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शरद पूर्णिमा के समाप्त होते ही कल्पवास मेले की शुरुआत, कार्तिक स्नान के लिए उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

इस महीने में उत्तरायण गंगा के तट पर गंगा स्नान का इतना महत्व है कि लोग एक महीने के लिए बनारस, सिमरिया, बाढ़ के उमा नाथधाम, बाढ़ के अलखनाथ धाम चले आते हैं और पूरे महीने लगातार गंगा स्नान कर पूजा पाठ करते हैं.

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Published : Oct 28, 2019, 12:56 PM IST

कार्तिक स्नान

पटना: शरद पूर्णिमा के समाप्त होते ही कल्पवास मेले की शुरुआत हो जाती है. इसे कार्तिक स्नान भी कहा जाता है. कार्तिक महीने के पहले दिन से लेकर पूर्णिमा तक अनवरत गंगा स्नान और पूजा-पाठ का दौर शुरू हो जाता है. महिलाएं दूर-दूर से आकर अलखनाथ घाट में गंगा स्नान कर पूजा करती हैं और अपने परिवार के लिए सुख-समृद्धि की कामना करती हैं.

sharad purnima
कार्तिक स्नान करने पहुंचे लोग

सबसे पवित्र महीना माना जाता कार्तिक
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार 12 महीनों में कार्तिक महीने को सबसे पवित्र महीना माना जाता है. इस महीने में सारे देवी-देवताओं का पृथ्वी पर पदार्पण हो जाता है, यानी एक महीने तक लगातार सभी देवी-देवता पृथ्वी पर रहते हैं. इसलिए इसे त्यौहारों का महीना भी कहा जाता है.

sharad purnima
पूजा पाठ करते लोग

श्रद्धालुओं की उमड़ पड़ती भीड़
सोमवारी अमावस्या होने को लेकर गंगा घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ती है. जैसे-जैसे कार्तिक महीने की शुरुआत होती है श्रद्धालुओं की भीड़ भी बढ़ती जाती है. वहीं, इस अवसर पर स्थानीय लोगों द्वारा पूजा-पाठ, सिंगार सहित कई तरह के दुकान लगाए जाते हैं. साथ ही यहां भजन कीर्तन का भी आयोजन होता है.

पेश है एक रिपोर्ट

इस महीने में उत्तरायण गंगा के तट पर गंगा स्नान का इतना महत्व है कि लोग एक महीने के लिए बनारस, सिमरिया, बाढ़ के उमा नाथधाम, बाढ़ के अलखनाथ धाम चले आते हैं और पूरे महीने लगातार गंगा स्नान कर पूजा पाठ करते हैं.

पटना: शरद पूर्णिमा के समाप्त होते ही कल्पवास मेले की शुरुआत हो जाती है. इसे कार्तिक स्नान भी कहा जाता है. कार्तिक महीने के पहले दिन से लेकर पूर्णिमा तक अनवरत गंगा स्नान और पूजा-पाठ का दौर शुरू हो जाता है. महिलाएं दूर-दूर से आकर अलखनाथ घाट में गंगा स्नान कर पूजा करती हैं और अपने परिवार के लिए सुख-समृद्धि की कामना करती हैं.

sharad purnima
कार्तिक स्नान करने पहुंचे लोग

सबसे पवित्र महीना माना जाता कार्तिक
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार 12 महीनों में कार्तिक महीने को सबसे पवित्र महीना माना जाता है. इस महीने में सारे देवी-देवताओं का पृथ्वी पर पदार्पण हो जाता है, यानी एक महीने तक लगातार सभी देवी-देवता पृथ्वी पर रहते हैं. इसलिए इसे त्यौहारों का महीना भी कहा जाता है.

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पूजा पाठ करते लोग

श्रद्धालुओं की उमड़ पड़ती भीड़
सोमवारी अमावस्या होने को लेकर गंगा घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ती है. जैसे-जैसे कार्तिक महीने की शुरुआत होती है श्रद्धालुओं की भीड़ भी बढ़ती जाती है. वहीं, इस अवसर पर स्थानीय लोगों द्वारा पूजा-पाठ, सिंगार सहित कई तरह के दुकान लगाए जाते हैं. साथ ही यहां भजन कीर्तन का भी आयोजन होता है.

पेश है एक रिपोर्ट

इस महीने में उत्तरायण गंगा के तट पर गंगा स्नान का इतना महत्व है कि लोग एक महीने के लिए बनारस, सिमरिया, बाढ़ के उमा नाथधाम, बाढ़ के अलखनाथ धाम चले आते हैं और पूरे महीने लगातार गंगा स्नान कर पूजा पाठ करते हैं.

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शरद पूर्णिमा की समाप्ति होते ही कल्पवास मेला की शुरुआत हो जाती है जिसे कार्तिक स्नान भी कहा जाता है।कार्तिक माह के पहले दिन से लेकर पूर्णिमा तक अनवरत गंगा स्नान और पूजा-पाठ का दौर शुरू हो जाता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार 12 माह में कार्तिक माह को सबसे पवित्र महीना माना जाता है। क्योंकि इस महीने में सारे देवी देवताओं का पृथ्वी पर पदार्पण हो जाता है मतलब 1 महीने तक लगातार वे पृथ्वी पर रहते हैं। इस महीने को त्यौहार को का महीना भी कहा जाता है लक्ष्मी पूजा छठ पूजा, दीपा पूजा, सूर्य पूजा, विष्णु पूजा जैसे उत्सव मनाए जाते।

10 बजे तक सोमवारी अमावस्या होने को लेकर आज श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी जैसे-जैसे कार्तिक माह बढ़ रही हो और श्रद्धालुओं की भीड़ भी बढ़ती जा रही है सुबह-सुबह दूर-दूर से महिलाएं आकर अलखनाथ घाट में गंगा स्नान कर पूजा करती हैं और अपने परिवार के लिए सुख और समृद्धि की कामना करती हैं वह स्थानीय लोगों द्वारा पूजा-पाठ सिंगार सहित कई तरह के दुकान लगाए गए वही कल से भजन कीर्तन का भी आयोजन किया गया है जैसे-जैसे कार्तिक माह के दिन बीत रहे और छठ नजदीक आ रही है वैसे उसे पूरा माहौल भक्तिमय होता जा रहा है। वही महिला श्रद्धालुओं ने गंगा नदी के किनारे माता गंगा की पूजा अर्चना की गीत गाए।



सुबह से ही गंगा स्नान करने के लिए महिलाओं की भीड़ अलखनाथ घाट,उमानाथ घाट और बाढ़ के विभिन्न घाटों में उमड़ पड़ी है।वहीं महिलाएं स्नान कर पूजा पाठ की और अपने परिवार के सुख समृद्धि की कामना की। कई महिलाएं लगातार एक महीने तक गंगा स्नान कर पूजा पाठ करती हैं। वहीं महिलाएं एक महीना तक कार्तिक मास की कथा सुनती है।

आज 10 बजे तक सोमवारी अमावस्या होने के कारण पीपल के पेड़ के चारों तरफ फैली देने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी शादीशुदा महिला अपने पति और परिवार की कामना के लिए पीपल के पेड़ पर सोमवारी अमावस्या को फेरी देती है।

उत्तरायण गंगा के तट पर गंगा स्नान का इस महीने में इतना महत्व है कि लोग 1 महीने के लिए बनारस सिमरिया बाढ़ के उमा नाथधाम बाढ़ के अलखनाथ धाम चले आते हैं और 1 महीने तक लगातार गंगा स्नान पूजा पाठ करते हैं। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इस महीने को चतुर्दिक मास भी कहा जाता है जो आषाढ़ महीने का अमावस्या से शुरू होकर कार्तिक की पूर्णिमा के दिन समाप्त होता है।

वाइट- जनार्दन झा lअलखनाथ घाट के पुजारी)





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