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कामेश्वर चौपाल बन सकते हैं बिहार के डिप्टी सीएम, कहा- जो भूमिका मिलेगी निभाऊंगा

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Published : Nov 13, 2020, 11:16 AM IST

Updated : Nov 13, 2020, 3:04 PM IST

कामेश्वर चौपाल ने पटना एयरपोर्ट पर कहा कि पार्टी का सिपाही हूं, जो काम मिलेगा करूंगा. जानकारी के अनुसार कामेश्वर को इस बार भारतीय जनता पार्टी अहम भूमिका देने जा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी उनकी मुलाकात हुई है.

kameshwar chaupal
कामेश्वर चौपाल

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए को मिली जीत के बाद अब नई सरकार का गठन होना है. इस संबंध में आज एनडीए की बैठक होने वाली है. सूत्रों के अनुसार इस बार सरकार में भाजपा के कई नए चेहरे शामिल हो सकते हैं. इन सबमें प्रमुख रूप से राम मंदिर निर्माण समिति के सदस्य कामेश्वर चौपाल का नाम सामने आ रहा है. इन्हें उपमुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी मिल सकती है.

कामेश्वर को उपमुख्यमंत्री बनाने की मांग
शुक्रवार को कामेश्वर चौपाल पटना पहुंचे. पटना एयरपोर्ट पर कार्यकर्ताओं ने उनका भव्य स्वागत किया. इस दौरान समर्थकों ने एयरपोर्ट पर बिहार का उपमुख्यमंत्री कैसा हो, कामेश्वर चौपाल जैसा हो का नारा लगाया.

देखें रिपोर्ट

"मैं पार्टी का सिपाही हूं, जो काम मिलेगा करूंगा. पार्टी जो भी भूमिका देगी, उसे निभाऊंगा. जहां तक मुख्यमंत्री पद की बात है तो एनडीए में सब कुछ पहले से तय है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही होंगे. उनके नेतृत्व में बिहार के विकास को आगे बढ़ाना है."- कामेश्वर चौपाल, राम मंदिर निर्माण समिति के सदस्य

कामेश्वर को मिल सकती है अहम जिम्मेदारी
सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार कामेश्वर चौपाल को इस बार भारतीय जनता पार्टी अहम भूमिका देने जा रही है. कामेश्वर इस बार बिहार सरकार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. कयास लगाया जा रहा है कि कामेश्वर चौपाल उपमुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी कामेश्वर की मुलाकात हुई है. यही कारण है कि सरकार गठन से पहले उन्हें बिहार भेजा गया है. अब देखना है कि नई सरकार में कामेश्वर चौपाल की क्या भूमिका होगी. गौरतलब है कि कामेश्वर चौपाल बिहार विधान परिषद के पूर्व सदस्य हैं और फिलहाल राम मंदिर निर्माण समिति के बिहार के एकमात्र सदस्य हैं.

कामेश्वर ने रखी थी राम मंदिर की पहली ईंट
बिहार के सुपौल जिले के कामेश्वर चौपाल 90 के दशक में राम मंदिर के लिए चले आंदोलन में काफी सक्रिय थे. 1989 के राम मंदिर आंदोलन के समय हुए शिलान्यास में कामेश्वर ने राम मंदिर की पहली ईंट रखी थी. इसके चलते आरएसएस ने उन्हें प्रथम कार्यसेवक का दर्जा दिया था. कामेश्वर की पढ़ाई-लिखाई मधुबनी में हुई थी. स्कूल में पढ़ते समय ही वह संघ के संपर्क में आए थे. वह जिस शिक्षक से पढ़ते थे वे संघ के कार्यकर्ता थे. स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह संघ से जुड़ गए. संघ ने उन्हें मधुबनी जिले का जिला प्रचारक बनाया था.

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए को मिली जीत के बाद अब नई सरकार का गठन होना है. इस संबंध में आज एनडीए की बैठक होने वाली है. सूत्रों के अनुसार इस बार सरकार में भाजपा के कई नए चेहरे शामिल हो सकते हैं. इन सबमें प्रमुख रूप से राम मंदिर निर्माण समिति के सदस्य कामेश्वर चौपाल का नाम सामने आ रहा है. इन्हें उपमुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी मिल सकती है.

कामेश्वर को उपमुख्यमंत्री बनाने की मांग
शुक्रवार को कामेश्वर चौपाल पटना पहुंचे. पटना एयरपोर्ट पर कार्यकर्ताओं ने उनका भव्य स्वागत किया. इस दौरान समर्थकों ने एयरपोर्ट पर बिहार का उपमुख्यमंत्री कैसा हो, कामेश्वर चौपाल जैसा हो का नारा लगाया.

देखें रिपोर्ट

"मैं पार्टी का सिपाही हूं, जो काम मिलेगा करूंगा. पार्टी जो भी भूमिका देगी, उसे निभाऊंगा. जहां तक मुख्यमंत्री पद की बात है तो एनडीए में सब कुछ पहले से तय है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही होंगे. उनके नेतृत्व में बिहार के विकास को आगे बढ़ाना है."- कामेश्वर चौपाल, राम मंदिर निर्माण समिति के सदस्य

कामेश्वर को मिल सकती है अहम जिम्मेदारी
सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार कामेश्वर चौपाल को इस बार भारतीय जनता पार्टी अहम भूमिका देने जा रही है. कामेश्वर इस बार बिहार सरकार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. कयास लगाया जा रहा है कि कामेश्वर चौपाल उपमुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी कामेश्वर की मुलाकात हुई है. यही कारण है कि सरकार गठन से पहले उन्हें बिहार भेजा गया है. अब देखना है कि नई सरकार में कामेश्वर चौपाल की क्या भूमिका होगी. गौरतलब है कि कामेश्वर चौपाल बिहार विधान परिषद के पूर्व सदस्य हैं और फिलहाल राम मंदिर निर्माण समिति के बिहार के एकमात्र सदस्य हैं.

कामेश्वर ने रखी थी राम मंदिर की पहली ईंट
बिहार के सुपौल जिले के कामेश्वर चौपाल 90 के दशक में राम मंदिर के लिए चले आंदोलन में काफी सक्रिय थे. 1989 के राम मंदिर आंदोलन के समय हुए शिलान्यास में कामेश्वर ने राम मंदिर की पहली ईंट रखी थी. इसके चलते आरएसएस ने उन्हें प्रथम कार्यसेवक का दर्जा दिया था. कामेश्वर की पढ़ाई-लिखाई मधुबनी में हुई थी. स्कूल में पढ़ते समय ही वह संघ के संपर्क में आए थे. वह जिस शिक्षक से पढ़ते थे वे संघ के कार्यकर्ता थे. स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह संघ से जुड़ गए. संघ ने उन्हें मधुबनी जिले का जिला प्रचारक बनाया था.

Last Updated : Nov 13, 2020, 3:04 PM IST
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