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आकाशीय बिजली से बचने के लिए इन बातों का रखें ध्यान

आकाश से गिरने वाली बिजली हर साल सैकड़ों लोगों की जान लेती हैं. लेकिन अगर कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो खुले आसमान के नीचे रहकर भी आसमान से गिरने वाली बिजली से अपनी जान बचाई जा सकती है.

आकाशीय बिजली
आकाशीय बिजली
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Published : Jun 26, 2020, 9:01 AM IST

Updated : Jun 26, 2020, 9:17 AM IST

पटना: बरसात के दिनों में आकाशीय बिजली अक्सर जानलेवा साबित होती है. खेतों में काम करने वाले, पेड़ों के नीचे पनाह लेने वाले, तालाब में नहाते समय बिजली चमकने पर इसकी आगोश में आने की संभावना अधिक रहती है. पर कुछ उपाय ऐसे हैं जिससे आकाशीय बिजली से बचा जा सकता है. राज्य सरकार के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा भी लोगों को सतर्क रहने के लिए दिशा निर्देश जारी किया गया है.

एनडीआरएफ ने जारी किया जागरुकता वीडियो
आकाशीय बिजली ज्यादातर बरसात के दिनों में गिरती है. इसकी चपेट में वो लोग आते हैं जो खुले आसमान के नीचे, हरे पेड़ के नीचे होते हैं, पानी के करीब होते हैं या फिर बिजली और मोबाइल के टॉवर के नजदीक होते हैं. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन (एनडीआरएफ) द्वारा जारी एक जागरुकता वीडियो में लोगों को इससे बचने के उपाय बताए गए हैं,

एनडीआरएफ
एनडीआरएफ

इन बातों का ध्यान रखें:

  • जब आप घर के भीतर हों तो बिजली से संचालित उपकरणों से दूर रहें.
  • छतरी या मोबाइल फ़ोन का इस्तेमाल न करें.
  • तार वाले टेलीफोन का उपयोग नहीं करना चाहिए.
  • खिड़कियां व दरवाजे बंद कर दें बरामदे और छत से दूर रहें.
  • धातु से बने पाइप, नल, फव्वारा, वाश बेसिन आदि के संपर्क से दूर रहें.
  • आसमान के नीचे हैं तो अपने हाथों को कानों पर रख लें.
  • अपनी दोनों एड़ियों को जोड़कर जमीन पर पर बैठ जाएं.
  • बिजली गिरने के बाद तुरंत बाहर न निकलें.
  • अगर किसी पर बिजली गिर जाए, तो फ़ौरन डॉक्टर की मदद मांगे
    व्रजपात
    व्रजपात

ये भी पढ़ेंः बिहार में वज्रपात से अब तक 105 लोगों की मौत, लोगों से घरों में रहने की अपील

क्या होती है आकाशीय बिजली?
अधिकतर मानसून आने के बाद या बरसात के मौसम बिजली गिरने और कड़कने की घटना सामने आती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आसमान से बिजली क्यों कड़कती है. दरअसल, आसमान में अपोजिट एनर्जी के बादल हवा से उमड़ते और घुमड़ते रहते हैं. तब, आकाश में बादलों के बीच टक्कर होती है. इससे होने वाले घर्षण से बिजली पैदा होती है जो धरती पर गिरती है. इसी पूरी प्रक्रिया को आकाशीय बिजली कहते हैं.

आकाशीय बिजली
आकाशीय बिजली

बिजली को पड़ती है कंडक्टर की जरूरत
साथ ही हम आपको बता दें कि धरती पर पहुंचने के बाद बिजली को कंडक्टर की जरूरत पड़ती है. आकाशीय बिजली जब लोहे के खंभों के अगल-बगल से गुजरती है तो वह कंडक्टर का काम करता है. उस समय कोई व्यक्ति यदि उसके संपर्क में आता है तो उसकी जान तक जा सकती है.आकाशिय बिजली गिरने से हर साल इंसानों के साथ पशु-पक्षियों तक की मौत हो जाती है, हरे पेड़ तक गिर जाते हैं.

पटना: बरसात के दिनों में आकाशीय बिजली अक्सर जानलेवा साबित होती है. खेतों में काम करने वाले, पेड़ों के नीचे पनाह लेने वाले, तालाब में नहाते समय बिजली चमकने पर इसकी आगोश में आने की संभावना अधिक रहती है. पर कुछ उपाय ऐसे हैं जिससे आकाशीय बिजली से बचा जा सकता है. राज्य सरकार के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा भी लोगों को सतर्क रहने के लिए दिशा निर्देश जारी किया गया है.

एनडीआरएफ ने जारी किया जागरुकता वीडियो
आकाशीय बिजली ज्यादातर बरसात के दिनों में गिरती है. इसकी चपेट में वो लोग आते हैं जो खुले आसमान के नीचे, हरे पेड़ के नीचे होते हैं, पानी के करीब होते हैं या फिर बिजली और मोबाइल के टॉवर के नजदीक होते हैं. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन (एनडीआरएफ) द्वारा जारी एक जागरुकता वीडियो में लोगों को इससे बचने के उपाय बताए गए हैं,

एनडीआरएफ
एनडीआरएफ

इन बातों का ध्यान रखें:

  • जब आप घर के भीतर हों तो बिजली से संचालित उपकरणों से दूर रहें.
  • छतरी या मोबाइल फ़ोन का इस्तेमाल न करें.
  • तार वाले टेलीफोन का उपयोग नहीं करना चाहिए.
  • खिड़कियां व दरवाजे बंद कर दें बरामदे और छत से दूर रहें.
  • धातु से बने पाइप, नल, फव्वारा, वाश बेसिन आदि के संपर्क से दूर रहें.
  • आसमान के नीचे हैं तो अपने हाथों को कानों पर रख लें.
  • अपनी दोनों एड़ियों को जोड़कर जमीन पर पर बैठ जाएं.
  • बिजली गिरने के बाद तुरंत बाहर न निकलें.
  • अगर किसी पर बिजली गिर जाए, तो फ़ौरन डॉक्टर की मदद मांगे
    व्रजपात
    व्रजपात

ये भी पढ़ेंः बिहार में वज्रपात से अब तक 105 लोगों की मौत, लोगों से घरों में रहने की अपील

क्या होती है आकाशीय बिजली?
अधिकतर मानसून आने के बाद या बरसात के मौसम बिजली गिरने और कड़कने की घटना सामने आती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आसमान से बिजली क्यों कड़कती है. दरअसल, आसमान में अपोजिट एनर्जी के बादल हवा से उमड़ते और घुमड़ते रहते हैं. तब, आकाश में बादलों के बीच टक्कर होती है. इससे होने वाले घर्षण से बिजली पैदा होती है जो धरती पर गिरती है. इसी पूरी प्रक्रिया को आकाशीय बिजली कहते हैं.

आकाशीय बिजली
आकाशीय बिजली

बिजली को पड़ती है कंडक्टर की जरूरत
साथ ही हम आपको बता दें कि धरती पर पहुंचने के बाद बिजली को कंडक्टर की जरूरत पड़ती है. आकाशीय बिजली जब लोहे के खंभों के अगल-बगल से गुजरती है तो वह कंडक्टर का काम करता है. उस समय कोई व्यक्ति यदि उसके संपर्क में आता है तो उसकी जान तक जा सकती है.आकाशिय बिजली गिरने से हर साल इंसानों के साथ पशु-पक्षियों तक की मौत हो जाती है, हरे पेड़ तक गिर जाते हैं.

Last Updated : Jun 26, 2020, 9:17 AM IST
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