए प्रेरित करते दिख रहे हैं कि वह अपने बच्चों को स्कूल भेंजे.

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केके पाठक की सख्ती का असर: दरअसल, शिक्षा विभाग में केके पाठक के आने के बाद सभी स्कूलों में हड़कंप मच गया है. जिसका असर भी साफ दिख रहा है. केके पाठक ने निर्देश दिया है कि जिन स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति कम रहेगी, वहां के प्रधानाध्यापक और बीईई पर कार्रवाई होगी. ऐसे में धनरूआ प्रखंड के उच्चतर माध्यमिक वीर ओरयारा विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने को लेकर वहां के प्रभारी इंचार्ज आशीष कुमार के नेतृत्व में कई टीमों में विभक्त होकर पूरे वीर गांव में घर-घर जाकर उन बच्चों के अभिभावकों से मिलकर उन्हें प्रेरित कर रहे हैं.

बच्चों को स्कूल भेजने के लिए पहल: शिक्षक तमाम बच्चों को स्कूल भेजने को लेकर अभिभावकों को प्रेरित करते दिख रहे हैं ताकि स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ सके और उसका पठन-पाठन सुचारू रूप से चल सके. वीर ओरियारा हाई स्कूल के प्रभारी आशीष कुमार ने बताया कि बहुत सारे लड़के अब सिर्फ कोचिंग पर निर्भर हो गए हैं. ऐसे में स्कूल में उनकी उपस्थिति कम होती जा रही है लेकिन उन सभी बच्चों को स्कूलों में पठन-पाठन करते हुए उन्हें पढ़ने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. उनके अभिभावकों को स्कूल भेजने के लिए बच्चों को प्रेरित किया जा रहा है.

टीम बनाकर अभिभावक से मिल रहे हैं शिक्षक: धनरूआ स्थित उच्च माध्यमिक विद्यालय स्कूल में वहां के प्रभारी आशीष कुमार के नेतृत्व में 7 सदस्य शिक्षकों की टीम बनाकर पूरे गांव के विभिन्न गलियों में घूम-घूमकर गांव के सभी अभिभावकों को अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. जिसमें मुकुल चंद्र मौर्य, उपेंद्र कुमार, सुजीत कुमार सौरव, हेमलता वर्मा, सुनीता कुमारी और संगीता पाठक शामिल हैं.

"घर-घर जाकर हमलोग अभिभावकों से मिल रहे हैं और उनको अपील कर रहे हैं कि वह अपने बच्चे को स्कूल भेजें. हमलोग इस बात के लिए प्रेरित कर रहे हैं कि अपने बच्चों को प्राइवेट कोचिंग सेंटर की बजाय सरकारी स्कूल भेंजे. वहां पर भी पढ़ने-पढ़ाने की सुदृढ़ व्यवस्था है"- आशीष कुमार, प्रभारी, उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, वीर ओरियारा, धनरुआ

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