पटनाः बिहार के पटना में भीम संवाद कार्यक्रम में सीएम नीतीश कुमार ने 2005 से पहले की स्थिति की याद दिलाई. उन्होंने बताया कि कैसे लोग घरों से बाहर नहीं निकलते थे, लेकिन जब से उनकी सरकार बनी है तब से राज्य में शांति कायम है. सीएम नीतीश कुमार के इस बयान के बाद से सियासी घमासान मचा है. दरअसल, नीतीश कुमार ने जिस समय की बात की, उस वक्त लालू यादव की सरकार थी, जिसे जंगलराज कहा जाता रहा है.
कहीं पलटने वाले तो नहीं हैं नीतीश कुमार? ऐसे में सवाल उठता है कि राजद के समर्थन से सरकार में नीतीश कुमार ने जंगल राज की याद क्यों दिलाई. क्या नीतीश कुमार का फिर से पलटने का प्लान तो नहीं. यह पहली बात नहीं है जब नीतीश कुमार ने राजद के खिलाफ बयान दिया हो. कई मौके पर राष्ट्रीय जनता दल को आईना दिखाने से नहीं चूकते हैं. गांधी मैदान में शिक्षक नियुक्ति पत्र वितरण समारोह के दौरान नीतीश कुमार ने 2005 के पहले की स्थिति याद दिलाई थी.
जनसंख्या नियंत्रण में लालू यादव पर निशानाः बिहार विधानसभा में भी कई बार नीतीश कुमार जंगल राज की दुहाई दे चुके हैं. विधानसभा में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर भी बोलते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि लालू प्रसाद यादव को 9 बच्चे हैं. नीतीश कुमार के इस बयान से इस बार राजद के सब्र का बांध टूट गया. लालू यादव की ओर से कोई बयान तो नहीं आया, लेकिन RJD के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने नीतीश कुमार को आइना दिखाया है.
राजद में नाराजगीः शिवानंद तिवारी ने कहा कि रैली की सफलता से गदगद नीतीश कुमार ने जोक में यह कह दिया है. आजकल झूठ में ऐसा बोल जाते हैं, जिसकी उम्मीद उनके जैसे व्यक्ति से नहीं की जाती है. मेरे जैसे उनके पुराने सहयोगी को कभी-कभी चिंता होती है. 90 के दशक में दलित उत्थान के लिए जो कुछ लालू प्रसाद यादव ने किया. दलितों के लिए जो कुछ किया उसकी फेहरिस्त बहुत लंबी है. इधर, राजद प्रवक्ता ने नीतीश कुमार के इस बयान पर सफाई दी है.
"बिहार में जनता का राज है. भाजपा के लोग अनावश्यक प्रलाप करते हैं. जहां-जहां उनकी सरकार है, वहां जंगल राज है. बिहार में जनता का राज है और जो कोई भी बयानबाजी करते हैं, उन्हें जवाब दिया जाता है." -शक्ति यादव, मुख्य प्रवक्ता, RJD
क्या एक दूसरे को नीचा दिखा रही दोनों पार्टी? कहीं न कहीं नीतीश कुमार के इस बयान से राजद के नेताओं में नाराजगी देखने को मिल रही है. राष्ट्रीय जनता दल एमएलसी सुनील सिंह ने भी फेसबुक पोस्ट के जरिए अपनी व्यथा व्यक्त की. उन्होंने कहा कि "आज भी बिहार में कई पार्टियां हैस जो डींग हांकती है. भाजपा, कांग्रेस या जेडीयू सभी के प्रदेश अध्यक्ष माननीय लालू प्रसाद जी के ही राजनीति विश्वविद्यालय गुरुकुल के छात्र रहे हैं.", इधर, नीतीश कुमार के इस बयान को लेकर भाजपा खूम मजे ले रही है. भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि नीतीश कुमार एक दूसरे को नीचा दिखाने का काम कर रहे हैं.
"राजद और जदयू एक दूसरे को नीचा दिखाने का काम करते हैं. नीतीश कुमा जंगलराज के जरिए लालू प्रसाद यादव के शासनकाल को याद दिलाते हैं. तेजस्वी यादव को बगल में बैठाकर नीतीश कुमार जंगल राज की दुहाई देते हैं. जनसंख्या नियंत्रण पर भी कई बार नीतीश कुमार लालू प्रसाद यादव के 9 बच्चों का जिक्र कर चुके हैं. इस बाह भी लालू प्रसाद यादव ने अपने नेताओं को लगा दिया है." -डॉ रामसागर सिंह, भाजपा प्रवक्ता
कुर्सी के लिए इस तरह बयान दे रहे नीतीश? राजनीतिक विशेषज्ञ अगल अनुमान लगा रहे हैं. विशेषज्ञ का मानना है कि बिहार में कुर्सी की सियासत चलती रही है. समर्थन किसी का हो, लेकिन नीतीश कुमार हर बार मुख्यमंत्री बनते रहे हैं. उन्हें अच्छे से पता है कि लालू यादव और राबड़ी की सरकार में क्या हो रहा था. वे चाहते हैं कि 2005 से पहली वाली स्थिति नहीं आए. इसका फायदा भी उठाया जाता है और इसके माध्यम से जनता के अंदर भय पैदा किया जाता है ताकि लोग एक बार फिर नीतीश कुमार की सरकार बनाए.
"महागठबंधन में भी कुर्सी की सियासत चलती रहती है. नीतीश कुमार संदेश देने की कोशिश करते हैं कि अगर राष्ट्रीय जनता दल की सरकार आ गई तो 2005 के पहले जैसी स्थिति आ जाएगी. जनता के अंदर डर पैदा करने की कोशिश की जाती है ताकि फिर से नीतीश कुमार सीएम बन सके." -रवि उपाध्याय, राजनीतिक विश्लेषक
क्या है जंगलराजः 1990 से लेकर 2005 तक बिहार में लालू-राबड़ी की सरकार थी. इस कार्यकाल में कई बड़े-बड़े आपराधिक घटनाएं हुई. कई गैंगस्टर भी उभरे. हत्या, ब्लात्कार, लूट, फिरौती आम बात हो गई थी. अपराधियों का मनोबल इतना बढ़ा हुआ था कि पुलिस कुछ नहीं कर पा रही थी. बिहार में बढ़ते अपराध का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा था कि बिहार में सरकार नहीं है क्या, जंगलराज आ गया है. सभी से सियासत में जंगलराज नाम जुड़ गया. बिहार में जंगलराज पर सियासत होने होती रही है.
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