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NCC Cadets Training Program: 'आज अगर सिर झुकाकर पढ़ेंगे तो कल सबसे ऊंचा सिर आपका होगा', बच्चों से बोले खान सर

पटना में एनसीसी कैडेट्स ट्रेनिंग प्रोग्राम में पहुंचे खान सर ने बच्चों को कुछ खास टिप्स दिए हैं. उन्होंने बच्चों के आर्मी में जाने के लिए कई उदाहरण दिए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आज भारतीय क्रिकेट टीम में जाने के लिए जैसे आईपीएल में अच्छा परफॉर्मेंस देना जरूरी है वैसे ही फौज के लिए एनसीसी की ट्रेनिंग भी महत्वपूर्ण है. आगे पढ़ें पूरी खबर...

NCC कैडेट्स ट्रेनिंग प्रोग्राम में खान सर
NCC कैडेट्स ट्रेनिंग प्रोग्राम में खान सर
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Published : May 11, 2023, 7:26 AM IST

NCC कैडेट्स ट्रेनिंग प्रोग्राम में खान सर

पटना: देश के जाने-माने शिक्षक और मानचित्र विशेषज्ञ खान सर ने बच्चों से कहा कि यदि आज आप सर झुका कर पढ़ लेते हैं तो कल गांव मोहल्ले में सबसे ऊंचा सर आपका होगा. मौका था एनसीसी कैडेट्स के ट्रेनिंग प्रोग्राम का जहां खान सर मोटीवेटर के तौर पर बच्चों को संबोधित करने के लिए पहुंचे हुए थे. खान सर ने कहा कि आज भारतीय क्रिकेट टीम में जाने के लिए आईपीएल में परफॉर्मेंस जिस प्रकार महत्वपूर्ण हो जाता है उसी प्रकार फौज के लिए एनसीसी की ट्रेनिंग महत्वपूर्ण है. एक तरह से एनसीसी फोर्स जॉइन करने के लिए आईपीएल है. एनसीसी में जो डिसिप्लिन सिखाई जाती है, वह हमें देश का जिम्मेदार नागरिक बनने में मदद करती है.

पढ़ें-RRB-NTPC Result: पत्रकार नगर थाने में उपस्थित हुए खान सर, पुलिस बोली- जांच पूरी होने तक नहीं जा सकते बिहार से बाह

टाइम मैनेजमेंट पर खास टिप्स: उन्होंने कहा कि दुनिया का सबसे मूल्यवान चीज कोई है तो वह वर्तमान समय है. वर्तमान समय को वापस नहीं लाया जा सकता. जी जान लगाकर मेहनत कीजिए और कोई काम कर रहे हैं तो उसे कर लीजिए या छोड़ दीजिए, असमंजस के जीवन में नहीं रहिए. एनसीसी इतना दृढ़ संकल्प दे देता है कि ऐसी कोई चीज नहीं कि आप उसे ग्रहण नहीं कर सकते. इस समय सभी की युवा उम्र है और इस उम्र में भटकाव बहुत अधिक होते हैं. आज के समय डिस्ट्रक्शन को मैनेज करना बेहद जरूरी है. इस उम्र में पढ़ाई पर ध्यान दीजिए क्योंकि आज आप सर झुका करके पढ़ लेते हैं तो कल गांव मोहल्ले में सबसे ऊंचा सर आपका होगा. आपकी उपलब्धि से मां-बाप की कई बीमारियां अपने आप ठीक हो जाएंगी.

भाषा शैली और गुस्से पर दें ध्यान: युवा उम्र में बच्चे पैसे का दुरुपयोग करने लगते हैं जो उन्हें काफी नुकसान पहुंचाता है. पैसा साफ-साफ कहता है कि आज तुम मुझे बचा लो कल मैं तुम्हें बचा लूंगा. विद्यार्थी जीवन जीने के लिए जरूरी है कि जितना सिंपल जीवन जी सकते हैं जीएं. उन्होंने कहा कि युवा उम्र में भाषा पर नियंत्रण रखना भी बेहद जरूरी होता है क्योंकि 3 साल की उम्र में आदमी बोलना सीख जाता है लेकिन जीवन भर यह सीखने में गुजर जाता है कि बोलना क्या है. भाषा शैली पर ध्यान दें और गुस्से पर नियंत्रण रखें.

गुस्से पर नियंत्रण रखना है जरूरी: खान सर ने कहा कि युवाओं को वह विशेष रूप से कहेंगे कि छोटी-छोटी बातों पर लड़ाई झगड़ा ना करें. कोई कुछ बोलता है तो चुप होकर निकल जाए और मेहनत करके कुछ ऐसा हासिल करें कि जब आपके कंधे पर स्टार हो तो सामने वाले को जवाब ना देना पड़े और चुपचाप से जवाब मिल जाए. उन्होंने कहा कि गुस्सा पर नियंत्रण रखना इसलिए जरूरी है क्योंकि गुस्सा वह जड़ है जिसके पेड़ का नाम अहंकार है, गुस्सा होने पर अहंकार आता है. कोई कुछ भला बुरा बोलता है तो उसका जवाब देना जरूरी नहीं है क्योंकि गधों की रेस में आप जीत कर भी गधा ही गधा कहलाएंगे ऐसे में इस रेस का क्या फायदा. उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि सभी बच्चे जीवन में अच्छी उपलब्धि हासिल करें क्योंकि माता पिता और गुरु ही चाहता है कि उसका बच्चा और शिष्य उससे आगे निकले.

"युवाओं को वह विशेष रूप से कहेंगे कि छोटी-छोटी बातों पर लड़ाई झगड़ा ना करें. कोई कुछ बोलता है तो चुप होकर निकल जाए और मेहनत करके कुछ ऐसा हासिल करें कि जब आपके कंधे पर स्टार हो तो सामने वाले को जवाब ना देना पड़े और चुपचाप से जवाब मिल जाए. गुस्से पर नियंत्रण रखना इसलिए जरूरी है क्योंकि गुस्सा वह जड़ है जिसके पेड़ का नाम अहंकार है, गुस्सा होने पर अहंकार आता है. कोई कुछ भला-बुरा बोलता है तो उसका जवाब देना जरूरी नहीं है क्योंकि गधों की रेस में आप जीत कर भी गधा ही कहलाएंगे ऐसे में इस रेस का क्या फायदा."- खान सर, शिक्षक

NCC कैडेट्स ट्रेनिंग प्रोग्राम में खान सर

पटना: देश के जाने-माने शिक्षक और मानचित्र विशेषज्ञ खान सर ने बच्चों से कहा कि यदि आज आप सर झुका कर पढ़ लेते हैं तो कल गांव मोहल्ले में सबसे ऊंचा सर आपका होगा. मौका था एनसीसी कैडेट्स के ट्रेनिंग प्रोग्राम का जहां खान सर मोटीवेटर के तौर पर बच्चों को संबोधित करने के लिए पहुंचे हुए थे. खान सर ने कहा कि आज भारतीय क्रिकेट टीम में जाने के लिए आईपीएल में परफॉर्मेंस जिस प्रकार महत्वपूर्ण हो जाता है उसी प्रकार फौज के लिए एनसीसी की ट्रेनिंग महत्वपूर्ण है. एक तरह से एनसीसी फोर्स जॉइन करने के लिए आईपीएल है. एनसीसी में जो डिसिप्लिन सिखाई जाती है, वह हमें देश का जिम्मेदार नागरिक बनने में मदद करती है.

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टाइम मैनेजमेंट पर खास टिप्स: उन्होंने कहा कि दुनिया का सबसे मूल्यवान चीज कोई है तो वह वर्तमान समय है. वर्तमान समय को वापस नहीं लाया जा सकता. जी जान लगाकर मेहनत कीजिए और कोई काम कर रहे हैं तो उसे कर लीजिए या छोड़ दीजिए, असमंजस के जीवन में नहीं रहिए. एनसीसी इतना दृढ़ संकल्प दे देता है कि ऐसी कोई चीज नहीं कि आप उसे ग्रहण नहीं कर सकते. इस समय सभी की युवा उम्र है और इस उम्र में भटकाव बहुत अधिक होते हैं. आज के समय डिस्ट्रक्शन को मैनेज करना बेहद जरूरी है. इस उम्र में पढ़ाई पर ध्यान दीजिए क्योंकि आज आप सर झुका करके पढ़ लेते हैं तो कल गांव मोहल्ले में सबसे ऊंचा सर आपका होगा. आपकी उपलब्धि से मां-बाप की कई बीमारियां अपने आप ठीक हो जाएंगी.

भाषा शैली और गुस्से पर दें ध्यान: युवा उम्र में बच्चे पैसे का दुरुपयोग करने लगते हैं जो उन्हें काफी नुकसान पहुंचाता है. पैसा साफ-साफ कहता है कि आज तुम मुझे बचा लो कल मैं तुम्हें बचा लूंगा. विद्यार्थी जीवन जीने के लिए जरूरी है कि जितना सिंपल जीवन जी सकते हैं जीएं. उन्होंने कहा कि युवा उम्र में भाषा पर नियंत्रण रखना भी बेहद जरूरी होता है क्योंकि 3 साल की उम्र में आदमी बोलना सीख जाता है लेकिन जीवन भर यह सीखने में गुजर जाता है कि बोलना क्या है. भाषा शैली पर ध्यान दें और गुस्से पर नियंत्रण रखें.

गुस्से पर नियंत्रण रखना है जरूरी: खान सर ने कहा कि युवाओं को वह विशेष रूप से कहेंगे कि छोटी-छोटी बातों पर लड़ाई झगड़ा ना करें. कोई कुछ बोलता है तो चुप होकर निकल जाए और मेहनत करके कुछ ऐसा हासिल करें कि जब आपके कंधे पर स्टार हो तो सामने वाले को जवाब ना देना पड़े और चुपचाप से जवाब मिल जाए. उन्होंने कहा कि गुस्सा पर नियंत्रण रखना इसलिए जरूरी है क्योंकि गुस्सा वह जड़ है जिसके पेड़ का नाम अहंकार है, गुस्सा होने पर अहंकार आता है. कोई कुछ भला बुरा बोलता है तो उसका जवाब देना जरूरी नहीं है क्योंकि गधों की रेस में आप जीत कर भी गधा ही गधा कहलाएंगे ऐसे में इस रेस का क्या फायदा. उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि सभी बच्चे जीवन में अच्छी उपलब्धि हासिल करें क्योंकि माता पिता और गुरु ही चाहता है कि उसका बच्चा और शिष्य उससे आगे निकले.

"युवाओं को वह विशेष रूप से कहेंगे कि छोटी-छोटी बातों पर लड़ाई झगड़ा ना करें. कोई कुछ बोलता है तो चुप होकर निकल जाए और मेहनत करके कुछ ऐसा हासिल करें कि जब आपके कंधे पर स्टार हो तो सामने वाले को जवाब ना देना पड़े और चुपचाप से जवाब मिल जाए. गुस्से पर नियंत्रण रखना इसलिए जरूरी है क्योंकि गुस्सा वह जड़ है जिसके पेड़ का नाम अहंकार है, गुस्सा होने पर अहंकार आता है. कोई कुछ भला-बुरा बोलता है तो उसका जवाब देना जरूरी नहीं है क्योंकि गधों की रेस में आप जीत कर भी गधा ही कहलाएंगे ऐसे में इस रेस का क्या फायदा."- खान सर, शिक्षक

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