पटना : जेडीयू ने अरुणाचल प्रदेश में पार्टी के 6 विधायकों को तोड़ने की बीजेपी की कार्रवाई को गठबंधन धर्म का उल्लंघन बताया है. जेडीयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि यह रवैया कहीं से भी दोस्ताना नहीं है.
जेडीयू नेता केसी त्यागी ने बीजेपी की दोस्ती पर सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि अरुणाचल प्रदेश में बीजेपी ने जेडीयू के विधायकों को तोड़कर दोस्ती का धर्म नहीं निभाया है. उन्होंने कहा कि गठबंधन में इस तरह की चीजें नहीं होनी चाहिए. बीजेपी को इस तरह के प्रयोगों से बचना चाहिए. हालांकि, उन्होंने साफ कर दिया कि बिहार में एनडीए गठबंधन पर इसका कोई असर नहीं पड़ने वाला है.
पार्टी विस्तार पर लगा स्टॉप!
नीतीश कुमार अपनी पार्टी जेडीयू के विस्तार को लेकर चर्चा करते रहते हैं. यही नहीं, इससे पहले उन्होंने दिल्ली चुनाव में भी पार्टी को मैदान में उतारा था. वहीं, नीतीश कुमार ने पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव में भी उम्मीदवारों को उतारने की बात कही. इससे पहले अरुणाचल प्रदेश में जेडीयू मुख्य विपक्ष के रूप में सदन में थी और सरकार बीजेपी की है. अरुणाचल में इसी साल हुए चुनाव में जदयू के सात विधायक जीते थे.
अरुणाचल में जेडीयू को झटका
अरुणाचल प्रदेश में सहयोगी बीजेपी ने जेडीयू को करारा झटका दिया है. प्रदेश में जेडीयू के सात में से छह विधायक सहयोगी सत्तारूढ़ बीजेपी में शामिल हो गए हैं. इसके साथ ही पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल प्रदेश (पीपीए) का एक विधायक भी पार्टी बदलकर बीजेपी में शामिल हो गया है. इसके बाद बीजेपी के अब राज्य में 48 विधायक हो गए हैं. अरुणाचल में अब जेडीयू का एकमात्र विधायक रह गया है.
नीतीश को फर्क क्यों नहीं पड़ता है?
हालांकि, अरुणाचल प्रदेश में बीजेपी द्वारा 6 विधायक तोड़े जाने के बावजूद नीतीश कुमार ने कहा कि उन्हें फर्क नहीं पड़ता है. इस बाबत सवाल किए जाने पर उन्होंने बस मुस्कुरा दिया.
टराष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक निर्धारित है, इससे पहले वो अलग हो गये हैं. हमारा ध्यान पार्टी की प्रस्तावित बैठक पर केंद्रित है. वह अपने रास्ते चले गये हैं.' - नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री
हालांकि जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने बीजेपी के इस कदम को गैरदोस्ताना करार दिया लेकिन ये भी साफ कर दिया कि बिहार में एनडीए गठबंधन पर इसका कोई असर नहीं पड़ने वाला है.