पटना: प्रदेश में किन्नरों की आबादी लगभग 40 हजार के करीब है. अब बिहार सरकार ने पुलिस की नौकरियों में किन्नर समाज के लिए लगभग 1% का आरक्षण दिया है. हाल ही में पटना हाइकोर्ट में सरकार ने किन्नरों के रिजर्वेशन को लेकर जवाब दिया था कि सरकार ने किन्नरों को रिजर्वेशन दिया है. जब भी पुलिस बल की बहाली होगी, तो हर जिले में एक एसआई और 4 कॉन्स्टेबल के पदों पर किन्नरों की नियुक्ति की जाएगी.
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बहाली का रास्ता साफ
पटना के गोपाल मार्केट में चलने वाले शिक्षण संस्थान अदम्य अदिति गुरुकुल में दारोगा की तैयारी करने के लिए क्लास ज्वाइन की हुई ट्रांसजेंडर अनुप्रिया ने बताया कि बिहार पुलिस की नौकरी के लिए किन्नर समाज को आरक्षण देने का सरकार का फैसला किन्नरों के उत्थान के प्रति एक बहुत बड़ा कदम है. उन्होंने कहा कि किन्नर समाज बहुत पहले से ही स्टिग्मा और डिस्क्रिमिनेशन झेलते आ रहे हैं.
''पहले बिहार सरकार के वैकेंसी में किन्नर समाज के लिए कोई कॉलम नहीं रहता था. ऐसे में काफी संख्या में पढ़े-लिखे किन्नर भी नौकरी से वंचित रह जाते थे. साल 2020 के दिसंबर में बिहार सरकार की एक वैकेंसी आई थी. जिसमें ट्रांसजेंडर के लिए कॉलम गायब था. जिसके बाद उनके समाज से एक एक्टिविस्ट ने पटना हाईकोर्ट में पीआईएल दायर किया. जिसके बाद ये फैसला आया कि ट्रांसजेंडर को भी रिजर्वेशन देना अनिवार्य है''- अनुप्रिया, ट्रांसजेंडर
दारोगा बनने की तैयारी
बिहार पुलिस की बहाली में महिलाओं के लिए निर्धारित पैमाने पर ही किन्नरों की नियुक्ति होगी. किन्नर समाज के लिए सरकार के इस फैसले से समाज काफी उत्साहित है. एक लंबे समय से निराशा पूर्ण जीवन जी रहे किन्नर समाज को इस फैसले से आशा की किरण दिखी है और जीवन में आगे बढ़ने का अवसर प्राप्त हुआ है.
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क्लास में सभी करते हैं सहयोग
दारोगा परीक्षा की तैयारी कर रही किन्नर वीरा यादव ने बताया कि वह पटना विश्वविद्यालय से 2016-18 बैच से एमएसडब्ल्यू में पीजी की हैं. उन्होंने बताया कि कोचिंग संस्थान में छात्र-छात्राओं के बीच में बैठकर पढ़ना उन्हें काफी अच्छा महसूस हो रहा है. सबसे अच्छा ये लगता है कि क्लास रूम में उन्हें कोई भी उपेक्षा की दृष्टि से नहीं देखता है.
''सरकार की तरफ से उन लोगों को सरकारी नौकरियों में भी मौका दिया गया है, इससे काफी खुशी है. उम्मीद है कि आने वाले कुछ सालों में ट्रांसजेंडर भी महिला और पुरुषों के साथ बराबरी से कंधे से कंधा मिलाकर चल सकेंगे. वर्तमान समय में भी काफी संख्या में उच्च शिक्षा प्राप्त कर चुके किन्नर समाज में मौजूद हैं. मगर अपने भीख मांगने के कार्य के कारण शर्म से अपनी शिक्षा समाज को नहीं बताते हैं''- वीरा यादव, ट्रांसजेंडर
ट्रांसजेंडर को बिहार में मिला सम्मान
किन्नर छात्र-छात्राओं को पढ़ाने वाले शिक्षक गुरु रहमान ने बताया कि समाज किन्नरों के बारे में कोई भी विचार रखें, वह इससे इत्तेफाक नहीं रखते हैं. उनका मानना है कि समाज इंसानों से मिलकर बनता है और किन्नर भी इंसान है. इसलिए उनके पास पढ़ाई करने आने वाले सभी किन्नर उनके बेटे और बेटी की तरह है. बिहार सरकार ने पुलिस की नौकरियों में जब किन्नरों के लिए रिजर्वेशन का प्रावधान किया. जिसके बाद से उनके पास काफी संख्या में किन्नर छात्र-छात्राएं पहुंचे. जो शिक्षा प्राप्त करना चाहते थे.
''गुरु रहमान ने कहा कि हमने खुले दिल से किन्नरों का अपनी क्लास में स्वागत किया और निर्धारित किया कि किन्नरों से फीस के रूप में मात्र 11 रुपए गुरु दक्षिणा लेंगे. सही मायने में गुरु दक्षिणा तभी होगी, जब वह अपने मेहनत के बलबूते एग्जाम क्वालीफाई करेंगे. पढ़ाई को लेकर किन्नरों में जो जागृति देखने को मिल रही है, निश्चित तौर पर आने वाले दिनों में समाज के कई प्रतिष्ठित पदों पर किन्नर आसीन होंगे और समाज में उनकी स्वीकार्यता होगी''- गुरु रहमान, शिक्षक और समाज के प्रतिष्ठित शिक्षाविद
अब पुलिस की वर्दी में भी दिखेंगे किन्नर
अब पढ़े-लिखे किन्नर समाज के युवा बिहार पुलिस की तैयारी करने को लेकर कंपटीशन की तैयारी कराने वाले शिक्षण संस्थानों में प्रवेश लेने लगे हैं. शिक्षक भी 11 रुपए की गुरु दक्षिणा लेकर इनकी तैयारी करवा रहे हैं. इसके साथ ही गुरु किन्नर समाज के युवाओं से ये भी कह रहे हैं कि सही मायने में गुरु दक्षिणा तभी होगी, जब वह बिहार पुलिस की परीक्षा में क्वालीफाई करेंगे.